11/26/2021

स्विस संघीय सभा का गठन, शक्तियाँ व कार्य

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स्विस संघीय सभा का संगठन|द्विसदनीय विधानमंडल 

sujarlend ki sanghiya sabha ka gathan;स्विट्जरलैंड की संघीय व्यवस्थापिका को 'संघीय सभा' कहा जाता हैं स्विस संविधान द्वारा शासन के तीनों अंगों में से व्यवस्थापिका अर्थात् संघीय सभा को सर्वाधिक को सर्वाधिक शक्तियां प्रदान की गयी हैं। अनुच्छेद 71 के अनुसार," जहाँ तक जनता के तथा कैंण्टनों के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं होता हैं राज्यमण्डल की सर्वोच्च सत्ता का प्रयोग संघीय सभा करेगी जिसके दो सदन हैं---

 1. राष्ट्रीय परिषद् (National Council) 

2. राज्य परिषद् (Council of State) 

राष्ट्रीय परिषद् को 'राष्ट्रीय सभा' भी कहा जाता हैं यह यह व्यवस्थापिका का निम्न सदन हैं। राज्य परिषद् उच्च सदन है जिसे 'राज्य सभा' के नाम से भी पुकारा जाता हैं। 

द्विसदनीय व्यवस्था होते हुए भी यह इस दृष्टि से अनोखी संस्था है कि इसमें दोनों सदनों की शक्तियाँ समान हैं। स्ट्रांग के शब्दों में," स्विट्जरलैण्ड की व्यवस्थापिका इस दृष्टि से अनोखी है कि संसर में यही ऐसी व्यवस्थापिका हैं जिसके सदनों की शक्ति निचले सदन की शक्ति से कम नहीं हैं। 

राष्ट्रीय परिषद् की रचना 

राष्ट्रीय परिषद् की रचना स्विट्जरलैंड की जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा होती हैं। समस्त देश प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित कर दिया जाता हैं। राष्ट्रीय परिषद की कुल सदस्य संख्या 200 हैं। संविधान ने इस सभा के सदस्यों की संख्या निश्चित नहीं की हैं। वर्तमान (2018) में इस परिषद् का प्रत्येक सदस्य 24,000 की जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता हैं। अर्थात् प्रत्येक 24 हजार जनसंख्या पर राष्ट्रीय परिषद् मे एक सदस्य भेजा जाता हैं। राष्ट्रीय परिषद् में इसकी सदस्य संख्या 200 की निश्चित सीमा में ही रहे इसलिए जरूरत पड़ने पर वह जनसंख्या बढ़ाई जा सकती है जिस पर एक प्रतिनिधि राष्ट्रीय परिषद् के लिए निर्वाचित किया जाता हैं। वर्तमान व्यवस्था के अन्तर्गत 12 हजार या उससे अधिक जनसंख्या को भी अपना एक प्रतिनिधि भेजने का अधिकार है। इसके साथ ही प्रत्येक कैण्टन या अर्द्ध कैण्डन के द्वारा कम से कम एक सदस्य राष्ट्रीय परिषद् के लिए अवश्य ही भेजा जाता हैं। जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व की व्यवस्था होने के कारण बर्न और च्युरिच जैसे बड़े कैण्टनों से राष्ट्रीय परिषद् के लिए क्रमशः 33 और 32 प्रतिनिधि भेजे जाते हैं। जबकि ऊरी जैसे छोटे कैन्टन से एक ही प्रतिनिधि राष्ट्रीय परिषद् में भेजा जाता हैं। 

राष्ट्रीय परिषद का चुनाव 

राष्ट्रीय परिषद् के सदस्यों का चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली की सूची पद्धित के आधार पर जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता हैं। 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्रीय परिषद् के सदस्यों को चुनाव में मत देने का अधिकार प्राप्त हैं। 

राष्ट्रीय परिषद की अवधि 

सन् 1930 ई. के पूर्व राष्ट्रीय परिषद् की अवधि तीन वर्ष निश्चित थी, किन्तु इसके उपरांत उसकी अवधि चार वर्ष निश्चित कर दी गई हैं। अतः अब इसका कार्यकाल चार वर्ष का हो गया है और इसके सभी सदस्यों का निर्वाचन चार वर्ष के लिये ही किया जाता हैं। 

अधिवेशन 

इसका अधिवेशन मार्च, जून, सितंबर व दिसंबर में होता है। इसका साधारण अधिवेशन खुद राष्ट्रीय परिषद् बुलाती हैं। सदन के एक चौथाई सदस्यों या पाँच कैण्टनों की मांग पर या संघीय परिषद् के द्वारा इसका विशेष अधिवेशन बुलाया जा सकता हैं। 

