10/15/2020

मथुरा शैली की विशेषताएं

By:   Last Updated: in: ,

मथुरा शैली या स्थापत्य कला किसे कहते है? (mathura shaili kya hai)

mathura shaili in hindi;पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे मथुरा मे जिस शैली का विकास हुआ, उसे मथुरा कला शैली के नाम से पुकारा गया। ईसा की पहली सदी से प्रगति करती हुई शैली ने आगे आने वाले समय मे उत्तर भारत की मूर्ति कला की शैलियों मे श्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया। गुप्तकाल की श्रेष्ठतम मूर्ति-कला को मथुरा-शैली का विकसित स्वरूप माना गया है। यहाँ की बनी हुई मूर्तियां पश्चिम मे तक्षशिला एवं मध्य-एशिया तक तथा पूर्व मे श्रावस्ती और सारनाथ तक भेजी जाती थी। 

अमोहिनी की एक खड़ी हुए स्त्री की मूर्ति, कनकली-तिला मे प्राप्त विभिन्न मूर्तियां, मथूरा के अजायबघर मे सुरक्षित सम्राट कनिष्क की मूर्ति, बनारस के अजायबघर मे सुरक्षित हाथ मे श्रृंगारदान लिये एक दासी की मूर्ति और मथूरा तथा उसके निकट के क्षेत्रों मे प्राप्त बुद्ध और बोधिसत्वों, यक्ष-यक्षणियों तथा स्त्री-पुरूषों की विभिन्न मूर्तियां इस कला के सुन्दर नमूने है। परन्तु इनमे अधिकांश मूर्तियां नग्न अथवा अर्द्धनग्न स्त्रियों की है। 

कुषाण काल मे बनायी गयी जैन तीर्थंकरों की विभिन्न मूर्तियां भी मथूरा के निकट प्राप्त हुई है। उमने से अधिकांश मूर्तियाँ बैठ हुए महावीर स्वामी की है, और कुछ अन्य तीर्थकरों एवं जैन मंदिरो की है। 

मथुरा शैली की विशेषताएं (mathura shaili ki visheshta)

डाॅ. श्याम शर्मा के अनुसार मथुरा शैली की विशेषताएं इस प्रकार है--

1. सफेद चित्तीदार लाल पत्थर पर मूर्तियां बनी है, जो पत्थर भरतपूर तथा फतेहपुर सीकरी मे बहुतायत मे मिलता है।

2. गांधार शैली मे बुद्ध पद्यासन मे या कमलासन पर है, परन्तु मथुरा शैली मे सिंहासनासीन है और पैरों के पास भी सिंह आकृति है।

3. मथुरा शैली के मुख पर आभा एवं प्रभामण्डल है तथा दिव्यता एवं आध्यात्मिकता की अभिव्यंजना है।

4. मथुरा शैली मे शरीर का धड़ भाग नग्न, वस्त्रहीन है, दक्षिण कर अभय मुद्रा मे तथा वस्त्र सलवटों युक्त है।

5. मथुरा शैली मे मूर्तियां आदर्श-प्रतीक भावना युक्त है।

6. मथुरा शैली की मूर्तियां विशालता से युक्त है।

7. पृष्ठालम्बन रहित है, बनावट गोल है, तथा मस्तिष्क-मण्डित है। मस्तक " ऊर्णा " से अलंकृत तथा श्मश्रु रहित है।

सम्बंधित पोस्ट 

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;अशोक का धम्म (धर्म) किसे कहते है? अशोक के धम्म के सिद्धांत, विशेषताएं, मान्याएँ, आर्दश

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;सम्राट अशोक को महान क्यों कहा जाता है? अशोक की उपलब्धियां

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; मौर्यकालीन कला या स्थापत्य कला

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; गांधार शैली क्या है? गांधार शैली की विशेषताएं

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;मथुरा शैली की विशेषताएं

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;शुंग कौन थे? शुंग वंश की उत्पत्ति

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; पुष्यमित्र शुंग की उपलब्धियां

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; मौर्य साम्राज्य के पतन के कारण

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;कुषाण कौन थे?

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;गुप्त काल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण काल क्यों कहा जाता है

आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;गुप्त काल का सामाजिक जीवन

कोई टिप्पणी नहीं:
Write comment

आपके के सुझाव, सवाल, और शिकायत पर अमल करने के लिए हम आपके लिए हमेशा तत्पर है। कृपया नीचे comment कर हमें बिना किसी संकोच के अपने विचार बताए हम शीघ्र ही जबाव देंगे।