हिटलर की गृह नीति
hitler ki grah niti;जर्मनी में 5 मार्च, 1933 चुनाव हुऐ। जिसमें नेशनल सोशलिस्ट दल को, राइखस्टेग के 647 स्थानों में से 288 स्थान प्राप्त हुए और लगभग 44 प्रतिशत मत मिले। इसमें नाजियों के सहयोगी राष्ट्रीय दलों को 52 प्रतिनिधियों को मिलाकर हिटलर को पूर्ण बहुमत हासिल हो गया। 23 मार्च, 1933 को हिटलर ने एनेबलिंग एक्ट पास करवा लिया। इस एक्ट के अनुसार सरकार को लोकसभा की स्वीकृति के बिना, 4 वर्ष तक सभी प्रकार के कानून बनाने का अधिकार प्राप्त हो गया। इसी समय से जर्मनी में संवैधानिक शासन का अंत हो गया और एक व्यक्ति अर्थात् हिटलर का शासन स्थापित हो गया।
1. शिक्षा का नाजीकरण
डॉ. रोजेनवर्ग को हिटलर ने शिक्षामंत्री नियुक्त किया। शिक्षा का प्रचार-प्रसार एंव प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय समाजवाद पर केन्द्रित किया गया। यह नाजी दल तथा उसके सिद्धांतों पर आधारित था़। अध्यापकों का नाजी सिद्धांतों में पारंगत होना आवश्यक था। इतिहास विषय की स्वतंत्र धाराओं के शिक्षण पर रोक लगा दी गई। स्वतंत्र अभिव्यक्ति तथा लेखन पर रोक एवं शिक्षा के नाजीकरण से कई विद्वान लेखक, वैज्ञानिक तथा अध्यापक, जर्मनी छोड़कर अन्यत्र चले गए। छात्र-छात्रओं को ‘‘हिटलर युवा संस्था‘‘ का सदस्य बनना अनिवार्य था। इस संस्था में नाजी विचारधारा में रंगकर बालक-बालिकांए को समाज तथा कुटुम्ब पर पैनी नजर रखने का प्रशिक्षण दिया जाता था। ये बालक-बालिकाएं अपने ही परिवार जनों की गतिविधियों की जासूसी करते थे। अभिभावक अपने ही बच्चों से घबराने लगे। उन्हे भय होने लगा कि घर में चल रही चर्चा शासन के गुप्त तंत्र तक पहुंच सकती है।
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2. सभी राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध
हिटलर के द्वारा सन् 1933 ई. में राइखस्टेग के चुनावों की घोषणा की। चुनावों से पूर्व रहस्यमय ढंग से राइखस्टेग में आग लग गई, जिसका दोष साम्यवादियों पर लगाया गया। साम्यवादी दल को हिटलर ने प्रतिबंधित कर दिया। हिटलर ने दल को 288 स्थान हासिल हुए। उसने एनएबलिंग कानून द्वारा सभी अधिकार अपने हाथ में ले लिए। 4 जुलाई 1933 तक उसने सभी राजनीतिक दलों को प्रतिबंधित कर दिया। कैबिनेट द्वारा पारित एक आदेश द्वारा यह घोषित किया गया कि जर्मनी में सिर्फ एक ही दल होगा।
3. आर्थिक एकीकरण
हिटलर की सरकार बनाने के बाद उसने सभी आर्थिक क्षेत्र को अपने नियत्रंण में ले लिया और साथ ही साथ आर्थिक संकट से मुक्त करने तथा उसे पुनः समृद्ध बनाने का प्रयास किया। इस दिशा में उसने सबसे पहले बेरोजगारी कम करने का प्रयत्न किया। मार्क्सवादी, यहूदी एंव अवांछित व्यक्तियों को कारखानों से हटाकर, नाजी, समर्थकों को रखा गया। विवाहित स्त्रियों को काम पर से हटाने तथा मजदूरी के घंटे कम करने से भी हजारों लोगों को काम मिला गया। हिटलर ने श्रमिक संघों को समाप्त कर दिया। इसके बाद राबर्ट ले की अध्यक्षता में जर्मन श्रमिक मोर्चा गठित किया गया।
