ध्यान दे, इस लेख में अफगानिस्तान के पिछले संविधान की विशेषताएं दी गई हैं, वर्तमान में अफगानिस्तान पर
तालिबान का शासन हैं।
अफगानिस्तान के संक्षिप्त परिचय के साथ अब हम आफगानिस्तान के संविधान के संक्षिप्त परिचय को जानने के बाद अफगानिस्तान के संविधान की विशेषताएं जानेंगे।
अफगानिस्तान का संविधान एक लिखित संविधान है। इस संविधान में 162 लेख है जिन पर अधिकारिक तौर पर 26 जनवरी 2004 को हामिद करजई द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
2. नागरिकों के मौलिक अधिकार व कर्त्तव्य
अफगानिस्तान के संविधान मे अनुच्छेद 22 से 59 तक नागरिकों के मौलिक अधिकारों तथा कर्त्तव्यों का वर्णन किया गया है। संवैधानिक दृष्टि से अफगानिस्तान के नागरिकों को प्राप्त मौलिक अधिकार भारत के मौलिक अधिकारों से भी अधिक विस्तृत है। अफगानिस्तान के नागरिकों के मौलिक मुख्य अधिकार इस प्रकार है---
1. समानता का अधिकार
2. जीवन तथा व्यक्तिगत स्वतन्त्रता का अधिकार
3. शिक्षा का अधिकार
4. प्राकृतिक न्याय का अधिकार
5. राजनीतिक पद पाने का अधिकार
6. सम्पति का अधिकार आदि।
इन मौलिक अधिकारों के साथ ही अफगानिस्तान मे नागरिकों के बाध्यकारी मौलिक कर्त्तव्यों का वर्णन भी अफगानिस्तान के संविधान मे किया गया है।
3. आस्थिर संविधान
अफगानिस्तान का संविधान आस्थिर है। यहाँ पर राष्ट्रपति व मंत्रिमण्डल को संचालित व नियंत्रित करने वाली शक्तियां बदलती रहती है।
4. इस्लामिक गणराज्य
अफगानिस्तान एक इस्लामिक राष्ट्र है यहाँ का राज धर्म इस्लाम है अफगानिस्तान मे इस्लाम को सर्वोच्च कानून माना जाता है।
5. एकात्मक शासन व्यवस्था
अफगानिस्तान मे एकात्मक शासन व्यवस्था लागू है। अफगानिस्तान मे शक्तियों का निवास केन्द्रीय सरकार मे रहता है। सम्पूर्ण राष्ट्र को राष्ट्रपति व मंत्रिमंडल संचालित व नियंत्रित करते है।
6. त्रिस्तरीय न्याय प्रणाली
अफगानिस्तान मे त्रिस्तरीय न्याय प्रणाली है। यहाँ उच्च न्यायालय, अपील न्यायालय और स्थानीय जिला न्यायालय की भी व्यवस्था है। न्यायलय के न्यायधीश राष्ट्रपति द्वारा 10 बर्ष के लिए नियुक्त किए जाते है।
7. आर्थिक पिछडापन का उल्लेख
कृषि उत्पादन अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। अफगानिस्तान एक पिछड़ा हुआ देश है। राष्ट्र का " "लक्ष्य अफगान अर्थव्यवस्था का विकास करना है।
8. राज्य सरकारें
अफगानिस्तान प्रशासनिक रूप से 34 प्रांतो में विभक्त है। प्रत्येक प्रांत में एक यू. एस. काउंटी होता है जो राज्यपाल के अधीन होता है। देश को 400 प्रांतीय जिलों मे विभाजित किया गया है।
9. स्थानीय सरकारें
संविधान के अनुच्छेद 140 के तहत राष्ट्रपति शहरों के महापौरों को चार साल की अवधि के लिए चुने जाने की व्यवस्था है। कानूनी प्रावधानों के अनुसार यह निर्वाचन नि:शुल्क व प्रत्यक्ष रूप से आयोजित किये जाने चाहिए।
10. कठोर संविधान
अफगानिस्तान का संविधान कठोर संविधानों की श्रेणी मे आता है क्योंकि इसे संशोधित करने की प्रक्रिया कानून बनाने से कठीन है। संविधान के 149 और 150 अनुच्छेदों मे संविधान संशोधन की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है।
तो दोस्तो यह थी अफगानिस्तान के संविधान की मुख्य विशेषताएं। अगर आप का अफगानिस्तान से सम्बन्धित कोई विचार है तो नीचे comment कर जरूर बताए।
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तालिबान का शासन हैं।
अफगानिस्तान
अफगानिस्तान को 1747 में अहमद शाह दुर्रानी द्वारा एक राज्य बनाया गया था। अफगानिस्तान कई सम्राटों आक्रमणकारियों तथा विजेताओं की कर्मभूमि रहा है। इन आक्रमणकारियों में सिकन्दर, फारसी शासक दारा प्रथम, तुर्क, मुगल शासक बाबर, मुहम्मद गोरी , नादिरशाह आदि प्रमुख है। अफगानिस्तान या अफगान इस्लामिक गणराज्य जंबूद्वीप एशिया का एक छोटा सा देश है। सन् 2008 की जनगणना के हिसाब से इसकी जनसंख्या 32,738, 376 है। अफगानिस्तान आर्यो की पुरातन भूमि है। अफगानिस्तान में 1800 साल पहले आर्यों का आगमन हुआ। 700 साल पहले इसकी उत्तरी क्षेत्र में गांधार महाजनपद था जिसका उल्लेख भारतीय महाभारत तथा अन्य ग्रंथों मे वर्णन मिलता है। महाभारत की कौरवों की माता गान्धारी और उनके मामा शकुनी गांधार के ही थे।अफगानिस्तान के संक्षिप्त परिचय के साथ अब हम आफगानिस्तान के संविधान के संक्षिप्त परिचय को जानने के बाद अफगानिस्तान के संविधान की विशेषताएं जानेंगे।
