वैयक्तिक अध्ययन पद्धति
सामाजिक घटनाओं की प्रकृति इस प्रकार होती है कि विस्तृत अध्ययन के द्वारा उसकी वास्तविकता का पता लगाना संभव नही होता है। इसलिए उनका गहन अध्ययन करना पड़ता है। गहन अध्ययन के लिये अध्ययन की इकाइयों को सीमित संख्या मे रखना पड़ता है। इस प्रकार इस पद्धति के माध्यम से छोटे क्षेत्र के माध्यम से विशाल ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास किया जाता हैं। समाजशास्त्र में वैयक्तिक अध्ययन पद्धति का सर्वप्रथम प्रयोग लीप्ले हर्बर्ट स्पेंसर ने किया था।आज हम इस लेख मे वैयक्तिक अध्ययन पद्धति का अर्थ, परिभाषा और वैयक्तिक अध्ययन पद्धति की विशेषताएं जानेगें।
वैयक्तिक अध्ययन का अर्थ (vaiyaktik adhyayan ka arth
वैयक्तिक अध्ययन पद्धति एक गहरी अध्ययन पद्धति है। इसके अन्तर्गत एक इकाई के विषय मे सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास होता है। वैयक्तिक अध्ययन विधि सामाजिक अनुसंधान की प्राचीन पद्धति है।दुसरे शब्दों मे वैयक्तिक अध्ययन का अर्थ, वैयक्तिक अध्ययन पद्धति किसी व्यक्ति, संस्था या समुदाय के गहन अध्ययन से संबंधित है। इस पद्धति मे किसी एक इकाई को लेकर उसका गहराई से अध्ययन किया जाता है।
वैयक्तिक अध्ययन पद्धति का अर्थ जानने के बाद अब हम वैयक्तिक अध्ययन पद्धति की विभिन्न विद्वानों द्धारा दी गई परिभाषा को जानेंगे।
वैयक्तिक अध्ययन की परिभाषा (vaiyaktik adhyaya ki paribhasha)
गुडे एवं के शब्दों में " वैयक्तिक अध्ययन सामाजिक तथ्यों को संगठित करने की एक ऐसी विधि है जिससे अध्ययन किये जाने वाली सामाजिक इकाई की एकात्मक प्रकृति की पूर्णतया रक्षा हो सकती है।"सिन पाओ यंग के अनुसार "व्यक्तिगत-अध्ययन पद्धति को किसी व्यक्ति के सूक्ष्म, गहन तथा सम्पूर्ण अध्ययन के रूप मे परिभाषित किया जा सकता है, जिसमे शोधकर्ता अपनी क्षमताओं और विधियों का प्रयोग करता है।"
बीसेन्ज एवं बीसेन्ज के शब्दों में "वैयक्तिक अध्ययन गुणात्मक विश्लेषण का एक विशेष स्वरूप है जिसके अन्तर्गत किसी व्यक्ति, परिस्थिति अथवा संस्था का अत्यधिक सावधानीपूर्वक और पूर्ण अवलोकन किया जाता हैं।
गिडिंग्स के अनुसार "शोध के अन्तर्गत विषय केवल मानव प्राणी हो सकता है, या उसके जीवन का एक उपाख्यान अथवा विचारपूर्ण रूप से यह राष्ट्र, सामज्रज्य अथवा इतिहास का एक गुण हो सकता है।
वैयक्तिक अध्ययन की परिभाषा जानने के बाद अब हम वैयक्तिक अध्ययन पद्धति की विशेषताओं पर चर्चा करेंगे।
वैयक्तिक अध्ययन की विशेषताएं (vaiyaktik adhyayan paddhati ki visheshta)
वैयक्तिक अध्ययन पद्धति की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार से हैं---1. व्यक्तिगत अध्ययन
व्यक्तिगत अध्ययन का तात्पर्य यह है कि शोधकर्ता इकाई को लेकर शोध करता है। इकाई का व्यक्तिगत स्तर मे अगल से अध्ययन किया जाता हैं। यह इकाई व्यक्ति, संस्था जाति अथवा कोई भी समुदाय हो सकता हैं।
2. ऐतिहासिक अध्ययन
इसके अन्तर्गत अध्ययन की जाने वाली इकाई का भूतकाल से वर्तमान काल तक अध्ययन होता हैं।
3. एक या कुछ इकाइयों का अध्ययन
वैयक्तिक अध्ययन एक या कुछ इकाइयों का अध्ययन होता हैं। इन इकाइयों मे व्यक्ति, परिवार, समूह या जाति आदि हो सकते हैं।
4. गहन अध्ययन
इस पद्धति की सहायता से समस्या से सम्बंधित इकाई का अति गहन सूक्ष्म अध्ययन किया जाता है। इस पद्धति मे सभी पहलुओं का गहन अध्ययन होता हैं।
5. सीमित क्षेत्र
वैयक्तिक अध्ययन पद्धति मे एक विशिष्ट इकाई का अध्ययन किया जाता है। इकाई के इस अध्ययन की प्रकृति गहन होती है।
6. गुणात्मक अध्ययन
इसके अन्तर्गत गुणात्मक अध्ययन होता है। इकाई का अध्ययन वर्णनात्मक शैली मे होता है।
7. कारकों का अध्ययन
इस पद्धति के द्वारा इकाई के उन कारको का पता लगाया जाता है, जो इसके (इकाई के) स्वरूप का निर्धारण करते है।
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