अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक स्मृति में अंतर
dirghkalik smriti or alpkalik smriti me antar;कुछ मनोवैज्ञानिक अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक स्मृति के वर्गीकरण को उचित नहीं मानते हैं। उनके अनुसार इनमें प्रकारात्मक (Typological) अन्तर नहीं होता ह , अन्तर केवल मात्रात्मक ही होता है (Melton, 1963) परन्तु अन्य अनेक शोधकर्त्ता इस वर्गीकरण से सहमत हैं। ऐसे विद्वानों का मत है कि ये दोनों स्मृतियाँ स्मृति की विशिष्ट प्रकार हैं और इनमें भिन्न-भिन्न प्रकार की प्रक्रियाएँ सन्निहित होती हैं। अल्पकालिक स्मृति में सूचनाओं का मात्र पंजीयन (Registration) हो पाता है। इसमें संचयन (Storage), विस्तारण (Elaboration), विश्लेषण (Analysis) एवं सूचना प्रक्रमण (Information processing) आदि जैसे प्रक्रियाएँ सक्रिय नहीं हो पाती हैं, परन्तु दीर्घकालिक स्मृति (LTM) की अवस्था में ये प्रक्रियाएँ सन्निहित रहती हैं (Marx, 1976), अर्थात् पर्यावरण से प्राप्त होने वाली सूचनाओं का पंजीयन ही वास्तव में अल्पकालिक स्मृति (STM) है। इसके बाद सूचनाएँ अपेक्षाकृत स्थाई रूप धारण करने लगती हैं और संचयन होना प्रारम्भ हो जाता है। परन्तु ऐसा होने से पहले सूचनाओं का मानसिक अभ्यास (Rehearsal) किया जाता है। यह दीर्घकालिक स्मृति की अवस्था है। अव्यक्त अभ्यास से अल्पकालिक स्मृति का दीर्घकालिक स्मृति में परिवर्तन हो जाता है और संचयन क्षमता मूलतः दीर्घकालिक स्मृति की ही विशेषता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक स्मृति का वर्गीकरण सर्वथा उचित और वैज्ञानिक भी है। एडम्स (1968) ने भी इसे उचित बताया है। अल्पकालिक और दीर्घकालिक स्मृति के मध्य निम्नलिखित अंतर हैं--
1. सत्ताकाल
अल्पकालिक स्मृति में सत्ताकाल छोटा होता हैं जबकि दीर्घकालिक स्मृति में सत्ताकाल अधिक होता हैं। अधिकांश मनोवैज्ञानिक अध्ययनों से यह ज्ञात होता हैं कि अल्पकालिक स्मृति केवल कुछ ही सेकण्ड के लिए होती है और फिर समाप्त हो जाती हैं, जबकि दीर्घकालिक स्मृति जीवन काल तक संचित रह सकती हैं।
2. रिहर्सल
अल्पकालीन स्मृति में रिहर्सल का अभाव पाया जाता है, इसी कारण सूचनायें कूटबद्ध नहीं हो पाती हैं और अल्पकालीन स्मृति से बाहर निकल जाती हैं, दूसरी और दीर्घकालीन स्मृति में रिहर्सल उपस्थित रहता है, इसलिये सूचनायें कूटबद्ध होती हैं और स्थायी बन जाती हैं।
3. कूटबद्धता
अल्पकालीन स्मृति में सूचनायें अकूटबद्ध होती है। इस कारण वे शीघ्रता से समाप्त हो जाती है, जबकि दीर्घकालीन स्मृति में सूचनायें कूटबद्ध होती हैं, इसलिए दीर्घकालीन स्मृति की सामग्री व्यवस्थित तथा सुसंगठित रहती है।
4. विघटन
अल्पकालीन स्मृति में विघटन की सम्भावना अधिक रहती है, जबकि दीर्घकालीन स्मृति में विघटन की सम्भावना कम रहती है। अल्पकालीन स्मृति की सामग्री असंगठित तथा अव्यवस्थित रहती है इसलिये इसका विघटन सरलता से हो जाता है जबकि दीर्घकालीन स्मृति की सामग्री संगठित तथा व्यवस्थित रहती है, इसलिये इसका विघटन कम या कठिनता के साथ होता है।
5. प्राथमिक तथा द्वितीयक स्मृति
अल्पकालीन स्मृति प्राथमिक स्मृति है जबकि दीर्घकालीन स्मृति द्वितीयक स्मृति है। संवेदी सूचनायें सर्वप्रथम अल्पकालीन स्मृति में जाती हैं और उसमें से कुछ सूचनायें निकल जाती हैं तथा कुछ कूटबद्ध होकर दीर्घकालीन स्मृति में चली जाती हैं।
6. चंचलता
अल्पकालीन स्मृति चंचल होती है। एक सूचना अल्पकालीन स्मृति में प्रवेश करती है तो दूसरी बाहर निकल जाती है। दीर्घकालीन स्मृति में चंचलता नहीं पायी जाती है। इस स्मृति में सूचनायें सुसंगठित तथा संचित रहती है।
Laghu kalin smariti
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