अकबर कौन था?
akbar kon tha;अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 ई. को सिन्ध अमरकोट नामक स्थान पर हुआ था। अकबर की मां का नाम हमीदा बानू बेगम था। हमीदा बानू, हिन्दाल के गुरू अली अकबर जामी की पुत्री थी। हिन्दाल की मर्जी के खिलाफ हुमायूं ने 21 अगस्त 1541 को हमीदा बानू से विवाह किया था। ये हुमायूं के भटकने और संघर्ष के दिन थे। जब अकबर का जन्म हुआ, उस समय हुमायूं का परिवार अमरकोट के राणा बीरसाल के संरक्षण में था। अमरकोट के किले में ही अकबर का जन्म हुआ था। जब हुमायूं फारस में था, तब नवजात अकबर कंधार में अपने चाचा अस्करी के संरक्षण में रखा गया। 1545 में जब कन्धार के साथ काबूल पर भी हुमायूं का अधिकार हो गया तो कुछ समय तीन वर्षीय अकबर को अपने पिता का स्नेह मिल सका। इसी समय उसका नाम ‘जलालुद्दीन मुम्मद अकबर‘ रखा गया। पांच वर्ष की उम्र के बाद अकबर हमेशा हुमायूं के साथ ही रहा। बेरम खां को अकबर का संरक्षक नियुक्त किया गया। शेरशाह के निर्बल उत्तराधिकारी को पराजित कर हुमायूं एक बार फिर दिल्ली की राजगद्दी पर बैठ सका। हुमायूं की आकस्मिक मृत्यु के बाद 14 फरवरी 1556 को कलानौर के एक बाग में ईटों के चबूतरें पर अकबर का राज्याभिषेक किया गया। राज्यारोहण के समय अकबर की उम्र 13 वर्ष 4 माह थी।
अकबर का साम्राज्य विस्तार
मुगल साम्राज्य का विस्तार तथा संगठन का काम 1600 ई. तक चलता रहा। मालवा, गोंडवाना, मेवाड़ के कुछ प्रदेशों को छोड़कर सारा राजस्थान, बुन्देलखण्ड, गुजरात, बिहार, बंगाल, उड़ीसा, काबुल, कश्मीर, सिन्ध तथा बलूचिस्तान मुगल साम्राज्य के हिस्से बन गये। दक्षिण में खानदेश की स्वतन्त्र सल्तनत समाप्त हो गयी। बुरहानपुर, असीरगढ़, दौलताबाद, अहमदनगर तथा कुछ किलों पर भी मुगलों का अधिकार हो गया। अहमदनगर का राज्य अभी जीवित था। बंगाल पर 1340 से स्वंतत्र सुल्तानों का शासन था। कोई 236 वर्ष बाद बंगाल फिर से दिल्ली की सत्ता के अधीन हो सका। अकबर का साम्राज्य काबुल-कंधार से लेकर बंगाल तक, कश्मीर से लेकर खानदेश और बरार तक फैला हुआ था। विस्तार की प्रक्रिया के साथ ही बेगों, अफगानों और बलूचियों के विद्रोह भी हुए पर वे कुचल दिये गये। 27 अक्टूबर 1605 में अकबर की मृत्यु हो गयी।
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