बुद्धि का अर्थ एवं परिभाषा
buddhi arth paribhasha visheshta;सामान्यता बुद्धि का आशय व्यक्ति की एक मानसिक शक्ति या क्षमता अथवा योग्यता से लिया जाता है जिसके बलबूते वह किसी कार्य को करने का निर्णय लेकर उसे मूर्तरूप देता है। इसी आधार पर हम किसी व्यक्ति को बुद्धिमान अथवा मन्दबुद्धि कहते हैं। यद्यपि बुद्धि सम्बन्धी कई परीक्षण हुये हैं और कई अभी भी हो रहे हैं किन्तु फिर भी इसकी सर्वमान्य कोई सामान्य परिभाषा नहीं दी जा सकी।
बुद्धि सम्बन्धी कुछ परिभाषाओं का उल्लेख निम्नानुसार किया जा रहा है---
बुडरों के अनुसार," बुद्धि ज्ञान अर्जन करने की क्षमता है।"
वुडवर्थ के अनुसार," बुद्धि कार्य करने की एक विधि है।"
डीयरवार्न के मतानुसार," बुद्धि सीखने अथवा अनुभव से लाभ उठाने की क्षमता है।"
हेनमॉन के मतानुसार," बुद्धि में दो तत्व निहित हैं- ज्ञान की क्षमता तथा ज्ञान धारण।"
बिने के शब्दों में," बुद्धि इन चार शब्दों मे निहित हैं- ज्ञान, आविष्कार, निर्देश और आलोचना।"
थाॅर्नडाइक के शब्दों में," सत्य या तथ्य की दृष्टि से अच्छी प्रतिक्रियाओं की शक्ति बुद्धि हैं।"
पिन्टगर के अनुसार," जीवन की नई परिस्थितियों में सामंजस्य करने की व्यक्ति की योग्यता बुद्धि हैं।
रायबर्न के अनुसार," बुद्धि वह शक्ति है जो हमें समस्याओं के समाधान और उद्देश्यों को प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करती हैं।
बुद्धि संबंधी उपर्युक्त सभी परिभाषायें बुद्धि संबंधी विभिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत करती हैं। इन परिभाषाओं में मुख्यतः बुद्धि को एक योग्यता के रूप में निरूपित किया गया हैं। जैसें-- सीखने की योग्यता, अमूर्त चिन्तन की योग्यता, समस्या का समाधान करने की योग्यता, अनुभव के लाभ उठाने की योग्यता, संबंधों को समझने की योग्यता तथा अपने वातावरण से सामंजस्य करने की योग्यता। यद्यपि प्रत्यक्ष रूप में बुद्धि की उपर्युक्त परिभाषाओं में भिन्नता हैं तथापि उनमें किसी एक या दो कार्य करने की योग्यता के आधार पर समानता भी हैं। अतः मनोवैज्ञानिकों का मत हैं कि," बुद्धि व्यक्ति की जन्मजात शक्ति है तथा उसकी समस्त मानसिक योग्यताओं का योग एवं अभिन्न अंग हैं।" बुद्धि का यही अर्थ सर्वमान्य है। उक्त बात की पुष्टि निम्नलिखित परिभाषाओं से और हो जाती हैं--
रैक्स व नाइट के अनुसार," बुद्धि वह तत्व हैं, जो सब मानसिक योग्यताओं में सामान्य रूप से सम्मालित रहता हैं।"
काॅलेसनिक के अनुसार," बुद्धि कोई एक शक्ति या क्षमता अथवा योग्यता नहीं हैं, जो सब परिस्थितियों में समान रूप से कार्य करती हैं, अपितु अनेक विभिन्न योग्यताओं का योग हैं।"
बुद्धि के विषय में अब एक नया मत यह विकसित हो रहा हैं कि बुद्धि नामक कोई भी तथ्य नहीं हैं। प्रत्येक व्यक्ति की अपनी क्षमता होती है। किसी कार्य को करने की, क्षमता की भिन्नता ही विभेद करती हैं। एक व्यक्ति, एक क्षेत्र में अपनी योग्यता एवं क्षमता का लाभ उठाता है तो दूसरा व्यक्ति दूसरे क्षेत्र मे लाभ उठाता है। स्टोडर्ड ने इसलिए बुद्धि के अस्तित्व को स्वीकार करते हुए कहा हैं," बुद्धि वह योग्यता हैं जिसमें कठिनाई, जटिलता, अमूर्तता, मितव्ययिता, उद्देश्य के प्रति अनुकूलता, सामाजिक मूल्य, मौलिकता की आवश्यकताओं की विशेषताएं हों एवं भावात्मक व्यक्तियों के प्रति सहनशील हों।
बुद्धि की विशेषताएं (buddhi ki visheshta)
बुद्धि की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं--
1. बुद्धि व्यक्ति की जन्मजात शक्ति हैं-- यह शक्ति वंश-परम्परा से प्राप्त होती हैं।
2. बुद्धि व्यक्ति को विभिन्न बातों को सीखने में सहायता प्रदान करती हैं- बुद्धि के कारण ही कुछ लोग जल्दी, कुछ सामान्य गति से और कुछ काफी देर से सीख पाते हैं।
3. बुद्धि व्यक्ति को अमूर्त चिंतन की योग्यता प्रदान करती हैं-- इसी चिंतन के फलस्वरूप व्यक्ति अच्छा डाॅक्टर, वकील, दार्शनिक, चित्रकार, मूर्तिकार और साहित्यकार होते हैं।
4. बुद्धि व्यक्ति को अपने पूर्व अनुभवों से लाभ उठाने की क्षमता प्रदान करती हैं। इन्हीं अनुभवों के आधार पर वह समस्या समाधान करने में सफल होता हैं।
5. बुद्धि व्यक्ति की कठिन परिस्थितियों और जटिल समस्याओं को सहज और सरल बनाती हैं। फलतः व्यक्ति उनसे बिना घबराये हुये उन पर विजय प्राप्त कर लेता हैं।
6. बुद्धि व्यक्ति को नवीन परिस्थितियों के साथ सामंजस्य स्थापित करने का गुण देती है जिसके फलस्वरूप वह सामाजिक संबंध विकसित करता हैं और अन्ततः एक सामाजिक कार्यकर्ता, व्यवसायी, राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ आदि के रूप में सफल भूमिका का निर्वाह करता हैं।
7. बुद्धि पर वंश-परम्परा और वातावरण का प्रभाव अवश्य पड़ता हैं
कुछ व्यक्तियों में वंश-परम्परा का अधिक तथा वातावरण का प्रभाव कम रहता हैं, जबकि कुछ पर वातावरण का अधिक तथा वंश-परम्परा का प्रभाव कम रहता हैं।
8. लिंग-भेद के आधार पर बालक-बालिकाओं में बुद्धि में थोड़ा अंतर पाया जाता हैं, किन्तु कुछ बालिकायें इसकी अपवाद होती हैं, वे बालकों से भी कहीं अधिक बुद्धिमान और ज्ञानवान होती हैं।
9. बुद्धि व्यक्ति को विभेद की क्षमता प्रदान करती हैं
यह व्यक्ति को भले और बुरे, सत्य और असत्य, नैतिक और अनैतिक कार्यों में विवेकपूर्ण ढंग से अंतर करने की योग्यता देती हैं।
10. बुद्धि का विकास होता हैं
बुद्धि का विकास जन्म से लेकर किशोरावस्था के मध्यकाल तक होता हैं।
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