रानी दुर्गावती योजना
rani durgavati yojana in hindi;मध्य प्रदेश शासन द्वारा अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के बेरोजगारों को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए रानी दुर्गावती स्वरोजगार योजना लागू की गयी है। रानी दुर्गावती योजना 1 अप्रैल 2003 से सम्पूर्ण मध्यप्रदेश मे लागू है। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को स्वरोजगार के रूप मे उधोग-व्यवसाय करने हेतु सहायता उपलब्ध कराना है। इस योजना के अन्तर्गत स्वरोजगार के इच्छुक व्यक्तियों को उधम के चयन से लेकर प्रशिक्षण, वित्तीय, सहायता, विपणन स्थापना आदि चरणों मे सहायता प्रदान करने का कार्यक्रम बनाया गया है।रानी दुर्गावती योजना के लक्ष्य
इस योजना मे प्रतिवर्ष कम से कम 50,00 अनुसूचित जाति या जनजाति वर्ग के शिक्षित बेरोजगारों को स्वरोजगार के माध्यम से उधमी के रूप मे विकसित कर अपने उधोग अथवा व्यवसाय स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रकार अगले 5 वर्षों मे 25,000 अनुसूचित जाति या जनजाति के उम्मीदवारों का लाभान्वित किए जाने का प्रावधान है।
रानी दुर्गावती योजना के लाभ हेतु पात्रता
इस योजना के अन्तर्गत राज्य अनुसूचित जाति या जनजाति वर्ग के ऐसे व्यक्ति होगे जो--
1. मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो।
2. अनुसूचित जाति या जनजाति का हो। (जाति प्रमाण पत्र होना चाहिये)
3. उम्र 18 वर्ष से 50 वर्ष हो।
4. किसी शासकीय/मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कम से कम आववीं कक्षा पास हो।
प्राथमिकता
निम्म श्रेणी के आवेदकों को प्राथमिकता रहेगी--
(अ) राज्य शासन का बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वाले तथा/अथवा
(ब) तकनीकी शिक्षा तथा प्रशिक्षण की "बहुउद्देशीय इंजीनियर" योजनान्तर्गत प्रशिक्षित।
(स) महिला आवेदक को प्रतिनिधित्व देने के लिए विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
पात्र गतिविधियाँ
उधोग/सेवा/व्यवसाय से संबंधित समस्त गतिविधियां।
योजना का क्रियान्वयन
रानी दुर्गावती स्वरोजगार योजन का क्रियान्वयन जिला व्यापार एवं उधोग केन्द्र के माध्यम से किया जाता है। उम्मीदवारों का चयन-महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, जिला रोजगार अधिकारी, बैंक के प्रतिनिधि द्वारा किया जाएगा।
प्रशिक्षण
प्रशिक्षण कार्यक्रम 4 सप्ताह का होगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रत्येक बैच मे 20 से 40 प्रशिक्षार्थियों को एक साथ प्रशिक्षण दिया जावेगा। प्रशिक्षण का व्यय शासन द्वारा वहन किया जावेगा।
सहायता का स्वरूप
इस योजना के अन्तर्गत स्वरोजगार स्थापित करने के इच्छुक उम्मीदवार को मार्जिन मनी के रूप मे सहायता दी जाएगी।
स्वयं का उधोग, सेवा, व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए वित्तीय संस्थाओं द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जाता है। हितग्राहियों को ऋण प्राप्त करने के लिए स्वयं के स्तर मे मार्जिन मनी लगानी पड़ती है। अतः इस योजना के अन्तर्गत चयनिय हितग्राही को उसके उधम की आवश्यकता को देखते हुए मार्जिन मनी सहायता उपलब्ध करायी जावेगी।
मार्जिन मनी की राशि किसी भी स्थिति मे स्वीकृति परियोजना लागत के 33 प्रतिशत से अधिक नही होगी। यह राशि सहायता अनुदान के रूप मे होगी अर्थात् लाभार्थी को भविष्य मे इसे लौटाना नही पड़ेगा।
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