10/10/2021

स्मरण करने की विधियां

By:   Last Updated: in: ,

स्मरण करने की विधियां

smaran karne ki vidhiyan;मनोवैज्ञानिकों ने स्मरण करने की ऐसी अनेक विधियों की खोज की है, जिनका प्रयोग करने से समय की बचत होती है। इनमें से अधिक महत्त्वपूर्ण निम्नांकित हैं-- 

1. पूर्ण विधि (Whole Method) 

इस विधि में याद किए जाने वाले पूरे पाठ को आरम्भ से अन्त तक बार-बार पढ़ा जाता है। यह विधि केवल छोटे और सरल पाठों या कविताओं के ही लिए उपयुक्त है। कोलेसनिक (Kolesnik) के अनुसार," यह विधि बड़े, बुद्धिमान और अधिक परिपक्व मस्तिष्क वाले बालकों के लिए उपयोगी है।" 

2. खण्ड विधि (Part Method) 

इस विधि में याद किए जाने वाले पाठ को कई खण्डों या भागों में बाँट दिया जाता है। इसके बाद उन खण्डों को एक-एक करके याद किया जाता है। इस विधि का दोष यह है कि आगे के खण्ड याद होते जाते हैं और पीछे के भूलते जाते हैं। कोलेसनिक (Kolesnik) का विचार हैं," यह विधि छोटे, कम बुद्धिमान और साधारण बालकों के लिए उपयोगी है।" 

3. मिश्रित विधि (Mixed Method) 

इस विधि में पूर्ण और खण्ड विधियों का साथ-साथ प्रयोग किया जाता है। इसमें पहले पूरे पाठ को आरम्भ से अन्त तक पढ़ा जाता है। फिर उसे खण्डो में बाँटकर, उनको याद किया जाता है। अन्त में, पूरे पाठ को आरम्भ से अन्त तक फिर पढ़ा जाता है। यह विधि कुछ सीमा तक पूर्ण और खण्ड विधियों से अच्छी है। 4.प्रगतिशील विधि (Progressive Method) 

इस विधि में पाठ को अनेक खण्डों मे विभाजित कर लिया जाता है। सर्वप्रथम, पहले खण्ड को याद किया जाता है, उसके बाद पहले और दूसरे खण्ड को साथ-साथ याद किया जाता है। फिर पहले, दूसरे और तीसरे खण्ड को याद किया जाता है। इसी प्रकार, जैसे-जैसे स्मरण करने के कार्य में प्रगति होती जाती है, वैसे-वैसे एक नया खण्ड जोड़ दिया जाता है। इस विधि का दोष यह है कि इसमें पहला खण्ड सबसे अधिक स्मरण के क्रमशः कम किया जाता है और उसके बाद के क्रमशः कम।

5. अन्तरयुक्त विधि (Spaced Method) 

इस विधि में पाठ को थोड़े-थोड़े अन्तर या समय के बाद याद किया जाता है। यह अन्तर एक मिनट का भी हो सकता है और चौबीस घण्टे का भी। यह विधि 'स्थायी स्मृति' (Permanent Memory) के लिए अति उत्तम है। वुडवर्थ का मत हैं," अन्तरयुक्त विधि से स्मरण करने में सर्वोत्तम परिणाम होता है।" 

"Spaced repetitions give the best results in memorising." -"Woodworth"

6. अन्तरहीन विधि (Unspaced Method) 

इस विधि में पाठ को स्मरण करने के लिए समय में अन्तर नहीं किया जाता है। यह विधि 'अन्तरयुक्त विधि' की उल्टी है और उससे अधिक प्रभावशाली है। 

7. सक्रिय विधि (Active Method) 

इस विधि में स्मरण किये जाने वाले पाठ को बोल-बोलकर याद किया जाता है। यह विधि छोटे बच्चों के लिए अच्छी है, क्योंकि इससे उनका उच्चारण ठीक हो जाता है। 

8. निष्क्रिय विधि (Passive Method) 

यह विधि, 'सक्रिय विधि' की उल्टी है। इसमें स्मरण  किए जाने वाले पाठ को बिना बोले मन ही मन याद किया जाता है। यह विधि अधिक आयु वाले बालक के लिए अच्छी है।

9. स्वर विधि (Recitation Method) 

इस विधि में याद किए जाने वाले पाठ को लय से पढ़ा जाता है। यह विधि छोटे बच्चों के लिए उपयोगी है, क्योंकि उनको गा-गाकर पढ़ने में आनन्द आता है।

10. रटने की विधि (Method of Cramming) 

इस विधि में पूरे पाठ को रट लिया जाता है। इस विधि का दोष बताते हुए जेम्स (James) ने लिखा है," इस विधि से जो बातें स्मरण करी जाती हैं, वे अधिकांश रूप में शीघ्र ही विस्मृत हो जाती हैं।" 

11. निरीक्षण विधि (Method of Observing) 

इस विधि में याद किए जाने वाले पाठ का पहले भली प्रकार निरीक्षण या अवलोकन कर लिया जाता है। यदि बालक को संख्याओं की कोई सूची याद करनी है, तो वह पहले इस बात का निरीक्षण कर ले कि वे निश्चित क्रम में हैं। इस विधि के उचित प्रयोग के विषय में वुडवर्थ (Woodworth) ने लिखा है," पाठ को एक बार पढ़ने के बाद उसकी रूपरेखा को और दूसरी बार उसकी विषय-वस्तु को विस्तार से याद करना चाहिए।" 

12. क्रिया-विधि (Method of Learning by Doing) 

इस विधि में स्मरण की जाने वाली बात को साथ-साथ किया भी जाता है। यह विधि बालक की अनेक ज्ञानेन्द्रियों को एक साथ सक्रिय रखती है। अतः उसे पाठ सरलता और शीघ्रता से स्मरण हो जाता है। 

13. विचार साहचर्य की विधि (Method of Association of Ideas)

इस विधि में स्मरण की जाने वाली बातों का ज्ञात बातों से भिन्न प्रकार से सम्बन्ध स्थापित कर लिया जाता है। ऐसा करने से स्मरण शीघ्रता से होता है और स्मरण की हुई बात बहुत समय तक याद रहती है। जेम्स (James) का मत है,' विचार साहचर्य उत्तम चिन्तन द्वारा उत्तम स्मरण की विधि है।" 

14. साभिप्राय स्मरण विधि (Method of Intentional Memorizing) 

पाठ को याद करने के लिए चाहे जिस विधि का प्रयोग किया जाये, पर यदि बालक उसको याद करने का संकल्प या निश्चय नहीं करता है, तो उसको पूर्ण सफलता नहीं मिलती है। वुडवर्थ ने ठीक ही लिखा हैं," यदि कोई भी बात याद की जानी है, तो याद करने का निश्चय आवश्यक है।" 

"to learn is necessary, if The will any learning is to be accomplished." --"Woodworth"

यह भी पढ़े; स्मृति का अर्थ, परिभाषा, तत्व/स्वरूप

संबंधित पोस्ट, मनोविज्ञान 

कोई टिप्पणी नहीं:
Write comment

आपके के सुझाव, सवाल, और शिकायत पर अमल करने के लिए हम आपके लिए हमेशा तत्पर है। कृपया नीचे comment कर हमें बिना किसी संकोच के अपने विचार बताए हम शीघ्र ही जबाव देंगे।