3/10/2022

सहयोग अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएं

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सहयोग का अर्थ (sahyog ka arth)

अंग्रेजी भाषा मे सहयोग co-operation कहलाता है। जो लेटिन भाषा के दो शब्दों co और operai से मिलकर बना है। जिसका अभिप्राय है, मिलकर काम करना। अर्थात् सामान्य उद्देश्य की प्राप्ति के लिये मिलजुलकर कार्य करना ही सहयोग है।
सहयोग एक एकीकरण करने वाली प्रक्रिया है। यह मानव समाज की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। बिना सहयोग के समाज एक क्षण भी नही चल सकता। मैकाइवर और पेज ने अपनी पुस्तक सोसायटी मे लिखा है कि समाज संघर्ष के बाद प्राप्त किया गया सहयोग है। सहयोग सामाजिक जीवन की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसकी आवश्यकता व्यक्ति को जन्म से लेकर मृत्यु तक होती है। सहयोग सामाजिक अन्तः क्रिया का वह रूप है जिसमे कुछ व्यक्ति एक सामान्य लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक साथ प्रयत्न करते है।
सहयोग अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएं
इस note मे हम सहयोग क्या है? सहयोग किसे कहते है? सहयोग की परिभाषा और सहयोग की विशेषताएं जानेगें।

सहयोग की परिभाषा (sahyog ki paribhasha)

जोसेफ फिचर के अनुसार " सहयोग सामाजिक प्रक्रिया का वह रूप है जिनमे दो या दो से अधिक व्यक्ति या समूह एक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक साथ मिलकर कार्य करते है।
ए. डब्ल्यू ग्रीन " दो या दो से अधिक व्यक्तियों का इच्छित लक्ष्य प्राप्ति के लिए किया गया निरंतर और सम्मिलित प्रयास सहयोग है।
मेरिल और एल्ड्रिज " सहयोग सामाजिक अंतःक्रिया का वह रूप है जिसमे दो या दो से अधिक व्यक्ति सामान्य उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक साथ मिलकर काम करते है।
सदरलैण्ड और वुडवर्ड के अनुसार " सहयोग विभिन्न व्यक्तियों अथवा समूहों द्वारा सामान्य उद्देश्य की प्राप्ति के लिये मिल-जुलकर कार्य करना है।
किंग्सले डेविस के अनुसार " एक सहयोगी समूह वह है जो ऐसे उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कार्य करता है, जिसको सभी चाहते है।
प्रो. ग्रीन ने सहयोग को परिभाषित करते हुए लिखा हैं," सहयोग दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा कोई कार्य करने अथवा सामान्य रूप से इच्छित किसी लक्ष्य तक पहुंचने के लिए किया जाने वाला निरन्तर और सामूहिक प्रयत्न हैं।" 
फेयरचाइल्ड के अनुसार," सहयोग वह प्रक्रिया हैं जिसके द्वारा अनेक व्यक्ति अथवा समूह एक सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने प्रयत्नों को एक-दूसरे से सम्बद्ध कर लेते हैं।" 
उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर हम कह सकते है कि, सहयोग सामाजिक अन्तक्रिया का वह रूप है जिसमें कुछ व्यक्ति एक सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए साथ-साथ कार्य करते हैं और इस चेतना से प्रभावित रहते हैं कि वास्तव में, वे सब एक हैं। यह स्थिति उनमें पारस्परिक सहायता, एकता और त्याग की भावनाओं को उत्पन्न करती है जो सहयोग की आधारभूत विशेषताएं हैं।

सहयोग की विशेषताएं (sahyog ki visheshta)

1. सहयोग की प्रक्रिया दो या से अधिक व्यक्तियों के बीच पायी जाती है।
2. सहयोग सामाजिक अंतःक्रिया का एक स्वरूप है।
3. सहयोग एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है। सहयोग सभी स्थानों पर देखने को मिलता है।
4. सहयोग दो या दो से अधिक व्यक्तियों का किसी सामान्य उद्देश्य की प्राप्ति के लिये किया गया कार्य है।
5. सम्बंधित पक्षों की जागरूकता सहयोग को सफल व असफल बनाती है।
6. प्रयत्नों की सफलता पर सहयोग निरन्तर आश्रित होता है।
7.सहयोग मे मित्रता, सौहार्द, समरूपता अथवा एकता की भावना अनिवार्य होती है।
8. सहयोग एक चेतन प्रक्रिया है।
9. सहयोग सामाजिक संगठन का आधार है।
10. एक प्रक्रिया के रूप मे सहयोग समाज मे व्यक्तियों के द्वारा किया गया निरंतर प्रयास है।
B.ed यह जानकारी आपके के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी
समाजशास्त्र 
यह भी पढ़ें; सहयोग के स्वरूप या प्रकार एवं महत्व

1 टिप्पणी:
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  1. बेनामी25/4/23, 4:36 pm

    आपने जो सहयोग की परिभाषाएं दे रखी है वह कौन सी बुक में मिलेगी कृपया बताने का कष्ट करें

    जवाब देंहटाएं

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