स्विट्जरलैंड का संविधान
sujarlend ke samvidhan ki visheshta in hindi;स्विट्जरलैंड विश्व की सबसे प्रमुख राजनीति प्रयोगशाला है। प्राकृतिक दृष्टि से यह राज्य पर्वतों और खूबसूरत बर्फीली वादियों में बसा है। आकार में नगण्य मालूम देता हुआ यह देश प्रकार या शासन-प्रणाली की दृष्टि से चिरकाल से एक महत्वपूर्ण स्थान का अधिकारी रहा है। स्विस के शासन प्रबन्ध में स्विस नागरिक जीवन की मौलिक प्रतिभा के यत्र-तत्र दर्शन होते है। जाॅन ब्राउन मैसन के शब्दो में " स्विटजरजलैण्ड अशांति के समुद्र में शान्ति का द्वीप है। स्विट्ज़रलैंड की राजधानी बर्न है।
स्विट्जरलैंड के संविधान में 123 धाराएं और तीन अध्याय है। स्विस नागरिकों की गणतन्तीय व्यवस्था के प्रति निष्ठा और प्रेम इतिहास प्रसिध्द है। स्विट्जरलैंड का संविधान विश्व का सबसे प्राचानी एक गणराज्य है। स्विस संविधान में किसी भी तरह का संशोधन बिना लोकमत की स्वीकृति के नही होता। आज विश्व के लगभग सभी लोकतान्त्रिक राज्यों में अप्रत्यक्ष लोकतन्त्र को अपनाया गया है। वहीं स्विस संविधान में आज भी काफी हद तक प्रत्यक्ष लोकतन्त्र का अस्तित्व है।
1. निर्मित व लिखित संविधान
स्विस संविधान लिखित संविधानों की श्रेणी मे आता है। इसे सन् 1848 में गठित 14 सदस्यीय आयोग द्वारा बनाया गया है। सन् 1874 में इसमें व्यापक संशोधन भी किये गये है।
स्विस संविधान की विशेषताएं
स्विट्जरलैंड एक छोटा-सा देश है। राजनीतिक सफलताओं के क्षेत्र में उसका महत्व विश्व इतिहास में नही के बराबर है परन्तु अपनी राजनीतिक संस्थाओं के कारण वह प्रजातंत्र का आदर्श नमूना हैं। स्विट्जरलैंड का संविधान का एक अनौखा और प्राचीनतम संविधान हैं। स्विस संविधान की निम्नलिखित विशेषताएं हैं--1. निर्मित व लिखित संविधान
स्विस संविधान लिखित संविधानों की श्रेणी मे आता है। इसे सन् 1848 में गठित 14 सदस्यीय आयोग द्वारा बनाया गया है। सन् 1874 में इसमें व्यापक संशोधन भी किये गये है।
2. वास्तविक लोकतंत्र व्यवस्था
स्विट्जरलैंड के शासन की आधारशीला वहाँ का प्रत्यक्ष प्रजातंत्र हैं। प्रत्यक्ष प्रजातंत्र के तीन तत्व हैं-- जनमत संग्रह, प्रारंभक तथा प्रतिनिधियों का वापस बुलाना वहाँ विद्यमान हैं।
प्रो. ऐरिक कोल्हर के शब्दों में," स्विट्जरलैंड में प्रजातंत्र संपूर्ण जीवन का सार हैं। इसमें जीवन की सभी विभिन्नतायें प्रजातंत्र से उत्पन्न हुई हैं। कहा जाता है कि स्विट्जरलैंड के रक्त और अस्थियों में प्रजातंत्र समाहित हैं।"
जनता का पूर्ण प्रभुत्व शासन एवं शासन के अंगों पर रहता है। कानून का बनाना, रद्द करना, प्रतिनिधियों को भेजना तथा अवधि के बीच बुलान् आदि बातें जनता द्वारा हो सकती हैं।
3. विविधता में एकता
स्विट्जरलैंड मे भी भारत के समान अनेक जातियाँ, सम्प्रदाय धर्म एवं भाषायें पायी जाती हैं। फिर भी वहाँ राष्ट्रीय एकता पायी जाती हैं। वहाँ विषमतायें या विविधतायें राष्ट्रवादिता में बाधक नहीं बल्कि सहयोगी हैं। शासन की दृष्टि से सभी धर्मों को समानता प्राप्त हैं, विरोधी भावनाओं का पूर्ण निराकरण हुआ हैं। सरकारी सेवा तथा अन्य किसी प्रकार की प्रशासनिक सहायता भी धार्मिक आधार से परे हैं।
