11/22/2021

ब्रिटिश काॅमन सभा/लोकसदन की रचना/संगठन, शक्तियां व कार्य

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प्रश्न. ब्रिटिश लोक सदन के संगठन एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए। 

अथवा 

ब्रिटिश हाउस ऑफ कामन के संगठन एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए। 

अथवा 

ब्रिटेन की काॅमन सभा के संगठन, कार्यों और शक्तियों का वर्णन कीजिए। 

अथवा 

ब्रिटिश काॅमन सभा के संगठन, अधिकारों तथा कार्यों का वर्णन कीजिए। 

अथवा

ब्रिटिश कामन्स सभा की रचना, अधिकारों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए। 

अथवा 

ब्रिटिश लोकसभा के गठन, अधिकारों एवं कार्यों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।

अथवा 

ब्रिटिश कॉमन्स सभा के गठन का वर्णन करें। 

ब्रिटिश काॅमन सभा या लोकसदन (हाउस ऑफ कामन) 

लोकसदन ब्रिटिश संसद का निम्न सदन हैं। इंग्लैंड का लोकसदन दुनिया की प्राचीनतम प्रतिनिधि सभा हैं।  यह एक लोकप्रिय व शक्तिमान सदन हैं। लोकसदन को व्यवहार में संसद कहा जाता हैं।

ब्रिटिश शासन व्यवस्था के अन्तर्गत संसद की संप्रभुता की जब बात होती है तो उसका आशय लोक सदन की संप्रभुता से होता हैं।  

न्यूमैने के शब्दों में," संसद की संप्रभुता लोकसदन में निवास करती हैं।" 

सिडनी लौ के अनुसार," लोकसदन संसार की सबसे प्राचीन, सबसे शक्तिशाली और सर्वाधिक गौरवमयी व्यवस्थापिका हैं।" 

लोकसदन की शक्तियों और महत्व का अनुमान इसी से लगया जा सकता है कि लोकसदन ही संसद का पर्याय बन गई हैं। कहा जाता है कि मंत्रिमंडल संसद के प्रति उत्तरदायी हैं, जबकि वह केवल लोकसदन के प्रति ही उत्तरदायी हैं।" 

लोकसदन या काॅमन सभा की रचना/संरचना या संगठन 

लोकसदन का निर्माण ब्रिटिश नागरिकों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित प्रतिनिधियों से मिलकर होता हैं। लोकसदन के सदस्यों की संख्या निश्चित नहीं होती। उसमें समय-समय पर परिवर्तन होता रहता हैं। सन् 1955 के निर्वाचन-क्षेत्रों में किए गए परिवर्तनों के अनुसार लोकसदन की संख्या सदस्य 630 थी। 1974 मे यह संख्या 635 हो गयी सन् 1983 में सीमा आयोग की संस्तुति पर बढ़कर यह संख्या 650 हो गयी। 1992 के निर्वाचन के समय 651 सदस्य थे। वर्तमान मे (2018) में ब्रिटेन के लोकसदन में 659 सदस्य हैं। जिनमें से 540 सदस्य इंग्लैंड के, 37 वेल्स के, 71 स्कार्टलैंण्ड तथा 12 सदस्य उत्तरी आयरलैंड के हैं। 

ये सभी सदस्य वस्यक मताधिकार के आधार पर चुने जाते हैं। ब्रिटेन में जून 1970 में किये गये परिवर्तन के अनुसार 18 वर्ष के सभी नर-नारी को वोट देने का अधिकार हैं। ब्रिटेन में पहले कुछ बहुसदस्यीय निर्वाचन क्षेत्र भी थे, किन्तु अब सभी निर्वाचिन क्षेत्र एकल सदस्यीय कर दिये गये हैं। काॅमनसभा के एक सदस्य द्वारा लगभग 75 हजार मतदाताओं का प्रतिनिधित्व किया जाता हैं। 

उल्लेखनीय है कि 1948 से पहले ब्रिटेन में महिलाओं को मताधिकार प्राप्त नही था। 1979 के आम चुनाव में अनुदार दल की विजय हुई जिसकी नेता श्रीमती माग्रेट थ्रेचर ब्रिटेन की पहली प्रधानमंत्री बनीं। 