वाद-विवाद  

व्हीतर के शब्दों में," स्विट्जरलैण्ड की राष्ट्रीय परिषद् विश्व का सर्वाधिक व्यावहारिक सदन होता हैं। सदस्यों के भाषण जोशीले नहीं होते, बल्कि कार्य से संबंधित तथा उपयोगी होते हैं। सदस्य बिना जरूरत एक-दूसरे की आलोचना नहीं करते। सदस्य सत्तारूढ़ या विरोधी दल के आधार पर नहीं, बल्कि कैण्टनों के आधार पर बैठते हैं।" 

पदाधिकारी 

राष्ट्रीय परिषद् में अपने में से एक अध्यक्ष तथा एक उपाध्यक्ष का चुनाव करती हैं। अध्यक्ष एक वर्ष तक अपने पद पर रहता हैं। फिर वह उसी समय (चार साल) के दौरान फिर से अध्यक्ष नहीं बन सकता। अध्यक्ष की स्थिति सामान्य हैं। वह सदन की अध्यक्षता करता हैं, सदन में शांति व्यवस्था बनाए रखना, सदन की मान-मर्यादा की रक्षा करना, बोलने की अनुमति देना तथा निर्णायक मत देना इसका कार्य हैं। 

राज्य परिषद् की रचना 

स्विट्जरलैंड के व्यवस्थापन विभाग का द्वितीय सदन राज्य परिषद् कहलाता हैं। इसकी सदस्य संख्या 44 निश्चित हैं। राज्य परिषद् कैण्टनों का प्रतिनिधि सदन हैं। इसलिए सदस्यों की चुनाव विधि, नियम, योग्यता, वेतन, कार्यकाल का निर्धारण कैण्टन खुद करते हैं। इसके सदस्य 17 कैण्टनों में प्रत्यक्ष रूप, 4 कैंटनों में जनसभाओं द्वारा और 4 कैण्टनों में विधान मण्डलों द्वारा चुने जाते हैं। 

निर्वाचन 

संघीय संविधान में राज्य परिषद् के सदस्यों के निर्वाचन की पद्धति का उल्लेख नहीं है वरन् कैण्टनों की इच्छा पर छोड़ दिया जाता हैं। अतः कुछ कैण्टनों में इनका चुनाव जनता द्वारा, कुछ में जनसभा द्वारा तथा कुछ में विधानसभाओं द्वारा इनका निर्वाचन होता हैं। 

कार्यकाल 

सदस्यों का कार्यकाल कैंटन तय करते है। कुछ कैंटन चार वर्ष, कुछ तीन वर्ष तथा कुछ कैंटन एक वर्ष हेतु सदस्यों का चुनाव करते हैं। 

अधिवेशन 

दोनों सदनों का अधिवेशन तथा सत्रावसान एक साथ होता हैं। 

पदाधिकारी 

उपराष्ट्रपति इसका अध्यक्ष नहीं होता। सदन खुद हर वर्ष अपना एक सभापति तथा उपसभापति का चुनाव करती हैं, जो सदन की कार्यवाही का संचालन करता हैं।

स्विस संघीय सभा की शक्तियाँ व कार्य 

sujarlend ki sanghiya sabha ki shaktiyan;स्विस सभा के संबंध में उल्लेखनीय तथ्य यह है कि इसके दोनों सदनों को समान शक्तियां प्रदान की गई हैं। स्विट्जरलैंड के संविधान के अनुच्छेद 84 के अनुसार," राष्ट्रीय परिषद् एवं राज्य परिषद् उन समस्त कार्यों को सम्पन्न करेगी जो कि वर्तमान संविधान द्वारा संघीय अधिकार क्षेत्र में रखे गए हैं और जो अन्य किसी अधिकारी को नहीं सौंपे गए है।" 

स्विट्जरलैंड की संघीय सभा की शक्तियाँ एवं कार्य विविध प्रकार के हैं तथा उसे अनेक अधिकार प्रदान किए हैं। जो निम्नलिखित हैं-- 

1. विधायी शक्तियाँ 

विधि निर्माण के क्षेत्र में संघीय सभा की शक्तियाँ सर्वोच्च हैं। संघीय अधिकार क्षेत्र में रखे गए समस्त विषयों पर कानून बनाने का उसे अधिकार प्राप्त हैं। कोई भी विधेयक तब तक कानून नहीं बन सकता जब तक कि दोनों सदनों द्वारा उसे स्वीकृत नहीं कर लिया जाता हैं।