4. दुरूह परन्तु लोकसम्मत संशोधन व्यवस्था
स्विस संविधान मे संशोधन के लिए स्विस जनता स्वीकृति आवश्यक है इसके बिना इसमें संशोधन नही किया जा सकता। संघीय व्यवस्थापिका या 50 हजार मतदाता कभी भी संशोधन का प्रस्ताव ला सकते है, जिसे मतदताओं और कैन्टनों के बहुमत का समर्थन मिलना चाहिए। इस तरह बिना मतदाताओं की सहमति के संशोधन हो ही नही सकता।
5. कठोर संविधान
स्विट्जरलैण्ड का संविधान कठोर संविधानों की श्रेणी मे आता है। क्योंकि इसमें संशोधन की प्रक्रिया सामान्य कानूनों के निर्माण कि प्रक्रिया से भिन्न व जटिल है। लेकिन यह संविधान अमेरीकी संविधान की तुलना में कम कठोर है।
4. दुरूह परन्तु लोकसम्मत संशोधन व्यवस्था
स्विस संविधान मे संशोधन के लिए स्विस जनता स्वीकृति आवश्यक है इसके बिना इसमें संशोधन नही किया जा सकता। संघीय व्यवस्थापिका या 50 हजार मतदाता कभी भी संशोधन का प्रस्ताव ला सकते है, जिसे मतदताओं और कैन्टनों के बहुमत का समर्थन मिलना चाहिए। इस तरह बिना मतदाताओं की सहमति के संशोधन हो ही नही सकता।
5. कठोर संविधान
स्विट्जरलैण्ड का संविधान कठोर संविधानों की श्रेणी मे आता है। क्योंकि इसमें संशोधन की प्रक्रिया सामान्य कानूनों के निर्माण कि प्रक्रिया से भिन्न व जटिल है। लेकिन यह संविधान अमेरीकी संविधान की तुलना में कम कठोर है।
6. गणराज्य
स्विसट्जरलैण्ड का गणराज्य विश्व का सबसे प्राचीनतम गणराज्य है। राजनीति शास्त्रियों ने स्विस गणराज्य की अपने मुक्त-कण्ठ से प्रशंसा की है। गमतन्त्रवाद और राष्ट्र की प्रत्यक्ष सार्वभौमिकता का सिध्दान्त स्विस लोकतन्त्र की रक्षा करता है।
7. उदारवादी विचारधारा से अनुप्रणित लोकतन्त्र
वैसे तो स्विस संविधान मे मूलभूत अधिकारों की घोषणा नही की गई है। लेकिन उसने नागरिक स्वतन्त्रता, समता, तथा राज्य की धर्म निरपेक्षता की गारंटी दे रखी है। स्विस संविधान के अनुसार कानून के समक्ष सब नागरिक समान है। प्रकाशन, भाषण, तथा संघ-बनाने की स्वतन्त्रता के साथ धार्मिक स्वतंत्रता भी दी गई है लेकिन जेसुइट और तत्ससम्बन्धी सम्प्रदायों पर रोक है।
8. बहुल कार्यपालिका
स्विस संविधान की मुख्य विशेषता बहुल कार्यपालिका का होना है। शासन व्यवस्था के संचालन के लिए कार्यपालिका का संगठन एकल होता है। लेकिन स्विस संविधान इस संदर्भ में भिन्न है। स्विस कार्यपालिका शक्ति एक संघीय परिषद् को प्रदान की गयी है जिसमें 7 सदस्य सहयोग के रूप में काम करते है और एक ही पार्टी से न लिये जाकर विभिन्न दलों का प्रतिनिधित्व करते है। इसमें से बारी-बारी से कार्यकारिणी का अध्यक्ष चुन लिया जाता है। संघीय परिषद् के किसी भी सदस्य की स्थिति अमरीकन राष्ट्रपति या ब्रिटिश प्रधानमंत्री के समान नही होती।
9. संसदात्मक और अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली का समन्वय
स्विसट्जरलैंड की शासन व्यवस्था न तो संसदीय शासन के अनुकूल है और न ही अध्यक्षात्मक शासन के अनुकूल है। इसलिए इसे संदात्मक और अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली मे समन्वय कहा जा सकता है।
