अवलोकन के प्रकार
avlokan ke prakar;वैज्ञानिक अनुसंधान में कई प्रकार से अवलोकन पद्धति का उपयोग किया जाता है अवलोकन को प्रमुख रूप से निम्न प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है--
1. सहभागी अवलोकन
किसी भी घटना का निर्वाचन शुद्ध स्वरूप में करना हो तो उस घटना के बाहरी एवं आंतरिक स्वरूप का पूर्ण ज्ञान होना बहुत जरूरी है। घटना का अध्ययन करते हुए अनुसंधानकर्ता उस घटना के क्रियाकलापों में सहभागी होता है। जिससे अनुसंधानकर्ता उस समूह का अंग बन जाता है। अनुसंधानकर्ता समूह की समस्त क्रियाओं में सक्रिय सदस्य बनकर भाग लेता है और बारीकी से उसकी आदतों, व्यवहार और रीति-रिवाजों का निरीक्षण करता है। इस प्रकार के निरीक्षण द्वारा अनुसंधानकर्ता वास्तविक तथा निष्पक्ष तथ्यों का संकलन करता है।
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पीटर एच. मान के शब्दों मे," सहभागी अवलोकन का अभिप्राय सामान्यता ऐसी परिस्थिति से है, जिसमें अवलोकनकर्ता अपने अध्ययन समूह के उतने ही निकट होता है जितना कि उसका कोई अन्य सदस्य होता है।"
सहभागी अवलोकन को परिभाषित करते हुए श्रीमती पी. व्ही. यंग ने लिखा है," सहभागी मे अवलोकनकर्ता अध्ययन के लिए समूह में रहकर अथवा अन्य प्रकार से उसके जीवन में सहभागी होता है।
2. असहभागी अवलोकन
सहभागी अवलोकन में अवलोकनकर्ता समूह का सदस्य बनकर रहता है तथा उसके अन्य सदस्यों के समान ही समूह के क्रियाकलापों, त्योहारों, उत्सवों आदि ने भाग भी लेता है। इस प्रकार समूह के साथ घुल-मिल जाता है। इसके विपरीत असहभागी अवलोकन में अवलोकनकर्ता समूह में अध्ययन करने के लिए तो जाता है परंतु उसका सदस्य बनकर घटनाओं, क्रियाकलापों, त्योहारों, उत्सव आदि में स्वयं भाग नहीं लेता। वह दूर से घटनाओं को घटते हुए देखता रहता है। एक वैषयिक अध्ययनकर्ता के रूप में वह समूह के क्रियाकलापों को दूर से ही तटस्थ होकर अवलोकन करता रहता है। वह समूह में इतना घुलता-मिलता नहीं है कि वह समूह के सदस्यों की धड़कने उसकी धड़कने बन जाएं। इस प्रकार असहभागी अवलोकन मे अवलोकनकर्ता समूह के जीवन मे भाग लिए बिना दूर से ही उस समूह की क्रियाओं का अवलोकन करता है।
3. अर्द्ध-सहभागी अवलोकन
अर्द्ध-सहभागी अवलोकन पद्धति सहभागी और असहभागी अवलोकन पद्धति का बीच का मार्ग है। इसके अंतर्गत अवलोकनकर्ता कुछ साधारण कार्यों में भाग लेता है और बाकी एक तटस्थ दृष्टा के रूप मे निरीक्षण करता है।
विलियम ह्राइट का कहना है कि," समाज की जड़ जटिलता के कारण पूर्ण एकीकरण अव्यवहारिक है। अतः अर्द्ध तटस्थ नीति ही उत्तम है।
4. अनियंत्रित अवलोकन
अनियंत्रित अवलोकन में घटना तथा अवलोकनकर्ता पर किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं रहता है। प्रारंभ में इस प्रणाली का उपयोग किया जाता था और इसी के आधार पर निष्कर्ष निकाले जाते थे। सामाजिक अनुसंधान की प्रकृति भी कुछ इस प्रकार की है की सदैव नियंत्रण अवलोकन संभव नहीं हो सकता।
प्रो. जे. बर्नार्ड्स के अनुसार,'' आंकड़े इतने वास्तविक और सजीव होते है और उनके बारे में हमारी भावना इतनी दृढ़ होती हैं कि कभी-कभी उनके विस्तार के लिए अपने भावों की पुष्टि से गलत करने लगते है।
5. नियंत्रित अवलोकन
नियंत्रित अवलोकन में दोहरे नियंत्रण की प्रक्रिया कार्यरत रहती है। एक तो अवलोकनकर्ता पर नियंत्रण रखा जाता है। दूसरे अवलोकित की जाने वाली घटनाओं एवं परिस्थितियों पर भी नियंत्रण रखा जाता है। नियंत्रित अवलोकन पूर्व व्यवस्थित योजनाओं के अनुसार किया जाता है। जिसके अंतर्गत पर्याप्त प्रयोगात्मक कार्यप्रणाली सम्मिलित होती है। संपूर्ण अवलोकन एक पूर्व निर्धारित आयोजन के अनुसार किया जाता है, जिसमें अवलोकनकर्ता पूर्व नियोजित प्रक्रिया एवं साधनों का प्रयोग करते हुए एक स्वचालित यंत्र की भांति कार्य करता रहता है। इसलिए इसे पूर्व नियोजित पूर्व संरचित एवं व्यवस्थित अवलोकन की संज्ञा भी दी जाती है। वास्तविकता में अनियंत्रित अवलोकन की कमियों को दूर करने के लिए नियंत्रित अवलोकन का विकास हुआ है। नियंत्रित अवलोकन में अवलोकित की जाने वाली इकाइयों को स्पष्ट परिभाषित कर दिया जाता है, तथा यह भी सुनिश्चित कर दिया जाता है कि किस प्रकार की जानकारी एवं सूचनाएं एकत्रित की जानी है।
6. व्यक्तिगत अवलोकन
जब किसी घटना या विशिष्ट सामूहिक व्यवहार का अनुसंधानकर्ता व्यक्तिगत स्तर पर अध्ययन करता है। तो उसे व्यक्तिगत अवलोकन कहते हैं जैसे किसी भिखारी समूह का कोई अनुसंधानकर्ता स्वयं ही अध्ययन करता है। तो वह व्यक्तिगत अवलोकन कहलाता है।
7. सामूहिक अवलोकन
जब अवलोकन का कार्य अवलोकनकर्ता के एक समूह द्वारा किया गया हो तो उसे सामूहिक अवलोकन कहा जाता है। इसमें अवलोकनकर्ता का समूह अलग-अलग रूप से किसी घटनाक्रम या सामूहिक व्यवहार का निरीक्षण करता है।
सामूहिक अवलोकन नियंत्रित एवं अनियंत्रित अवलोकन का मिश्रित रूप है। सामूहिक अवलोकन में अवलोकनकर्ता का समूह अलग-अलग रूप से किसी घटनाक्रम या सामूहिक व्यवहार का अवलोकन कर सूचनाएं एकत्रित करता है। इन समस्त सूचनाओं के आधार पर एक प्रधान देखती व्यक्ति अध्ययन के निष्कर्ष निकालता है।
Observation
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