10/13/2020

भारतेंदु युग किसे कहते है? भारतेंदु युग की विशेषताएं

By:   Last Updated: in: ,

भारतेंदु युग किसे कहते है? (bhartendu yug kya hai)

भारतेंदु युग को आधुनिक हिन्दी साहित्य का प्रवेश द्वार माना जाता है। इस युग के कवियों मे नवीन के प्रति मोह साथ ही प्राचीन के प्रति आग्रह भी था। भारतेन्दु युग नव जागरण का युग है। इसमे नई सामाजिक चेतना उभरकर आई। भारतेंदु युग मे देशभक्ति और राजभक्ति तत्कालीन राजनीति का अभिन्न अंग थी, जिसका स्पष्ट प्रभाव इस युग के कवियों मे देखा जा सकता है।

भारतेंदु काल मे कविता के क्षेत्र मे ब्रजभाषा का प्रयोग एवं गद्य के क्षेत्र मे खड़ी बोली का प्रयोग किया गया।खड़ी बोली का विकास इस युग की महत्वपूर्ण घटना है। इस युग मे पत्रकारिता, उपन्यास, काहानी, नाटक आलोचना, निबंध आदि अनेक गद्य विधाओं का विकास हुआ, जिसका माध्यय खड़ी बोली है। इस युग मे प्रत्येक लेखक किसी न किसी पत्रिका का सम्पादन करता था। भारतेन्दु युग मे जिन साहित्यिक रूपों और प्रवृत्तियों का बीच बोया गया था, वह द्विवेदी युग मे खूब फला फूला।

भारतेन्दु युगीन काव्य की विशेषताएं (bhartendu yug ki visheshta)

भारतेंदु युग की विशेषताएं इस प्रकार है--

1. राष्ट्रीयता की भावना

भारतेंदु युग के कवियों ने देश-प्रेम की रचनाओं के माध्यम से जन-मानस मे राष्ट्रीय भावना का बीजारोपण किया।

2. सामाजिक चेतना का विकास 

भारतेंदु युग काव्य सामाजिक चेतना का काव्य है। इस युग के कवियों ने समाज मे व्याप्त अंधविश्वासों एवं सामाजिक रूढ़ियों को दूर करने हेतु कविताएँ लिखीं।

3. हास्य व्यंग्य

हास्य व्यंग्य शैली को माध्यम बनाकर पश्चिमी सभ्यता, विदेशी शासन तथा सामाजिक अंधविश्वासों पर करारे व्यंग प्रहार किए गए।

4. अंग्रेजी शिक्षा का विरोध 

भारतेंदु युगीन कवियों ने अंग्रेजी भाषा तथा अंग्रेजी शिक्षा के प्रचार-प्रसार के प्रति अपना विरोध कविताओं मे प्रकट किया है।

5. विभिन्न काव्य रूपों का प्रयोग 

इस काल मे काव्य के विविध रूप दिखाई देते है जैसे-- मुक्तक-काव्य, प्रबंध-काव्य आदि।

6. काव्यानुवाद की परम्परा 

मौलिक लेखन के साथ-साथ संस्कृत तथा अंग्रेजी से काव्यानुवाद भी हुआ है।

भारतेन्दु युग के कवि एवं उनकी रचनाएं 

1. भारतेंदु हरिश्चन्द्र    = प्रेम-सरोवर, प्रेम-फुलवारी, वेणु-गीति,प्रेम-मल्लिका।

2. बद्रीनारायण चौधरी " प्रेमघन "   = जीर्ण-जनपद, आनन्द-अरूणोदय, लालित्य-लहरी।

3. प्रताप नारायण मिश्र   = प्रेम-पुष्पावली, मन की लहर, श्रंगार-विलास।

4. जगमोहन सिंह    = प्रेम-सम्पत्ति लता, देवयानी, श्यामा-सरोजिनी।

5. अम्बिका दत्त व्यास    = भारत धर्म, हो हो होरी, पावस-पचासा।

6. राधाचरण गोस्वामी    = नवभक्त माल।

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए सरल एवं स्पष्ट भाषा में रस किसे कहते हैं? दसों रस की परिभाषा भेद उदाहरण सहित
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए अलंकार किसे कहते हैं, भेद तथा प्रकार
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए डायरी किसे कहते है?
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए नई कविता किसे कहते हैं? नई कविता की विशेषताएं
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए रहस्यवाद किसे कहते हैं? रहस्यवाद की विशेषताएं
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए प्रयोगवाद किसे कहते हैं? प्रयोगवाद की विशेषताएं
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए प्रगतिवाद किसे कहते हैं? प्रगतिवाद की विशेषताएं
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए छायावाद किसे कहते हैं? छायावादी काव्य की मुख्य विशेषताएं
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए नाटक किसे कहते है? परिभाषा, विकास क्रम और तत्व
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए उपन्यास किसे कहते है? उपन्यास का विकास क्रम
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए कविता किसे कहते है? कविता का क्या अर्थ हैं
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए  काव्य किसे कहते है? काव्य का अर्थ भेद और प्रकार
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए रेखाचित्र किसे कहते है? रेखाचित्र का क्या अर्थ हैं
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए संस्मरण किसे कहते है? संस्मरण का क्या अर्थ हैं
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए रिपोर्ताज किसे कहते है? riportaj kya hai
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए आलोचना किसे कहते है? आलोचना का क्या अर्थ हैं जानिए
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए जीवनी किसे कहते हैं?
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए आत्मकथा किसे कहते हैं? जानिए
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए एकांकी किसे कहते है? तत्व और प्रकार
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए कहानी किसे कहते हैं? तत्व विविध रूप प्रकार या भेद

4 टिप्‍पणियां:
Write comment

आपके के सुझाव, सवाल, और शिकायत पर अमल करने के लिए हम आपके लिए हमेशा तत्पर है। कृपया नीचे comment कर हमें बिना किसी संकोच के अपने विचार बताए हम शीघ्र ही जबाव देंगे।