काॅमन सभा की सदस्यता की योग्यताएं 

कोई भी स्त्री-पुरुष किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसदन (काॅमन सभा) का चुनाव लड़ सकता हैं, यदि उसमें निम्नलिखित योग्यताएँ हैं-- 

1. वह ब्रिटेन का नागरिक हो, 

2. उसने 21 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो, 

3. उसका नाम मतदाता-सूची में हो, 

4. वह राज्य के प्रति निष्ठा की शपथ लेने को तैयार हो। 

लोकसदन या काॅमन सभा के लिए अयोग्यता 

ब्रिटिश विधि के अनुसार निम्नलिखित व्यक्ति लोकसदन के सदस्य नही बन सकते हैं--

1.  लाॅर्ड सभा सदस्य (आयरलैंड के लाॅर्डस को छोड़कर) 

2. धर्मधिकारी (वेल्स चर्च के धर्माधिकारियों को छोड़कर)

3. नाबालिग, विदेशी, पागल दिवालिया व अपराधी 

4. नगरों के मेयर व काउण्टियों के शैरिफ 

5. जो किसी तरह प्रत्यक्ष रूप से सरकार द्वारा लाभान्वित होते हों। 

लोकसदन/काॅमन सभा का कार्यकाल 

लोकसदन का कार्यकाल 5 वर्ष है परन्तु आवश्यकतानुसार उसके कार्यकाल में वृद्धि की जा सकती हैं। प्रधानमंत्री के परामर्श पर राजा लोक सदन का विघटन निश्चित अवधि समाप्त होने से पहले भी कर सकता हैं। 

लोकसदन/काॅमन सभा के सदस्यों के विशेषाधिकार 

काॅमन सभा के सदस्यों के विशेषाधिकार निम्नलिखित हैं-- 

1. सदस्यों को सदन में भाषण की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हैं। उनके द्वारा कही गई किसी भी बात के लिए उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती हैं। 

2. सदन के अधिवेशन में 40 दिन पहले और 40 दिन बाद तक उन्हें किसी भी मुकदमें में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता हैं। 

3. लोकसदन के सदस्य स्पीकर के माध्यम से सम्राट तक अपनी बात पहुँचा सकते हैं। 

4. लोकसदन के सदस्यों को अपनी कार्यवाही पर नियंत्रण का अधिकार हैं। सदन चाहे तो अपनी गुप्त कार्यवाही भी चला सकता हैं। 

5. यदि कोई व्यक्ति सदन के विशेषाधिकारों का उल्लंघन करता है तो सदन स्वयं उसे दण्डित कर सकता हैं। 

6. सदन किसी सदस्य की अयोग्यताओं के बारें में निर्णय दे सकता हैं। 

लोकसदन/काॅमन सभा के सदस्यों के वेतन तथा भत्ते एवं पेंशन 

लोक सदन के सदस्यों का वेतन और उन्हें अन्य व्ययों के लिए अनेक भत्ते मिलते हैं। इसके अतिरिक्त उन्हें बिना किराये के रेलयात्रा करने की सुविधा भी प्राप्त होती हैं। जो व्यक्ति कम से कम दस वर्ष तक लोक सदन के सदस्य रह चुके हैं, उन्हें 65 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने पर पेंशन भी दी जाती हैं। 

लोकसदन/काॅमन सभा का अधिवेशन 

लोकसदन का अधिवेशन लार्ड सभा के साथ ही प्रारंभ होता हैं। ब्रिटेन में यह परम्परा हैं कि एक वर्ष में एक अधिवेशन अवश्य ही आहूत किया जाए। सप्ताह में पाँच दिन सदन की बैठक होती हैं। सोमवार से गुरूवार शासकीय विधेयकों पर विचार होता हैं तथा शुक्रवार निजी सदस्यों के विधेयकों पर विचार के लिए सुरक्षित हैं। गणपूर्ति के लिए सदन में 40 सदस्य होने चाहिए। 

पदाधिकारी 

काॅमन सभा का सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी उसका अध्यक्ष होता हैं। वही सदन की सभा की अध्यक्षता करता हैं। अध्यक्ष के हाथ ही एक उपाध्यक्ष भी होता हैं। इसके अतिरिक्त सदन के अन्य पदाधिकारी हैं-- साधन समिति का अध्यक्ष, संसद् का लिपिक, सार्जेण्ट-एट-आर्म्स, संदेशवाहक आदि।

