पुष्यमित्र शुंग कौन था?
पुष्यमित्र को शुंग शुंग वंश का संस्थापक था। मौर्य वंश के अंत के साथ ही पुष्यमित्र शुंग के राज्यारोहण की तिथि मानी जाती है। अंतिम मौर्य शासक ब्रहद्रथ की हत्या कर पुष्यमित्र शुंग ने शुंग वंश की नींव रखी थी। मेरूतुंग के अनुसार पुष्यमित्र ने 30 वर्ष तक शासन किया और पुराणों के अनुसार 36 वर्ष तक। पुराणों मे कहा गया है कि शुंगो ने 122 वर्ष तक शासन किया। पुष्यमित्र का शासन काल 36 वर्ष माना गया है। वह मौर्य वंश का सेनापति होने से पूर्व 30 वर्ष तक अवन्ती का गवर्नर रहा था उसे शासन चलाने का अच्छा अनुभव था। पुष्यमित्र की मृत्यु 148 ई. पूर्व मे हुई थी।
यह भी जरूर पढ़ें; शुंग कौन थे? शुंग वंश की उत्पत्ति
पुष्यमित्र शुंग की उपलब्धियां (pushyamitra sunga ki uplabdhi)
शुंग वंश के संस्थापक पुष्यमित्र की उपलब्धियां इस प्रकार है--
1. विदर्भ से युद्ध
मगध पर शुंगो की सत्ता स्थापना के साथ ही विदर्भ प्रान्त मगध से स्वतंत्र हो गया था। मालविकाग्निमित्रम् से हमे पता चलता है कि पुष्यमित्र ने विदिशा (पूर्वी मालवा) मे अपने पुत्र अग्निमित्र को गवर्नर (गोप्ता अथवा उपराजा) नियुक्ति किया था। अग्निमित्र को विदर्भ या बरार (विदिशि के दक्षिण मे) के शासक यज्ञसेन, जो कि हाल मे ही स्वतंत्र हुआ था, के साथ युद्ध करना पड़ा। कहा जाता है कि यज्ञसेन मौर्य मंत्री का रिश्तेदार था और इसलिए पुष्यमित्र का प्राकृतिक शत्रु। पुष्यमित्र ने जब मगध साम्राज्य को पुनः सुसंगठित और विस्तृत करने का निश्चय किया तो उसने यज्ञसेन को आत्मसमर्पण करने को कहा। पर यज्ञसेन ने साफ इंकार कर दिया, तब यज्ञसेन के चचेरे भाई माधवसेन को पुष्यमित्र ने अपनी ओर मिला लिया। यह माधवसेन जब विदिशा की ओर जा रहा था तब यज्ञसेन के सिपाहियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अग्निमित्र ने यज्ञसेन को उसे रिहा करने के लिए कहा। यज्ञसेन ने इस शर्त पर माधवसेन को छोड़ना स्वीकार किया कि प्रथम अग्निमित्र की कैद मे मौर्य मंत्री को छोड़ दिया जाए। इस पर अग्निमित्र अप्रसन्न हो गया और उसने वीरसेन को विदर्भ पर चढ़ाई करने की आज्ञा दी। वीरसेन ने यज्ञसेन को हराकर माधवसेन को कारागार से मुक्त किया। अंत मे विदर्भ का राज्य दो भागों मे बांट दिया गया जिन पर पुष्यमित्र की अधीनता मे यज्ञसेन और माधवसेन शासन करने लगे। वरधा नदी दोनों की सीमा रेखा थी।
2. खारवेल से युद्ध
जायसवाल आदि विद्वानों के अनुसार पुष्यमित्र का युद्ध खारवेल से हुआ था जिसमे उसकी हार हुई थी, लेकिन राय चौधरी, चंदा, बरूआ आदि विद्वान ऐसा नही मानते।
3. यवन आक्रमण
पुष्यमित्र को यवनों से भी लोहा लेना पड़ा। पुष्यमित्र के शासनकाल की यह सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, यवन आक्रमण से भारत की रक्षा करना। मौर्य वंश के पतन के बाद देश की उत्तरी-पश्चिमी सीमा असुरक्षित हो गई थी। देश के सीमावर्ती इलाके के पास यवनों के राज्य स्थापित हो चुके थे और शुंग शासन के समय उन्होंने भारत पर आक्रमण की पूरी तैयारी कर ली थी। कहा जाता है कि शुंगो के काल मे दो आक्रमण यवनों ने किये थे। इन आक्रमणों का विवरण हमें पंतजलि के " माहाभाष्य " एवं गार्गी संहिता" के द्वारा मिलता है। पतंजलि ने लिखा है," अरूणद्दवनः संकिम अर्थात् यवनों ने अयोध्या पर आक्रमण किया। गार्गी संहिता के युगपुराण के आधार पर कहा जाता है कि यवनों ने साकेत, पाँचाल और मथुरा पर आक्रमण किया और कुसुमध्वज (पाटिल पुत्र) पर भी। मालविकाग्निमित्रम् के अनुसार अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा घूमते-घूमते सिंधु के दक्षिण तट पर पहुंच गया। वहां इस अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े को यवनों ने पकड़ लिया। इसके परिणामस्वरूप जो युद्ध हुआ उसमे पुष्यमित्र के पौत्र वसुमित्र ने यवनों को पराजित कर अश्वमेघ यज्ञ को सम्पन्न किया।
4. अश्वमेघ यज्ञ
पुष्यमित्र के शासनकाल की महत्वपूर्ण घटना अश्वमेघ यज्ञ है। वह ब्राह्मण था और ब्राह्मण धर्म के वैभव को फिर से स्थापित करना चाहता था। अपने पौत्र व सुमति की आधीनता मे उसने घोड़ा छोड़ा था, घोड़े के लौटने पर अश्वमेघ यज्ञ सम्पन्न हुआ। अयोध्या के लेख से विदित होता है कि पुष्यमित्र ने दो अश्वमेघ यज्ञ किये थे।
पुष्यमित्र का राज्य विस्तार
पुष्यमित्र शुंग का राज्य पंजाब से जलान्धर तथा शाकल (स्यालकोट) तक था। अयोध्या और विदिशा भी उसके राज्य मे सम्मिलित थे।
सम्बंधित पोस्ट
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;अशोक का धम्म (धर्म) किसे कहते है? अशोक के धम्म के सिद्धांत, विशेषताएं, मान्याएँ, आर्दश
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;सम्राट अशोक को महान क्यों कहा जाता है? अशोक की उपलब्धियां
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; मौर्यकालीन कला या स्थापत्य कला
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; गांधार शैली क्या है? गांधार शैली की विशेषताएं
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;मथुरा शैली की विशेषताएं
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;शुंग कौन थे? शुंग वंश की उत्पत्ति
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; पुष्यमित्र शुंग की उपलब्धियां
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; मौर्य साम्राज्य के पतन के कारण
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;कुषाण कौन थे?
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;गुप्त काल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण काल क्यों कहा जाता है
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;गुप्त काल का सामाजिक जीवन
First of all, your website is very useful for 11 & 12th class students.and secondly,Aapke notes ke pdf Kahan se millenge...???
जवाब देंहटाएंThanks for sharing your thoughts,
हटाएं