इसके पश्चात् 1934 ई. में जर्मनी में औद्योगिक उत्पादन में तीव्रगति से वृद्धि हुई। 1937 ई. आरम्भ में उसका उत्पादन 1928 ई. के अनुपात से 12 प्रतिशत की वृद्धि हो गयी। इसके साथ सरकार ने आयाम को कम करने और निर्यात को बढ़ाने के भी प्रयास किए। 1936 ई. में नाजी सरकार ने चार वर्षीय आर्थिक योजना की घोषणा की। इस योजना के माध्यम से हिटलर देश को आगामी युद्ध के लिए तैयार करना चाहता था। अतः अर्थव्यवस्था को युद्धकालीन अर्थव्यवस्था का रूप दे दिया। इस तरह हिटलर ने जर्मनी को आर्थिक संकट से मुक्त कराकर, बेरोजगारी की समस्या को लगभग समाप्त कर दिया, औद्योगिक उत्पादन को लगभग दुगुना कर दिया इसके अतिरिक्त कृषि क्षेत्र में भी उत्पादन को बढ़ाने की चेष्टा की।
4. जर्मनी का नाजीकरण और हिटलरीकरण
सत्ता पर काबिज होने के बाद हिटलर ने प्रत्येक प्रांत, जिले और ग्राम के प्रत्येक शासकीक पद पर नाजियों को नियुक्त करना प्रारंभ कर दिया। हरमन गोरिंग को गृहमंत्री बनाया गया। पुलिस विभाग नाजियों से भर दिया गया। जोजेफ गोयबल को प्रचार मंत्री बनाया। देश के समस्त अधिकारी, कर्मचारी और नागरिकों को हिटलर प्रत्येक आदेश का पालन करना आवश्यक था। प्रत्येक कानून का निर्माता हिटलर बन गया था। कोई कानून, संविधान या न्यायालय और संसद उस पर अंकुश नहीं लगा। सकती थी। अधिकारियों की नियुक्ति नाजी दल में से एक समिति करती थी जिसे हिटलर ने ही बनाया था। रीशटांग उसकी इच्छा का पालन करने वाली संस्था बनकर रह गई थी। समस्त राजनैतिक दलों को समाप्त कर केवल नाजी दल को ही वैध घोषित किया गया। उसके अनुसार ‘‘राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी ही राज्य है‘ तथा प्रत्येक जर्मन को उसकी सदस्यता ग्रहण करना अनिवार्य कर दिया गया था। हिटलर स्वंय ‘फ्यूरर‘‘ कहलाना चाहता था। इस प्रकार सम्पूर्ण जर्मनी का नाजीकरण और प्रत्येक नाजी का हिटलरीकरण करने का प्रयास किया गया।
5. प्रोटेस्टेण्डों से समझौता
जर्मनी में कैथोलिकों की अधिकता के कारण हिटलर ने प्रोटेस्टेण्टों से अच्छे सम्बंध स्थापित करने का प्रयत्न किया। पूर्व में नाजी दल के विरोध के कारण कई प्रोटेस्टेण्ट धर्माधिकारियों को जेल में डाल दिया गया था। नई नीति के अंतर्गत प्रोटेस्टेण्ट चर्चो को संयुक्त चर्च के रूप में स्थापित कर ‘‘रीश बिशप‘‘ के अधीन कर दिया गया। कुछ समय में ही प्रोटेस्टेण्ट चर्च से भी उसके मधुर सम्बंध समाप्त हो गए। धार्मिक नीति के क्षेत्र में कुल मिलाकर हिटलर असफल ही रहा।
6. अराजकता के स्थान पर अनुशासन
हिटलर के आने से पूर्व जर्मनी में काफी अराजकता फैली हुई थी। उसके इस अराजकता को नियंत्रित करने के लियें कठोर अनुशासन में परिणित कर हिटलर ने जर्मनी के विशाल बन्दरगाहों, सड़कों तथा अन्य निर्माण कार्यो की ओर ध्यान दिया । जर्मनी में बेरोजगारों की संख्या घटकर आधी रह गई। नवीन वैज्ञानिक शोध के आधार पर उत्तम प्रकार के शस्त्रास्त्रों के निर्माण के लिए नई मशीनें क्रय करने की व्यवस्था की गई। सम्पूर्ण जर्मनी एक विशाल फौजी छावनी में बदल गया। हिटलर का अनुशासन आन्तरिक ने होकर बन्दूक की नली की नोक पर आधारित था। अतः हिटलर की तानाशाही एंव थोपा गया अनुशासन हिटलर की समाप्ति के साथ ही हवा बनकर उड़ गया।
मूल्यांकन
ऊपर दिए गये विवेचन से यह पता चल गया है। कि जर्मनी को हिटलर ने पुनः एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने का जो संकल्प लिया था। उसे पूरा करने में कोई कसर नहीं रखी तथा जर्मनी को पुनः एक सशक्त राष्ट्र के रूप में ला खड़ा किया।
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