7/17/2021

अगस्त काम्टे को समाजशास्त्र का जनक/ पति क्यों कहा जाता है

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आगस्त काम्टे को समाजशास्त्र का पिता अथवा जनक क्यों कहा जाता है? 

 समाजशास्त्र का व्यवस्थित विज्ञान के रूप मे जो विकसित स्वरूप हमको देखने को मिलता है वह उन्नीसवीं शताब्दी की देने है। इसके संस्थापक होने का श्रेय फ्रांसीसी दार्शनिक आगस्त काॅम्ट को ही है। अगस्त काम्टे को समाजशास्त्र का पिता मानने के दो निम्न कारण है-- 

1. आगस्त काॅम्ट ने ही सर्वप्रथम समाजशास्त्र एवं सामाजिक विचारों के क्षेत्र का निर्धारण किया, सामाजिक विचारों के ज्ञान का अन्य शाखाओं के साथ संबंध बतलाया तथा समाज के पुनसंगठन के लिए उपयुक्त पृष्ठभूमि तैयार की। इसके साथ ही विज्ञानों के वर्गीकरण का नवीन सिद्धांत स्थापित किया एवं उनके पारस्परिक संबंधों पर प्रकाश डाला। 

2. उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि समाजशास्त्र ही एक ऐसा विज्ञान होगा जो सामाजिक प्रगति एवं विकास से संबंधित सामान्य सिद्धांतों एवं नियमों का निर्माण करेगा। 

वाकर ने लिखा है," काॅम्ट सर्वप्रथम विचारक था जो समाजशास्त्र को मानवीय क्रियाओं का एकमात्र विज्ञान मानता था। आगस्त काम्टे ने ही सर्वप्रथम सामाजिक विज्ञान की आवश्यकता का अनुभव किया और उस विज्ञान का नामकरण पहले 'सामाजिक भौतिक शास्त्र' और बाद में सन् 1838 मे 'समाजशास्त्र' रखा। 

इसलिए आगस्त काम्टे को " समाजशास्त्र का पिता अथवा जनक " कहा जाता है। समाजशास्त्र की एक विज्ञान के रूप मे स्थापना करने के बाद उन्होंने यह बतलाया कि इसकी प्रगति एवं विकास मार्ग में जो कठिनाईयाँ इस समय विद्यमान है, वे भविष्य मे नही रहेंगी। उन्होंने इस और भी ध्यान आकर्षित किया कि समाजशास्त्र ही एक ऐसा विज्ञान होगा जो सामाजिक उन्नति एवं विकास से संबंधित अपने सामान्य सिद्धांतों एवं निर्णयों की स्थापना करेगा और विशिष्ट प्रकार के अनुसंधान कार्यों में सार्वभौमिक नियमों का प्रतिपादन कर सकेगा। इस प्रकार आगस्त काम्टे ने समाजशास्त्र को आधारभूत स्वरूप प्रदान किया और समाजशास्त्र के जनक कहलाये। 

महान फ्रांसीसी दार्शनिक एवं विचारक आगस्त काॅम्ट को ' समाजशास्त्र का पिता ' कहा जाता है, यह कोई अतिश्योक्ति नही है। वास्तव मे समाजशास्त्र के जन्मदाता एवं पालनहार, जिन्होंने समाजशास्त्र को पाल-पोस कर विकसित किया, आगस्त काॅम्ट ही थे। " आगस्त काम्टे समाजशास्त्र के जनक है।" इस कथक की पुष्टि के संदर्भ में निम्न तर्क प्रस्तुत किये जाते है-- 

1. आगस्त काॅम्ट ही वह सर्वप्रथम व्यक्ति थे, जिन्होंने इस तथ्य का प्रतिपादन किया कि वस्तुतः समाजशास्त्र ही वह विज्ञान है, जो सामाजिक प्रगति एवं विकास से संबंधित सामान्य सिद्धांतों तथा नियमों का निर्माण करने के संदर्भ मे समर्थ एवं सक्षम है। 

2. आगस्त काॅम्ट ही सर्वप्रथम वह व्यक्ति थे, जिन्होंने समाजशास्त्र तथा सामाजिक विचारों के क्षेत्र का निर्धारण करके ज्ञान की अन्य शाखाओं के साथ इसका संबंध प्रतिपादित किया। 

4. आगस्त काॅम्ट ही वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने सामाजिक पूर्नसंगठन हेतु उपयोगी और उपयुक्त पृष्ठभूमि का महत्वपूर्ण निर्माण किया।

5. आगस्त काॅम्ट ही वह सर्वप्रथम व्यक्ति थे, जिन्होंने इस विज्ञान का नाम ' सामाजिक भौतिक शास्त्र ' से बदलकर 'समाजशास्त्र' किया। 

इस प्रकार उपरोक्त विवरण से यह स्पष्ट है कि काम्टे के सतत् एवं अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप समाजशास्त्र को एक आधारभूत स्वरूप प्राप्त हुआ। अतः उनको " समाजशास्त्र का जनक " की संज्ञा से अलंकृत करना उचित प्रतीत होता है। 

आगस्त काॅम्ट को हम " समाजशास्त्र का एडम स्मिथ" भी कह सकते क्योंकि जो कार्य अर्थशास्त्र के एडमस्मिथ ने किया था, वही कार्य समाजशास्त्र के लिए आगस्त काम्टे ने किया। आगस्त काम्टे का समाजशास्त्र मे वही स्थान है जो अर्थशास्त्र में एडमस्मिथ का हैं।

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