10. आंशिक न्यायिक पुनरावलोकन की व्यवस्था
स्विस संविधान द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को न्यायिक पुनरावलोकन का अधिकार आंशिक रूप से प्रदान किया गया है।
11. प्रशासनिक कानून पर आधारित न्यायपालिका
स्विस संविधान मे न्यायपालिका को न्यायिक कार्यों के लिए प्रशासनिक कानूनों पर आधारिति किया गया है। इस व्यवस्था के तहत जन- सामान्य और प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए पृथक-पृथक न्यायालय होते है।
12. उदार संविधान
स्विस संविधान व्यक्ति के महत्व को स्वीकार करता है और इस धारणा पर आधारित है कि राज्य व्यक्ति के कल्याण के लिए हैं। व्यक्ति के अधिकारों तथा स्वतंत्रताओं का समुचित आदर किया गया हैं। आर्थिक क्षेत्र मे यद् भाव्यम् नीति का प्रतिपादन किया हैं तथापि स्विस संविधान ने जनकल्याण तथा सामाजिक सुरक्षा के उपबन्धो द्वारा संशोधित कर इसे लोक-कल्याणकारी राज्य का रूप दे दिया हैं।
13. न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति का अभाव
संघीय शासन व्यवस्था वाले देशों में सर्वोच्च न्यायालय की व्यवस्था होती हैं। सर्वोच्च न्यायालय ही संविधान का अभिभावक व संरक्षक होता हैं। संघ अथवा संघ की इकाइयाँ यदि कोई कानून पारित करती हैं जो कि संविधान विरोधी हैं, तो उसे अवैध घोषित करने का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को होता हैं। इसे ही 'न्यायिक पुनर्विलोकन' की शक्ति कहा जाता हैं। अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय को यह शक्ति प्राप्त हैं। स्विट्जरलैंड में सर्वोच्च न्यायालय केवल कैन्टन द्वारा निर्मित कानूनों को ही अवैध घोषित कर सकता हैं। संघ द्वारा निर्मित कानूनों को अवैध घोषित करने का अधिकार उसे नहीं हैं। संघीय कानूनों को अवैध घोषित करने का अधिकार जनता के पास हैं। इस अधिकार का प्रयोग वह लोक निर्णय के अधिकार द्वारा करती हैं।
14. धर्मनिरपेक्ष राज्य की व्यवस्था
स्विस संविधान में एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की व्यवस्था की गई हैं। धर्मनिरपेक्ष राज्य के अनुरूप नागरिकों को धर्म तथा पूजा की स्वतंत्रता प्रदान की गई हैं। किसी धर्म विशेष के नागरिकों को कोई विशेष सुविधाएँ प्रदान नहीं की गई हैं। इस धर्मनिरपेक्षता का एक अपवाद अवश्य हैं। संविधान की 51 वीं धारा के द्वारा जीसट्स धर्म और उससे संबंधित संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया हैं। यह धर्मनिरपेक्षता के अनुकूल नहीं हैं।
15. स्विस संविधान स्विस जनता की प्रभुसत्ता का घोषणा-पत्र हैं
स्विस संविधान स्विस जनता की सार्वभौमिकता प्रकट करता हैं। कैन्टनों द्वारा विधान और उसके अंतर्गत बने कानूनों और दिये गये आदेशों की जाँच हो सकती है और उन्हें संघीय न्यायपालिका द्वारा अवैध ठहराया जा सकता हैं परन्तु संघीय कानून सर्वोपरि हैं और जन-साधारण को छोड़ संघीय कानूनों को कोई सत्ता मर्यादित नहीं कर सकती।
16. बहु-भाषाभाषी राज्य