विधि निर्माण के क्षेत्र में संघीय सभा की शक्ति सर्वोच्च हैं। वह संघीय परिषद् द्वारा प्रस्तुत विधेयक को अस्‍वीकार कर सकती हैं। परिषद् के सदस्य भी अपने इस अपमान के घूँट को पी जाते हैं और संघीय सभा की इच्छा के आगे झुक जाते हैं। संघीय परिषद् को संघीय सभा द्वारा पारित विधेयकों को अस्‍वीकार करने का भी अधिकार नहीं हैं। भारत तथा अमेरिका की तरह वहाँ राष्ट्रपति को वीटो का अधिकार प्राप्त नहीं हैं। 

स्विट्जरलैंड में न्यायपालिका को न्यायिक पुनर्विलोकन का अधिकार नहीं हैं। अतः न्यायपालिका भी संघीय सभा द्वारा पारित विधेयकों को अवैध घोषित नहीं कर सकती हैं। 

संघीय सभा की व्यवस्थापन शक्ति पर प्रतिबंध 

संघीय सभा द्वारा पारित विधेयकों पर केवल जनमत संग्रह की सीमा हैं। इस संबंध में नियम यह हैं कि यदि 30,000 मतदाता कानून के बनने के तीन माह के अंदर यदि उस पर जनमत संग्रह की माँग करें तो उस पर जनमत संग्रह कराया जाता हैं और यदि जनता का बहुमत इस विधेयक को स्वीकार कर दे तो कानून रद्द हो जाता हैं। लेकिन इस प्रतिबंध से बचने के लिए भी रास्ता निकाल लिया गया हैं। संघीय सभा द्वारा व्यवस्थापित अध्यादेश को जनमत संग्रह के लिए प्रस्तुत नहीं किया जा सकता। अतः सभा जब जनमत संग्रह के खतरे से बचना चाहती हैं तो उसे संघीय सभा के दोनों सदनों के सभी सदस्य आवश्यक घोषित कर देते हैं, इस प्रकार पारित अध्यादेश को जनमत संग्रह के लिए प्रस्तुत नहीं किया जा सकता। 

2. न्यायिक शक्तियाँ 

स्विट्जरलैंड के मूल संविधान के द्वारा संघीय सभा को महत्वपूर्ण न्यायिक शक्तियां प्रदान की गयी थी लेकिन संघीय न्यायालय की शक्ति में बढ़ोतरी होने के कारण अब संघीय सभा का न्यायिक कार्य क्षेत्र घट गया हैं, यद्यपि अभी भी वह संघ की विविध सत्ताओं के बीच कार्यक्षेत्र से संबंधित विवादों पर निर्णय करती हैं। प्रशासनिक मामलों और संघीय प्रशासन के तीनों अंगों के सदस्यों के विरूद्ध कैण्टनों की ओर से दायर किये मामलों पर संघीय सभा ही निर्णय लेती हैं। संघीय सभा अपने द्वारा नियुक्त अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही कर सकती हैं। यह संघ के न्याय विभाग से संबंधित अधिकारियों द्वारा दण्डित व्यक्तियों और मृत्यु दण्ड प्राप्त व्यक्तियों को क्षमा कर सकती हैं। 

3. कार्यपालिका शक्तियाँ 

संघीय सभा वास्तव में एक विधि निर्माण संस्था है परन्तु इसे कुछ कार्यपालिका सम्बन्धित शक्तियाँ भी प्राप्त हैं। संघीय सभा को विदेशों से संधियाँ करने का अधिकार हैं। बाहरी हस्तक्षेप से स्विट्जरलैंड की स्वतंत्रता व तटस्थता की रक्षा करना, युद्ध की घोषणा करना, शांति संधि करना उसके प्रमुख कार्य हैं। 

संघीय परिषद् पर नियंत्रण भी संघीय सभा का हैं। यद्यपि यह संघीय परिषद् के सदस्यों को उनके कार्यकाल से पहले हटा नहीं सकती, फिर भी उस पर नियंत्रण अवश्य रखती हैं। वह परिषद् के लिए अनिवार्य होता हैं। संघीय सभा परिषद् के सदस्यों से प्रश्न पूछ सकती हैं। इसके साथ ही वित्तीय नीतियों पर नियंत्रण भी संघीय सभा का ही होता हैं। 

