पश्चिमी शिक्षा की विशेषताएं
pashchimi shiksha ki visheshta;पाश्चात्य देशों के इतिहास का अध्ययन करने पर यह पता चलता है कि वहां के दर्शनवेत्ता महान शिक्षक हुए और शिक्षक ही महान दार्शनिक हुए है। प्रागैतिहासिक काल से लेकर वर्तमान समय तक पाश्चात्य विद्वानों ने अपने विचारों से शिक्षा व्यवस्था को इतना उन्नत और समृद्ध बना दिया कि आज लगभग संपूर्ण विश्व की शिक्षा व्यवस्था इन विचारों का अनुसरण कर अपनी शिक्षा प्रणाली में सुधार कर रही है।
पश्चिमी शिक्षा की निम्नलिखित विशेषताएं है--
1. यूनान के प्रसिद्ध दार्शनिक प्लेटो पाश्चात्य आदर्शवाद के जन्मजात थे। वे एक सुयोग्य शिक्षक भी थे। अपने दार्शनिक सिद्धांतों को प्रयोगात्मक रूप देने के लिए उन्होंने 'एकेडेमी' नामक प्रसिद्ध विद्यालय की स्थापना की।
2. प्रकृतिवादी विचारधारा में मानव स्वतंत्रता पर विशेष बल दिया गया। रूसो एक महान युग-प्रवर्तक थे, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में मनोवैज्ञानिक, सामाजिक तथा वैज्ञानिक प्रवृत्तयों को जन्म दिया। रूसो का प्रसिद्ध नारा था-- 'प्रकृति की ओर लौटो'।
3. यथार्थवाद के उदय से शिक्षा मे नवीन उद्देश्यों का श्रीगणेश हुआ और उन बातों को महत्व मिला जो बालक के भावी जीवन को सुखी बनाने के लिए जरूरी होती है। विज्ञान को पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण स्थान मिला।
4. वर्तमान युग की दार्शनिक विचारधाराओं में प्रयोजनवादी विचारधारा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। अमेरिका में इस विचारधार का प्रादुर्भाव एवं प्रसार हुआ।
5. प्रगतिशील शिक्षा के विचारों को बल देने वाले सुप्रसिद्ध दार्शनिक रूसों, फ्राॅबेल, पेस्टालाॅजी, माॅण्टेसरी आदि पश्चिमी विद्वान हैं।
6. पेस्टालाॅजी ने शिक्षा में मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों का प्रयोग करके बाल-केन्द्रित शिक्षा को बल प्रदान किया।
7. फ्राॅबेल ने 'किंडरगार्टन शिक्षा प्रद्धति' को प्रस्तुत करके बालकों की जन्मजात प्रवृत्तियों के विकास पर बल दिया।
8. माॅण्टेसरी ने मन्दबुद्धि बालकों के लिए विशेष कार्य किया। बाल मनोविज्ञान पर आधारित 'माॅण्टेसरी पद्धति' का निर्माण किया।
9. रसेल ने आदर्शवादी और व्यावहारिकवादी तत्वों का समावेश कर शिक्षा की विस्तृत योजना प्रस्तुत की। रसेल ने व्यक्तिवादी शिक्षा पर बल दिया।
10. हरबर्ट स्पेन्सर ने शिक्षा में वैज्ञानिक यथार्थवाद का समर्थन किया। शिक्षा के क्षेत्र में वैज्ञानिक यथार्थवाद के फलस्वरूप जीवन में वैज्ञानिक विषयों की उपयोगिता सिद्ध हुई। उन्हीं विषयों को पढ़ाने पर बल दिया गया, जिनसे जीवन के सुखों की प्राप्ति हो।
इस प्रकार पाश्चात्य शिक्षा ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में हुए सुधारों की आधारशिला रखी। अनेकों ऐसी शिक्षा पद्धतियाँ विकसित की गयी जिन्हे संपूर्ण विश्व मे शैक्षिक सुधारों के लिए अपनाया जा रहा है। पश्चिमी शिक्षा का प्रभाव संपूर्ण विश्व की शिक्षा व्यवस्था पर स्पष्ट रूप से देखने को मिलता है।
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Vaudik
जवाब देंहटाएंcalling shikshak ke uddeshy aadarsh kya thi aaj ke yug mein unki prasad guitar ki vivechna kijiye