भारत का संविधान
भारतीय संविधान 1949 में निर्मित एवं 26 जनवरी सन् 1950 को लागू किया गया था। भारत के संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 माह और दिन लगे थे। भारतीय संविधान की प्रस्तावना को "भारतीय संविधान की आत्मा" कहा गया हैं। आज लेख में हम भारत के संविधान की मुख्य विशेषताएं जानेंगे। 11 दिसम्बर 1946 को डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया। बी.एन.राव को संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किया गया। 13 दिसम्बर, 1946 को पं. जवाहर लाल नेहरू ने "उद्देश्य प्रस्ताव" प्रस्तुत कर संविधान की आधारशिला रखी। इस प्रस्ताव में भारत को स्वतंत्र सम्प्रभु गणराज्य घोषित किया गया। भारतीय संविधान की विशेषता यह है की इस संविधान कि पूर्ववर्ती सभी प्रमुख विदेशी संविधानो की श्रेष्ठ व्यवस्था और रीति रिवाजों को अपनाने की कोशिश की हैं। एक ओर भारत में अमेरिका की तरह राष्ट्रपति का पद है तो दूसरी ओर अंग्रेजी ढंग की संसदीय व्यवस्था, आयरलैंड की तरह नीति नीति निर्देशक तत्त्व, आस्ट्रेलिया और कनाडा की तरह कुछ संघीय विधान इत्यादि हैं।भारत के संविधान की मुख्य विशेषताएं जानने से पहले हम भारतीय संविधान के स्त्रोतों के बारें मे जान लेते हैं।
भारतीय संविधान के स्त्रोत
1. मौलिक कर्तव्य = पूर्व सोवियत संघ2. संसदीय प्रणाली = ब्रेटेन
3. मौलिक अधिकार = अमेरिका
4. सर्वोच्च न्यायालय का संगठन = अमेरिका
5. संघात्मक व्यवस्था = कनाडा
6. उपराष्ट्रपति का पद = अमेरिका
7. राज्य के नीति निदेशक तत्व = आयरलैंड
8. संसद एवं विधान मण्डल की प्रक्रिया = ब्रिटेन
9. आपातकालीन उपबन्ध = जर्मनी
10. गणतन्त्र = फ्राँस
11. संसदीय विशेषाधिकार = ब्रिटेन
12. समवर्ती सूची = ऑस्ट्रेलिया
13. प्रस्तावना की भाषा = ऑस्ट्रेलिया
14. एकल नागरिकता = ब्रिटेन
भारतीय संविधान के स्त्रोत जानने के बाद चलिए अब भारतीय संविधान की विशेषताएं जान लेते हैं।
भारत के संविधान की मुख्य विशेषताएं
1. स्वतंत्र देश का गणराज्य
भारतीय संविधान की पहली विशेषता यह है कि इसका निर्माण अप्रत्यक्ष रूप से गये जनता के प्रतिनिधियों की प्रभुसत्ता सभा द्वारा हुआ हैं।2. विश्व का सबसे बड़ा संविधान
भारत के संविधान की दूसरी विशेषता यह है कि इसमे 395 अनुच्छेद एवं 8 अनुसूचियां है। भारत के संविधान मे केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, प्रशासन सेवाओं, निर्वाचन इत्यादि पर विस्तार से प्रकाश डाला गया हैं। भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान हैं। भारत के वर्तमान संविधान मे 444 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियां हैं।3. अस्तह: कठोर एवं अस्तह: लचीला
भारत का संविधान ना तो पूर्ण रूप से कठोर है और ना ही पूर्ण रूप से लचीला। भारतीय संविधान में संशोधन के लिये एक विशेष प्रक्रिया एवं विशेष बहुमत की व्यवस्था हैं।4. लिखित एवं निर्मित संविधान
भारत के संविधान की चौथी व्यवस्था संविधान का लिखित एवं निर्मित होना हैं। इस संविधान के निर्माण मे 2 वर्ष 11 माह का समय लगा था।5. संविधान के विदेशी स्त्रोत
भारत के संविधान विभिन्न देशो से लिया गया हैं। इस संविधान सभी प्रमुख संविधानों की श्रेष्ठ व्यवस्था और रीति रिवाज ग्रहण किये गए हैं।6. लोकतांत्रिक राज्य
भारत के संविधान की एक विशेषता यह है कि यह लोकतांत्रिक गणराज्य हैं। भारत मे ब्रिटिश लोकतन्त्र के अनुरूप लोकतंत्र की स्थापना की गई हैं। भारत मे प्रत्यक्ष लोकतंत्र के स्थान पर अप्रत्यक्ष लोकतन्त्र की स्थापना की गई है।7. धर्मनिरपेक्ष संविधान
धर्मों के केंद्र स्थल भारत मे संविधान एवं निरपेक्ष राज्य की स्थापना करता हैं। भारत में सभी नागरिक अपनी इच्छानुसार अपने धार्मिक विश्वासों को धारण करने तथा उनके अनुसार आचरण करने के स्वतंत्र हैं।8. संसदीय व्यवस्था
भारत मे संसदीय शासन प्रणाली की स्थापना की गई हैं। कार्यपालिका संसद के प्रति उत्तरदायी होती हैं। संसद का उच्च सदन राज्य सभा एवं निम्न सदन लोक सभा हैं। लोक सभा में बहुमत दल का नेता प्रधानमन्त्री होता हैं।9. एकल नागरिकता एवं न्याय व्यवस्था
भारत के संविधान मे एकल नागरिकता की व्यवस्था की गई है। संघात्मक ढांचे के साथ भारतीय संविधान मे एकीकृत न्यायपालिका का गठन किया गया हैं।10. मौलिक अधिकार
भारत के संविधान मे मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से लिए गए हैं। मौलिक अधिकारों का उद्देश्य सरकार अथवा मन्त्रिमण्डलों को मनमानी करने से रोकना हैं एवं सभी नागरिकों को अपने व्यक्तितव का विकास करने का अवसर प्रदान करना हैं।11. किसी विशेष अर्थव्यवस्था से सम्बंधित नही है
हमारे भारत का संविधान किसी विशेष अर्थव्यवस्था से सम्बंधित नही है संविधान मे किसी विशेष प्रकार की अर्थ-व्यवस्था की स्थापना के सम्बन्ध मे कोई उल्लेख नहीं है।12. नीति निदेशक तत्वों का उल्लेख
भारतीय संविधान मे नीति निदेशक तत्वों का उल्लेख किया गया हैं। नीति निदेशक तत्वों के अनुसार राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिये सामाजिक व्यवस्था बनायेगा। राज्य स्त्री-पुरूष सभी नागरिकों को समान रूप से आजीविका के पर्याप्त साधन चुटायेगा। नीति निदेशक तत्वों का उद्देश्य लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है। राज्य के नीति निदेशक तत्व न्यायालय द्वारा बाध्य नहीं किये जा सकते।इस लेख मे हमने भारतीय संविधान के स्त्रोत और विशेषताएं जानी अगर आपके मन मे इस लेख से सम्बंधित या भारतीय संविधान से सम्बंधित कोई सवाल हैं तो नीचे comment कर जरूर पहुँचें।
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