लोकसदन/काॅमन सभा की शक्तियाँ व कार्य 

ब्रिटेन में संसद को जो शक्तियाँ प्राप्त हैं, उनका प्रयोग लोक सदन द्वारा किया जाता हैं। 

1. व्यवस्थापन संबंधी शक्तियाँ 

व्यवस्थापन के संबंध में लोक सदन अत्यधिक शक्तिशाली हैं। लोक सदन साधारण और संवैधानिक दोनों ही प्रकार के कानूनों का निर्माण साधारण प्रक्रिया द्वारा ही कर सकता हैं। साधारण विधेयक यद्यपि दोनों सदनों में प्रस्तावित किए जा सकते हैं, लेकिन इस संबंध में निर्णायक शक्ति लोक सदन के पास हैं। लार्ड सभा साधारण विधेयकों के संबंध में केवल एक वर्ष की देर लगा सकती हैं। 

2. वित्तीय शक्तियाँ 

ब्रिटेन में वित्त विधेयक केवल लोक सदन में ही प्रस्तावित किए जाते हैं। लोक सदन में पारित होने के बाद विधेयक लार्ड सभा की स्वीकृति के लिए भेजे जाते हैं। लार्ड सभा द्वारा स्वीकृत होने के बाद वित्त विधेयक राजा की स्वीकृत के बाद कानून बन जाते हैं। इस संबंध में भी निर्णायक शक्ति लोक सदन के पास हैं। यदि लार्ड सभा वित्त विधेयकों को स्वीकार नहीं करती तो एक माह की अवधि बीत जाने के बाद उसे लार्ड सभा द्वारा स्वीकृत समझ लिया जाता हैं। लार्ड सभा द्वारा सुझाए गए सुझावों को मानना अथवा न मानना लोक सदन की इच्छा पर निर्भर करता हैं। 

3. कार्यपालिका संबंधी शक्तियाँ 

कार्यपालिका के संबंध में लोक सदन की शक्ति महत्वपूर्ण हैं। लाॅस्की का मत हैं," सरकार बनाना तथा उसे राजकाज करने का नियमित अधिकार प्रदान करना या न करना लोक सदन का ऐसा प्रमुख कार्य हैं, जिस पर अन्य सब कार्य निर्भर हैं।' मंत्रिमंडल का गठन संसद के बीच से किया जाता हैं। प्रधानमंत्री परम्परागत रूप से लोक सदन का सदस्य ही हो सकता हैं। अन्य महत्वपूर्ण मंत्रियों की नियुक्ति भी लोक सदन से ही की जाती हैं। मंत्रिमंडल अपने कार्यों के लिए लोक सदन के प्रति उत्तरदायी होता हैं। वह संसद के प्रसादापर्यन्त ही अपने पद रह सकता हैं। लोक सदन अनेक तरीकों से मंत्रिमंडल पर नियंत्रण रखता है तथा अविश्वास के प्रस्ताव द्वारा उसे पदच्युत कर सकता हैं। कार्यपालिका संबंधी लोक सदन के अधिकार केवल सैद्धांतिक ही हैं। व्यावहारिक दृष्टि से आज संसद मंत्रिमंडल पर नियंत्रण नही करती बल्कि मंत्रिमंडल संसद पर नियंत्रण रखता हैं। निति निर्धारण का कार्य भी मंत्रिमंडल द्वारा ही किया जाता हैं। 

उपरोक्त अधिकारों के अलावा लोकसदन को कुछ न्यायिक शक्तियां भी प्राप्त हैं जैसे यदि कोई व्यक्ति सदन में विशेषाधिकारों का उल्लंघन करता है तो उसे स्पीकर द्वारा हस्तांतरित वारण्ट के आधार पर बंदी बनाया जा सकता हैं इसके बाद सदन ही यह निर्णय लेगा कि उसे दण्डित किया जाये या नहीं। लोक सदन द्वारा लिये गये ऐसे निर्णयों को किसी भी न्यायालय द्वारा अवैध नहीं ठहराया जा सकता।

यह जानकारी आपके के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी

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