परिवार का अर्थ/परिवार किसे कहते है? (parivar kise kahte hai)
parivar arth paribhasha visheshtaye;परिवार शब्द अंग्रेजी भाषा के " Family " शब्द का हिन्दी रूपांतर है। अंग्रेजी शब्द " Family " लैटिन भाषा के शब्द " Famulus " से निकला है। " Famulus " शब्द का अर्थ एक ऐसे शब्द से लगाया जाता है जिसमे माता, पिता, बच्चे, नौकर तथा यहां तक कि दास भी शामिल किये जाते है। लेकिन वास्तव मे इस शाब्दिक अर्थ से परिवार का वास्तविक अर्थ स्पष्ट नही होता है।
परिवार कमोवेश एक सार्वभौमिक, स्थायी व सर्वकालिक संस्था है। यह स्त्री पुरुष के यौन सम्बन्धो को सामाजिक स्वीकृति प्रदान करती है तथा संतोनोत्पत्ति एवं उत्पन्न संतान के पालन पोषण की व्यवस्था करती है। इस रूप मे यह समाज की निरंतरता को बनाए रखने वाली उसकी आधारभूत इकाई है।
परिवार मे पति, पत्नी की संख्या विभिन्न पीढ़ियों के सदस्यों की संख्या, आवास, वंश परम्परा आदि आधारों पर भारतीय समाज मे हमे इसके विविध स्वरूप, जैसे एक विवाही एवं बहु विवाही परिवार अथाव विस्तृत, संयुक्त एवं मूल परिवार अथवा मातृवंशीय एवं पितृवंशीय अथवा मातृ स्थानीय एवं पितृ स्थानीय अथवा मातृ सत्तात्मक एवं पितृ सत्तात्मक या उभयवंशी परिवार आदि देखने को मिलते है।
परिवार मानव समाज की एक मौलिक एवं आधारभूत इकाई रही है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, लेकिन सबसे पहले वह पारिवारिक प्राणी है, क्योंकि वह परिवार में ही जन्म लेता और परिवार के द्वारा धीरे-धीरे सामाजिकता को विकसित करता है। व्यक्ति की जीवन-संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने एवं उसे सामाजिक प्राणी बनाने का महत्त्वपूर्ण काम परिवार का है इसलिए परिवार किसी के ऊपर जबरदस्ती लादने वाली वस्तु नहीं है, अपितु इसका जन्म मानव की जीवन-संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के अनिवार्य साधन के रूप में स्वतः हुआ है। वस्तुतः परिवार छोटे रूप में समाज और व्यक्ति के समाजीकरण का महत्त्वपूर्ण साधन है।
परिवार की परिभाषा (parivar ki paribhasha)
विभिन्न विद्वानों ने द्वारा दी गई परिवार की परिभाषा इस प्रकार है--
बीसेंज और बीजेंस " एक अर्थ मे हम परिवार की परिभाषा मे एक बच्चे सहित स्त्री और उनकी देखभाल के लिए पुरूष को ले सकते है।"
डी. एन. मजूमदार के अनुसार " परिवार ऐसे व्यक्तियों का समूह है जो एक ही छत के नीचे रहते है, रक्त से संबंधित होते है और स्थान, स्वार्थ और पारस्परिक आदान-प्रदान के आधार पर एक किस्म की चेतनता अनुभव करते है।
मैकाईवर एवं पेज के शब्दों मे " परिवार एक ऐसा समूह है जो यौन सम्बन्धों के आधार पर परिभाषित किया जा सकता है। यह इतना छोटा एवं स्थायी है कि इसमे सन्तानोत्पत्ति एवं उनका पालन-पोषण किया जा सकता है।"
जोन्स के अनुसार " परिवार यौन सम्बन्धों पर आधारित एक ऐसी सामाजिक संस्था है जिसका सन्तानोत्पत्ति एवं उनका पालन-पोषण है।"
ऑगबर्न एवं निकाॅफ के अनुसार " जब हम परिवार के बारे मे सोचते है तो हमारे समक्ष एक ऐसी कम या अधिक स्थायी समिति का चित्र आता है जिसमे पति एवं अपने बच्चों के साथ या बिना बच्चों के रहते या एक ऐसे अकेले पुरूष या अकेली स्त्री की कल्पना आती है, जो अपने बच्चों के साथ रहते है।"
इलियट एवं मेरिल " परिवार को पति पत्नी तथा उनके बच्चों की एक जैविकीय सामाजिक इकाई के रूप मे परिभाषित किया जा सकता है।"
