10/02/2021

अनुशासन का महत्व

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अनुशासन महत्व

अनुशासन का सर्वत्र महत्व है। किन्तु शिक्षा जगत में इसका विशेष महत्व है। क्योंकि शिक्षा और अनुशासन का परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध है। विद्यालयों में बिना अनुशासन की स्थापना के शैक्षिक गतिविधियाँ समुचित रूप से नहीं चल सकती हैं। यही कारण है कि विद्यालयों में अनुशासन की स्थापना पर विशेष रूप से जोर दिया जाता है और कहा जाता है कि अनुशासन शिक्षा प्रदान करने की पहली अनिवार्य शर्त है। अनुशासन के सम्बन्ध में दो विचारधारायें प्रचलित हैं। एक विचारधारा के अनुयायी कठोर दण्ड द्वारा अनुशासन स्थापना के पक्षधर हैं तो दूसरी विचारधारा के मानने वाले आत्मसंयम और स्वतन्त्रता द्वारा अनुशासन कायम करने पर बल देते हैं। इस प्रकार दोनों प्रकार की विचारधारा वाले शिक्षाशास्त्री अनुशासन के महत्व को स्वीकार करते हैं। 

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अतः स्पष्ट है कि शिक्षा जगत में अनुशासन अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यदि हम गम्भीरता से विचार करें तो यह पायेंगे कि अनुशासन का महत्व केवल विद्यालय में ही नहीं बल्कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में है। यह प्रत्येक समाज और राष्ट्र के जीवन की अमूल्य निधि है। कोई भी समाज और राष्ट्र अनुशासन की भावना के अभाव में प्रगति नहीं कर सकता। जिन समाजों और देशों ने अनुशासन विहीनता का रास्ता अपनाया है। उनका पतन हुआ है और वे अपनी स्वाधीनता गंवा बैठे हैं। चाहे विद्यालय हो या सेना अथवा नागरिक सेवा का कोई भी क्षेत्र सभी जगह अनुशासन का महत्व है। एक आदर्श नागरिक जीवन में भी अनुशासन का विशेष महत्व है। एक अनुशासित नागरिक ही अपने अधिकारों और कर्तव्यों में उचित समन्वय स्थापित करने में सफल होता है और यह अनुशासित नागरिक अनुशासन का प्रशिक्षण विद्यालय में ही प्राप्त करता है। यदि छात्र विद्यालय में अनुशासित होते बल्कि नागरिक जीवन में रहकर अध्ययन करना सीख जाते हैं तो वे शिक्षा के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल नहीं और महान बनाने में सफल होते हैं। अनुशासन युक्त व्यवहार कर समाज और राष्ट्र को सुदृढ़ और महान बनाने मे सफल होते हैं।

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