विश्व के अधिकांश राज्यों मे अनेक भाषाओं का प्रयोग जरूर होता हैं लेकिन किसी एक भाषा को ही राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया जाता हैं। लेकिन स्विस संविधान में चार भाषाओं को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया गया हैं। स्विट्जरलैंड की 74% जनता जर्मन भाषाभाषी, 20% फ्रेंच तथा 5% इटालियन भाषाभाषी हैं। इनके अतिरिक्त 1% रोमांच नायक आदि भाषा बोलते हैं।
17. गतिशील संविधान
स्विट्जरलैंड का संविधान एक जीवित एवं गतिशील प्रलेख हैं। यह समय के अनुसार अपने-आपको बदलता रहा हैं। संविधान की आत्मा को छुए बिना संशोधनों द्वारा इसमें अनेक बार परिवर्तन किया गया हैं।
18. प्रत्यक्ष प्रजातंत्र
स्विट्जरलैंड के संविधान की सबसे प्रमुख विलक्षणता विशेषता यह हैं कि वहाँ प्रत्यक्ष प्रजातंत्र प्रचलित हैं। आज के अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र और प्रतिनिधि शासन के युग में यूरोप के मध्य स्विट्जरलैंड जैसे देश में प्रत्यक्ष प्रजातंत्र के अस्तित्व में बना रहना एक आश्चर्य और विचित्रता ही हैं। प्रत्येक प्रजातंत्र में जनता सीधे शासन के कार्यों मे स्वयं भाग लेती हैं, वह अपने प्रतिनिधियों पर निर्भर नहीं रहती। स्विट्जरलैंड की जनता को केवल जनप्रतिनिधायों को चुनने का ही अधिकार नहीं बल्कि उसे कानून निर्माण में भाग लेने, व्यवस्थापिका द्वारा निर्मित कानूनों को रद्द करने तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का भी अधिकार प्राप्त हैं। स्विट्जरलैंड के एक पूर्ण कैन्टन और चार अर्द्ध-कैन्टनों में प्रत्यक्ष लोकतंत्र विद्यमान हैं तथा यहाँ मतदाताओं की सभाओं द्वारा कानन निर्माण किया जाता हैं। इसके अतिरिक्त संघीय स्तर पर कैण्टनों के स्तर पर लोक-निर्णय और आरंभक की प्रत्यक्ष लोकतंत्रात्मक पद्धतियों को सफलता के साथ अपनाया गया हैं।
19. स्विस संविधान अपने ढंग का संघीय विधान हैं
यद्यपि स्विस व्यवस्था को उपसंघ कह कर सम्बोधित किया जाता हैं पर वह यथार्थ में एक पूर्णतः संघीय व्यवस्था हैं जिसकी अपनी अनूठी विशेषतायें हैं। न केवल स्विस विधान लिखित हैं बल्कि उसमें विषयों का विभाजन हैं और विवाद को निबटाने के लिये एक निष्पक्ष न्यायापालिका की व्यवस्था भी की गई हैं। स्विस संघ में 19 कैन्टन और 6 अर्ध कैन्टन सम्मिलित हैं। संघीय व्यवस्था के अनुकूल संघ और कैन्टनों का दुहरा शासन भी हैं परन्तु कैन्टनों पर तीन प्रकार का प्रतिबन्ध हैं--
(अ) कैन्टनों का संविधान गणतन्त्रात्मक ही होना चाहिए।
(ब) इसका संशोधन जन-साधारण के मत से हो सकता हैं।
(स) किसी विधान में संघीय सरकार के प्रतिकूल उपबन्ध नहीं हो सकता।
परन्तु इसके फलस्वरूप कैन्टनों की शक्ति और स्वायत्तता नगण्य हो गयी हैं। अविशिष्ट शक्तियाँ यहाँ कैन्टनों के ही पास हैं तथा अनेक विषयों में कानून संघीय सभा बनाती हैं, परन्तु उन्हें पालन कराने की जिम्मेदारी कैन्टनों पर रहती हैं, फिर स्थानीय लोकतंत्र की जड़े स्विस कैन्टनों में बड़ी गहराई तक पहुंची हुई हैं। केंद्रीय शासन कितना ही मजबूत क्यों न हों वे जड़े आसानी से उखाड़ी तो क्या, हिलाई भी नहीं जा सकतीं।
