यह भी पढ़ें; संविधान का अर्थ, परिभाषा और वर्गीकरण
एक अच्छे संविधान के लक्षण या विशेषताएं (samvidhan ki visheshta)
3. संक्षिप्त तथा विस्तृतता के मध्य की स्थिति
एक आर्दश संविधान न अधिक छोटा होना चाहिये न अधिक विस्तृत और बड़ा होना चाहिये।
4. सरल और सुस्पष्टता
एक आर्दश संविधान सरल और सुस्पष्ट होना चाहिये ताकि आम जनता उसे सरलता से समझ सके और वकीलों पर निर्भर न रहना पड़े।
5. न अधिक कठोर न अधिक लचीला
संविधान न तो अधिक कठोर होना चाहियें और न अधिक लचीला होना चाहिये। यह ऐसा होना चाहिये कि इसे अत्यंत आवश्यक होने पर परन्तु संशोधित किया जा सके।
6. कर्त्तव्यों का समावेश
संविधान मे अच्छे नागरिक बनाने और नागरिकों के चारित्रिक विकास हेतु नागरिकों के महत्वपूर्ण कर्तव्यों का उल्लेख होना चाहिये।
7. मौलिक अधिकारों का प्रावधान
अच्छे संविधान मे मौलिक अधिकारों का प्रावधान होना चाहिये जिससे नागरिकों की स्वतंत्रता सुरक्षित रहे।
8. धर्म निरपेक्षता
आधुनिक समय मे धर्म निरपेक्ष संविधान आदर्श और महत्वपूर्ण माना जाता है।
9. एक आर्दश दल-प्रणाली
संविधान मे ऐसी व्यवस्था हो जिससे राज्य मे एक आर्दश प्रणाली की स्थापना हो सके।
8. स्वतंत्र न्यायपालिका
आजकल शक्ति-पृथक्करण के स्थान पर स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका को अधिक महत्व प्रदान किया जाने लगा है।
9. सुसंगठित स्थानीय स्वायत्त शासन
विकेन्द्रीकरण के सिद्धांत को व्यवहार मे लाकर संविधान मे स्थानीय स्वायत्तशासी समस्याओं को संवैधानिक महत्व प्रदान कर उन्हें शक्तिशाली बनाया जाना चाहिये।
उपरोक्त विवेचन से हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते है कि किसी देश का संविधान उस देश की परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जाना चाहिये।
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