3/11/2022

सामाजिक संरचना के प्रकार/भेद

By:   Last Updated: in: ,

सामाजिक संरचना के प्रमुख प्रकार (भेद) (samajik sanrachna ke prakar)

डाॅ. डी. एस. बघेल की पुस्तक के अनुसार; प्रसिद्ध समाजशास्त्री टालकट पारसन्स ने सामाजिक संरचना को विभिन्न भागों मे विभाजित किया हैं। पारसन्स का विचार है कि प्रत्येक समाज मे मूल्यों का अत्यधिक महत्व होता है। मूल्य ही समाज की संरचना को निर्धारित करते हैं। मूल्य कई प्रकार के होते हैं। पारसन्स ने सामाजिक संरचना मे पाये जाने वाले मूल्यों को निम्नलिखित चार भागों मे विभाजित किया हैं--- 1. सार्वभौमिक सामाजिक मूल्य 2. विशिष्ट सामाजिक मूल्य 3. अर्जित सामाजिक मूल्य और 4. प्रदत्त सामाजिक मूल्य।
पारसन्स का कहना है कि इन्ही सामाजिक मूल्यों के आधार पर समाज की संरचना का निर्माण होता हैं।
सामाजिक संरचना

इस दृष्टि से पारसन्स ने सामाजिक संरचना के प्रमुख प्रकारों को निम्नलिखित चार भागों मे विभाजित किया हैं---

1. सार्वभौमिक अर्जित संरचना
पारसन्स के अनुसार कुछ ऐसे सामाजिक मूल्य होते है, जो सार्वभौमिक होते है। ये मूल्य सभी कालों और समाज मे समान रूप से पाये जाते है। ये सभी व्यक्तियों पर सार्वभौमिक रूप से लागू होते हैं। उदाहरण के लिए कुशलता, क्षमता, और बुद्धिमत्ता सार्वभौमिकता के गुण है, जो सभी देशों और कालों मे समान रूप से लागू  होते हैं।
2. सार्वभौमिक प्रदत्त संरचना
पारसन्स के अनुसार दूसरे प्रकार की सामाजिक संरचना वह हैं, जिसका निर्धारण सार्वभौमिक और प्रदत्त सामाजिक मूल्यों के आधार पर होता हैं। इस प्रकार की संरचना आदर्शात्मक होती है तथापि इसका सम्बन्ध वर्तमान सामाजिक व्यवस्था की अपेक्षा भूतकालीन सामाजिक व्यवस्था से होता है। इस प्रकार की सामाजिक संरचना मे आदर्शों का अत्यधिक महत्व होता है। ये आदर्श परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तित होते रहते है। इन्हीं आदर्शों के आधार पर विशिष्ट प्रतिमानों का निर्माण होता है। पारसन्स ने इस प्रकार की संरचना के उदाहरण मे आधुनिक विज्ञान-प्रधान समाजों का उल्लेख किया हैं।
3. विशिष्ट अर्जित संरचना
जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट होता है, इस प्रकार की सामाजिक संरचना मे दो प्रकार के मूल्यों का महत्व होता हैं--
(a) विशिष्ट सामाजिक मूल्य (b) अर्जित सामाजिक मूल्य।
जहाँ इस प्रकार की सामाजिक संरचना पायी जाती है, वहां पारलौकिक मूल्यों को अधिक महत्व दिया जाता है। पारसन्स ने प्राचीन भारतीय सामाजिक संरचना को इसके अन्तर्गत रखा है। पारसन्स का विचार है कि जहाँ भी इस प्रकार की सामाजिक संरचना पायी जाती हैं, वहां गाँव, वंश-परम्परा, परिवार आदि का महत्व होता हैं।
4. विशिष्ट प्रदत्त संरचना
सामाजिक संरचना का चौथा और अन्तिम प्रकार विशिष्ट प्रदत्त सामाजिक मूल्यों से सम्बंधित है। यह वह सामाजिक संरचना है, जहाँ नैतिकता, रक्त-सम्बन्ध और स्थानीय समुदायों को सर्वोच्च महत्व प्रदान किया जाता है। इस प्रकार की सामाजिक संरचना मे व्यक्तिगत गुणों को सबसे अधिक महत्व प्रदान किया जाता है। व्यक्तिगत गुणों को महत्व प्रदान करने के कारण सामाजिक की अपेक्षा व्यक्तिवाद को प्राथमिकता प्रदान की जाती हैं।
शायद यह जानकारी आपके के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी

कोई टिप्पणी नहीं:
Write comment

आपके के सुझाव, सवाल, और शिकायत पर अमल करने के लिए हम आपके लिए हमेशा तत्पर है। कृपया नीचे comment कर हमें बिना किसी संकोच के अपने विचार बताए हम शीघ्र ही जबाव देंगे।