उपरोक्त विशिष्टताओं ने स्विट्जरलैंड के प्रशासन में कार्य कुशलता और सुस्थिरता ला दी हैं। प्रशासन की पूरी मशीन, नीचे से ऊपर तक सहयोग और सौहार्द्र के बल पर चलती हैं और इस प्रकार लोक निर्णय को श्रेष्ठतम ठहराती हुई स्विस राजनीति इस लड़खड़ाती दुनिया के लिये एक नया संदेश देती हैं।
स्विसट्जरलैण्ड का गणराज्य विश्व का सबसे प्राचीनतम गणराज्य है। राजनीति शास्त्रियों ने स्विस गणराज्य की अपने मुक्त-कण्ठ से प्रशंसा की है। गमतन्त्रवाद और राष्ट्र की प्रत्यक्ष सार्वभौमिकता का सिध्दान्त स्विस लोकतन्त्र की रक्षा करता है।
7. उदारवादी विचारधारा से अनुप्रणित लोकतन्त्र
वैसे तो स्विस संविधान मे मूलभूत अधिकारों की घोषणा नही की गई है। लेकिन उसने नागरिक स्वतन्त्रता, समता, तथा राज्य की धर्म निरपेक्षता की गारंटी दे रखी है। स्विस संविधान के अनुसार कानून के समक्ष सब नागरिक समान है। प्रकाशन, भाषण, तथा संघ-बनाने की स्वतन्त्रता के साथ धार्मिक स्वतंत्रता भी दी गई है लेकिन जेसुइट और तत्ससम्बन्धी सम्प्रदायों पर रोक है।
8. बहुल कार्यपालिका
स्विस संविधान की मुख्य विशेषता बहुल कार्यपालिका का होना है। शासन व्यवस्था के संचालन के लिए कार्यपालिका का संगठन एकल होता है। लेकिन स्विस संविधान इस संदर्भ में भिन्न है। स्विस कार्यपालिका शक्ति एक संघीय परिषद् को प्रदान की गयी है जिसमें 7 सदस्य सहयोग के रूप में काम करते है और एक ही पार्टी से न लिये जाकर विभिन्न दलों का प्रतिनिधित्व करते है। इसमें से बारी-बारी से कार्यकारिणी का अध्यक्ष चुन लिया जाता है। संघीय परिषद् के किसी भी सदस्य की स्थिति अमरीकन राष्ट्रपति या ब्रिटिश प्रधानमंत्री के समान नही होती।
9. संसदात्मक और अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली का समन्वय
स्विसट्जरलैंड की शासन व्यवस्था न तो संसदीय शासन के अनुकूल है और न ही अध्यक्षात्मक शासन के अनुकूल है। इसलिए इसे संदात्मक और अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली मे समन्वय कहा जा सकता है।
10. आंशिक न्यायिक पुनरावलोकन की व्यवस्था
स्विस संविधान द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को न्यायिक पुनरावलोकन का अधिकार आंशिक रूप से प्रदान किया गया है।
11. प्रशासनिक कानून पर आधारित न्यायपालिका
स्विस संविधान मे न्यायपालिका को न्यायिक कार्यों के लिए प्रशासनिक कानूनों पर आधारिति किया गया है। इस व्यवस्था के तहत जन- सामान्य और प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए पृथक-पृथक न्यायालय होते है।
12. उदार संविधान
स्विस संविधान व्यक्ति के महत्व को स्वीकार करता है और इस धारणा पर आधारित है कि राज्य व्यक्ति के कल्याण के लिए हैं। व्यक्ति के अधिकारों तथा स्वतंत्रताओं का समुचित आदर किया गया हैं। आर्थिक क्षेत्र मे यद् भाव्यम् नीति का प्रतिपादन किया हैं तथापि स्विस संविधान ने जनकल्याण तथा सामाजिक सुरक्षा के उपबन्धो द्वारा संशोधित कर इसे लोक-कल्याणकारी राज्य का रूप दे दिया हैं।
13. न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति का अभाव