अफगानिस्तान का संविधान
अफगानिस्तान एक इस्लामिक गणराज्य है जिसे अफगान के नाम से भी जाना जाता है। अफगानिस्तान का संविधान राज्य का सर्वोच्च कानून है। अफगानिस्तान के संविधान मे प्रस्तावना के अतिरिक्त 162 अनुच्छेद हैं तथा इन अनुच्छेदों को विषयों के अनुसार 12 भागों/ अध्यायों मे विभक्त किया गया है। अफगानिस्तान के संविधान का आधिकारिक पाठ दारी/पश्तो भाषा में है। इसका अर्थ यह है कि यदि इसके अंग्रेजी संस्करण अथवा दारी संस्करण मे कोई अन्तर पाया जाता है तो दारी संस्करण ही आधिकारिक तौर पर मान्य होगा। अफगानिस्तान का संविधान मे इस्लाम के पवित्र कानूनेका वर्णन करता है और अफगानिस्तान के विशाल देश मे सबसे अधिक प्रचलित विश्वास इस्लाम है। दूसरे धर्म के अनुयाय " कानून की सीमाओं के भीतर ही अपने विश्वास का पालन करने और अपने धार्मिक संस्कार करने के लिए स्वतंत्र है।अफगानिस्तान के संविधान की विशेषताएं
1. लिखित व निर्मित संविधानअफगानिस्तान का संविधान एक लिखित संविधान है। इस संविधान में 162 लेख है जिन पर अधिकारिक तौर पर 26 जनवरी 2004 को हामिद करजई द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
2. नागरिकों के मौलिक अधिकार व कर्त्तव्य
अफगानिस्तान के संविधान मे अनुच्छेद 22 से 59 तक नागरिकों के मौलिक अधिकारों तथा कर्त्तव्यों का वर्णन किया गया है। संवैधानिक दृष्टि से अफगानिस्तान के नागरिकों को प्राप्त मौलिक अधिकार भारत के मौलिक अधिकारों से भी अधिक विस्तृत है। अफगानिस्तान के नागरिकों के मौलिक मुख्य अधिकार इस प्रकार है---
1. समानता का अधिकार
2. जीवन तथा व्यक्तिगत स्वतन्त्रता का अधिकार
3. शिक्षा का अधिकार
4. प्राकृतिक न्याय का अधिकार
5. राजनीतिक पद पाने का अधिकार
6. सम्पति का अधिकार आदि।
इन मौलिक अधिकारों के साथ ही अफगानिस्तान मे नागरिकों के बाध्यकारी मौलिक कर्त्तव्यों का वर्णन भी अफगानिस्तान के संविधान मे किया गया है।
3. आस्थिर संविधान
अफगानिस्तान का संविधान आस्थिर है। यहाँ पर राष्ट्रपति व मंत्रिमण्डल को संचालित व नियंत्रित करने वाली शक्तियां बदलती रहती है।
4. इस्लामिक गणराज्य
अफगानिस्तान एक इस्लामिक राष्ट्र है यहाँ का राज धर्म इस्लाम है अफगानिस्तान मे इस्लाम को सर्वोच्च कानून माना जाता है।
5. एकात्मक शासन व्यवस्था
अफगानिस्तान मे एकात्मक शासन व्यवस्था लागू है। अफगानिस्तान मे शक्तियों का निवास केन्द्रीय सरकार मे रहता है। सम्पूर्ण राष्ट्र को राष्ट्रपति व मंत्रिमंडल संचालित व नियंत्रित करते है।
6. त्रिस्तरीय न्याय प्रणाली
अफगानिस्तान मे त्रिस्तरीय न्याय प्रणाली है। यहाँ उच्च न्यायालय, अपील न्यायालय और स्थानीय जिला न्यायालय की भी व्यवस्था है। न्यायलय के न्यायधीश राष्ट्रपति द्वारा 10 बर्ष के लिए नियुक्त किए जाते है।
7. आर्थिक पिछडापन का उल्लेख
कृषि उत्पादन अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। अफगानिस्तान एक पिछड़ा हुआ देश है। राष्ट्र का " "लक्ष्य अफगान अर्थव्यवस्था का विकास करना है।
8. राज्य सरकारें
अफगानिस्तान प्रशासनिक रूप से 34 प्रांतो में विभक्त है। प्रत्येक प्रांत में एक यू. एस. काउंटी होता है जो राज्यपाल के अधीन होता है। देश को 400 प्रांतीय जिलों मे विभाजित किया गया है।
9. स्थानीय सरकारें
संविधान के अनुच्छेद 140 के तहत राष्ट्रपति शहरों के महापौरों को चार साल की अवधि के लिए चुने जाने की व्यवस्था है। कानूनी प्रावधानों के अनुसार यह निर्वाचन नि:शुल्क व प्रत्यक्ष रूप से आयोजित किये जाने चाहिए।
10. कठोर संविधान
अफगानिस्तान का संविधान कठोर संविधानों की श्रेणी मे आता है क्योंकि इसे संशोधित करने की प्रक्रिया कानून बनाने से कठीन है। संविधान के 149 और 150 अनुच्छेदों मे संविधान संशोधन की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है।
तो दोस्तो यह थी अफगानिस्तान के संविधान की मुख्य विशेषताएं। अगर आप का अफगानिस्तान से सम्बन्धित कोई विचार है तो नीचे comment कर जरूर बताए।
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कठोर कानून किसी धर्म विशेष के संरक्षण जैसा है
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