4. वित्तीय शक्तियाँ 

देश के आय-व्यय पर संघीय सभा का पर्याप्त नियंत्रण हैं। बजट संघीय परिषद् द्वारा तैयार किया जाता हैं। उसी के द्वारा इसे संघीय सभा में प्रस्तावित किया जाता हैं, तथापि बजट की क्रियान्विती तब तक नहीं हो सकती जब तक कि संघीय सभा के दोनों सदन उसे पारित न कर दें। बजट में कटौती करने का अधिकार भी उसे ही हैं। बजट के संबंध में संघीय सभा की शक्ति अंतिम होती हैं, क्योंकि इस पर ऐच्छिक लोक निर्णय का कोर्ट से दिये जाने वाले ॠणों के विषय में भी निर्णय संघीय सभा ही करती हैं। 

संघीय सभा को विभिन्न पदाधिकारियों के वेतनमान निश्चित करने का अधिकार हैं। वह राष्ट्रीय विकास के लिए विशेष अनुदान स्वीकृत कर सकती हैं। प्रशासन पर होने वाले आय-व्यय पर वही निगरानी रखती हैं। 

6. नियुक्ति संबंधी शक्तियाँ 

अनेक महत्वपूर्ण अधिकारियों की नियुक्ति तथा निर्वाचन संघीय सभा द्वारा किया जाता हैं। संघीय परिषद् के सात सदस्यों का निर्वाचन, संघीय न्यायालय के सभी न्यायाधीशों, युद्धकाल में सेनापति तथा महान्यायवादी आदि पदों पर नियुक्तियाँ अथवा निर्वाचन संघीय सभा द्वारा ही किया जाता हैं। इसमें से अधिकांश नियुक्तियाँ संघीय सभा के दोनों सदन अपने संयुक्त अधिवेशन में करते हैं।

5. संविधान में संशोधन की शक्ति 

संविधान संशोधन से संबंधित प्रस्ताव संघीय सभा के दोनों सदनों द्वारा पारित किये जाने के बाद उसे लोक निर्णय के लिए भेजा जाता हैं। यदि कभी संघीय संविधान के पूर्ण संशोधन का प्रस्ताव विचारार्थ हो तो ऐसी स्थिति में संघीय सभा को भंग कर नवीन संघीय सभा का चुनाव आवश्यक हो जाता हैं। स्विस संघीय सभा की संविधान संशोधन की शक्ति पर लोक निर्णय के साथ-साथ आरंभक का नियंत्रण भी होता हैं। स्विट्जरलैंड में यह व्यवस्था हैं कि यदि 50 हजार स्विस नागरिक संविधान में संशोधन करने के लिए प्रस्‍ताव करते हैं तो संघीय सभा को उस ऐसे प्रस्ताव पर विचार करना होगा। 

7. कैण्टनों से संबंधित शक्तियाँ 

वह कैण्टनों के संविधान तथा उनके संशोधनों की उचित जाँच कर उन्हें स्वीकार करती हैं। इसके अलावा कैण्टनों द्वारा जो संधियाँ की जाती हैं उनका अनुमोदन भी संघीय सभा द्वारा होना अनिवार्य हैं। इसके साथ ही कैण्टनों द्वारा परस्पर जो संधिया की जाती हैं उनके ऊपर भी संघीय सभा का अनुमोदन होना आवश्यक हैं। आन्तरिक शांति बनाये रखने और उसके लिए आवश्यक होने पर सेना के प्रयोग का अधिकार भी संघीय सभा को ही हैं। परन्तु व्यवहार में इसका प्रयोग संघीय परिषद् करती हैं। 

संघीय सभा की वास्तविक स्थिति

स्विस संघीय सभा शक्तिशाली सदन हैं। शासन के कार्यपालिका अंग, संघीय परिषद् पर पूरे नियंत्रण का अधिकार संघीय सभा को दिया हैं। संघीय परिषद इसके प्रति ही उत्तरदायी रहकर कार्य करती हैं। न्यायिक पुनर्विलोकन का अभाव इसकी शक्ति को और बढ़ा देता हैं। 

पर व्यवहार में थोड़ा-सा अंतर देखने को मिलता हैं। विश्व के बाकी देशों की भाँति यहाँ पर भी संघीय परिषद् की शक्ति में बढ़ोत्तरी हुई हैं, क्योंकि संघीय परिषद् देश का शासन संचालन करती हैं। साथ ही संविधान संशोधन पर अनिवार्य जनमत संग्रह तथा साधारण कानूनों पर ऐच्छिक जनमत संग्रह का प्रावधान इसकी महत्ता तथा शक्ति को कुछ कम करता हैं। 

यह भी पढ़ें; स्विस संघीय परिषद/कार्यपालिका की विशेषताएं

यह जानकारी आपके के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी

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