संघीय शासन व्यवस्था वाले देशों में सर्वोच्च न्यायालय की व्यवस्था होती हैं। सर्वोच्च न्यायालय ही संविधान का अभिभावक व संरक्षक होता हैं। संघ अथवा संघ की इकाइयाँ यदि कोई कानून पारित करती हैं जो कि संविधान विरोधी हैं, तो उसे अवैध घोषित करने का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को होता हैं। इसे ही 'न्यायिक पुनर्विलोकन' की शक्ति कहा जाता हैं। अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय को यह शक्ति प्राप्त हैं। स्विट्जरलैंड में सर्वोच्च न्यायालय केवल कैन्टन द्वारा निर्मित कानूनों को ही अवैध घोषित कर सकता हैं। संघ द्वारा निर्मित कानूनों को अवैध घोषित करने का अधिकार उसे नहीं हैं। संघीय कानूनों को अवैध घोषित करने का अधिकार जनता के पास हैं। इस अधिकार का प्रयोग वह लोक निर्णय के अधिकार द्वारा करती हैं।
14. धर्मनिरपेक्ष राज्य की व्यवस्था
स्विस संविधान में एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की व्यवस्था की गई हैं। धर्मनिरपेक्ष राज्य के अनुरूप नागरिकों को धर्म तथा पूजा की स्वतंत्रता प्रदान की गई हैं। किसी धर्म विशेष के नागरिकों को कोई विशेष सुविधाएँ प्रदान नहीं की गई हैं। इस धर्मनिरपेक्षता का एक अपवाद अवश्य हैं। संविधान की 51 वीं धारा के द्वारा जीसट्स धर्म और उससे संबंधित संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया हैं। यह धर्मनिरपेक्षता के अनुकूल नहीं हैं।
15. स्विस संविधान स्विस जनता की प्रभुसत्ता का घोषणा-पत्र हैं
स्विस संविधान स्विस जनता की सार्वभौमिकता प्रकट करता हैं। कैन्टनों द्वारा विधान और उसके अंतर्गत बने कानूनों और दिये गये आदेशों की जाँच हो सकती है और उन्हें संघीय न्यायपालिका द्वारा अवैध ठहराया जा सकता हैं परन्तु संघीय कानून सर्वोपरि हैं और जन-साधारण को छोड़ संघीय कानूनों को कोई सत्ता मर्यादित नहीं कर सकती।
16. बहु-भाषाभाषी राज्य
विश्व के अधिकांश राज्यों मे अनेक भाषाओं का प्रयोग जरूर होता हैं लेकिन किसी एक भाषा को ही राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया जाता हैं। लेकिन स्विस संविधान में चार भाषाओं को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया गया हैं। स्विट्जरलैंड की 74% जनता जर्मन भाषाभाषी, 20% फ्रेंच तथा 5% इटालियन भाषाभाषी हैं। इनके अतिरिक्त 1% रोमांच नायक आदि भाषा बोलते हैं।
17. गतिशील संविधान
स्विट्जरलैंड का संविधान एक जीवित एवं गतिशील प्रलेख हैं। यह समय के अनुसार अपने-आपको बदलता रहा हैं। संविधान की आत्मा को छुए बिना संशोधनों द्वारा इसमें अनेक बार परिवर्तन किया गया हैं।
18. प्रत्यक्ष प्रजातंत्र
स्विट्जरलैंड के संविधान की सबसे प्रमुख विलक्षणता विशेषता यह हैं कि वहाँ प्रत्यक्ष प्रजातंत्र प्रचलित हैं। आज के अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र और प्रतिनिधि शासन के युग में यूरोप के मध्य स्विट्जरलैंड जैसे देश में प्रत्यक्ष प्रजातंत्र के अस्तित्व में बना रहना एक आश्चर्य और विचित्रता ही हैं। प्रत्येक प्रजातंत्र में जनता सीधे शासन के कार्यों मे स्वयं भाग लेती हैं, वह अपने प्रतिनिधियों पर निर्भर नहीं रहती। स्विट्जरलैंड की जनता को केवल जनप्रतिनिधायों को चुनने का ही अधिकार नहीं बल्कि उसे कानून निर्माण में भाग लेने, व्यवस्थापिका द्वारा निर्मित कानूनों को रद्द करने तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का भी अधिकार प्राप्त हैं। स्विट्जरलैंड के एक पूर्ण कैन्टन और चार अर्द्ध-कैन्टनों में प्रत्यक्ष लोकतंत्र विद्यमान हैं तथा यहाँ मतदाताओं की सभाओं द्वारा कानन निर्माण किया जाता हैं। इसके अतिरिक्त संघीय स्तर पर कैण्टनों के स्तर पर लोक-निर्णय और आरंभक की प्रत्यक्ष लोकतंत्रात्मक पद्धतियों को सफलता के साथ अपनाया गया हैं।
19. स्विस संविधान अपने ढंग का संघीय विधान हैं
यद्यपि स्विस व्यवस्था को उपसंघ कह कर सम्बोधित किया जाता हैं पर वह यथार्थ में एक पूर्णतः संघीय व्यवस्था हैं जिसकी अपनी अनूठी विशेषतायें हैं। न केवल स्विस विधान लिखित हैं बल्कि उसमें विषयों का विभाजन हैं और विवाद को निबटाने के लिये एक निष्पक्ष न्यायापालिका की व्यवस्था भी की गई हैं। स्विस संघ में 19 कैन्टन और 6 अर्ध कैन्टन सम्मिलित हैं। संघीय व्यवस्था के अनुकूल संघ और कैन्टनों का दुहरा शासन भी हैं परन्तु कैन्टनों पर तीन प्रकार का प्रतिबन्ध हैं--
(अ) कैन्टनों का संविधान गणतन्त्रात्मक ही होना चाहिए।
(ब) इसका संशोधन जन-साधारण के मत से हो सकता हैं।
(स) किसी विधान में संघीय सरकार के प्रतिकूल उपबन्ध नहीं हो सकता।
परन्तु इसके फलस्वरूप कैन्टनों की शक्ति और स्वायत्तता नगण्य हो गयी हैं। अविशिष्ट शक्तियाँ यहाँ कैन्टनों के ही पास हैं तथा अनेक विषयों में कानून संघीय सभा बनाती हैं, परन्तु उन्हें पालन कराने की जिम्मेदारी कैन्टनों पर रहती हैं, फिर स्थानीय लोकतंत्र की जड़े स्विस कैन्टनों में बड़ी गहराई तक पहुंची हुई हैं। केंद्रीय शासन कितना ही मजबूत क्यों न हों वे जड़े आसानी से उखाड़ी तो क्या, हिलाई भी नहीं जा सकतीं।
उपरोक्त विशिष्टताओं ने स्विट्जरलैंड के प्रशासन में कार्य कुशलता और सुस्थिरता ला दी हैं। प्रशासन की पूरी मशीन, नीचे से ऊपर तक सहयोग और सौहार्द्र के बल पर चलती हैं और इस प्रकार लोक निर्णय को श्रेष्ठतम ठहराती हुई स्विस राजनीति इस लड़खड़ाती दुनिया के लिये एक नया संदेश देती हैं।
यह जानकारी आपके के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी
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Thank you sir Isse hme bahot hi sahayta prapt hua hai
जवाब देंहटाएंThanks for sharing your thoughts.
हटाएंGeetanjali khede
हटाएंVery good sir
जवाब देंहटाएंThanks for sharing your thoughts.
हटाएंThankss a million Sir. ..
जवाब देंहटाएंYou are doing great..
सर यह जानकारी हमारे लिए बहुत ज्ञानवर्धक रही।।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद सर।।
Thanks for sharing your thoughts,
हटाएंशानदार गुरुदेव
जवाब देंहटाएंShiv kumar delu Bishnoi
जवाब देंहटाएंशानदार गुरुदेव
जवाब देंहटाएंVery very thank you sir.. .
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