क्सेयर के अनुसार " परिवार को हम संबंधों की वह व्यवस्था समझते है जो माता-पिता और उसकी संतानों के मध्य पायी जाती है।
परिवार की विशेषताएं या लक्षण (parivar ki visheshta)
परिवार बृहद् कार्यो को सम्पन्न करने वाली एक संस्था है। परिवार की विशेषताएं या लक्षण इस प्रकार है--
(A) परिवार की सामान्य विशेषताएं या लक्षण
मैकाईवर एवं पेज ने परिवार के निम्न सामान्य लक्षणों अथवा विशेषताओं का वर्णन किया है, जो इस प्रकार हैं--
1. यौन सम्बन्ध
यौन सम्बन्ध परिवार का एक महत्वपूर्ण लक्षण है। यह सम्बन्ध केवल परिवार के विवाहित सदस्यों के बीच ही स्थापित होते है।
2. वैवाहिक स्वरूप
यौन सम्बन्धों की स्थापना विवाह के द्वारा ही होती है। एक विवाह, बहुपति विवाह, बहुपत्नी विवाह आदि विभिन्न स्वरूप विभिन्न समाजो मे पाये जाते है।
3. नामकरण एवं वंश परम्परा की प्रणाली
प्रत्येक परिवार की एक व्यवस्थित नामावली होती है। जैसे पिता-माता, पिता पुत्री आदि। वंश क्रम दो प्रकार का होता है--
(अ) पितृ वंशीय (पिता के नाम से चलने वाला परिवार)
(ब) मातृ वंशीय (माता के नाम से चलने वाला परिवार)
4. आर्थिक व्यवस्था
प्रत्येक परिवार मे अपने सदस्यों की भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये एक अर्थिक व्यवस्था होती है। सन्तानों का पालन पोषण इसी के द्वारा होता है।
5. सामान्य निवास
एक परिवार के सभी सदस्य एक ही स्थान पर निवास करते है। इस प्रकार सामान्य निवास परिवार का एक सामान्य लक्षण है।
(B) परिवार के विशिष्ट लक्षण या विशेषताएं
मैकाईवर एवं पेज ने परिवार के विशिष्ट लक्षणों का वर्णन किया है। इन लक्षणों के आधार पर परिवार को अन्य समितियों से अलग किया जा सकता है। परिवार के यह विशिष्ट लक्षण या विशेषताएं इस प्रकार है--
1. सार्वभौमिकता
परिवार सभी समाजो एवं संस्कृतियों मे पाया जाता है। मानव परिवार मे ही जन्म लेता है और,मृत्यु पर्यन्त तक परिवार मे ही रहता है।
2. भावानात्मक आधार
परिवार मानव की भावनात्मक आवश्यकताओं की संन्तुष्टि करता है। प्रेम, स्नेह, त्याग, सुरक्षा आदि बाते परिवार मे पायी जाती है।
3. निर्माणात्मक प्रभाव
बच्चों के लिये प्रारंभिक सामाजिक पर्यावरण परिवार ही प्रदान करता है। व्यक्ति का समाजीकरण परिवार से ही प्रारंभ होता है। परिवार मे संस्कारों के माध्यम से पड़ा प्रभाव व्यक्ति कि आदतो एवं स्वभाव का निर्माण करता है।
4. सीमित आकार
सीमित आकार से तात्पर्य है परिवार के सदस्यों की संख्या कम होने से है। छोटे आकार के कारण ही मानव का समुचित विकास परिवार मे संभव होता है।
5. सामाजिक ढांचे मे प्रमुख स्थिति
सम्पूर्ण सामाजिक ढाँचे मे परिवार सबसे छोटी सामाजिक इकाई है। सभी समाजों मे सामाजिक संरचना का मुख्य आधार परिवार ही है। परिवार ही व्यक्तियों को वृहद् समाज मे भाग लेने के लिये तैयार करता है।
6. सदस्यों का उत्तरदायित्व
परिवार मे प्रत्येक सदस्य के अन्य सदस्यों के प्रति उत्तरदायित्व होते है, जिनका उसे निर्वाह करना पड़ता है। वह अन्य सदस्यों के हितो के लिये अपने स्वार्थ का बलिदान करता है।
7. सामाजिक नियम
परिवार एक ऐसी समिति है जिसका निर्माण आसान है, परन्तु उसे तोड़ना अत्यंत कठिन है। परिवार के सदस्यों पर विवाह एवं उत्तराधिकार के नियम भी परिवार के द्वारा ही लागु होते है।
8. स्थायी एवं अस्थायी प्रगति
परिवार एक संस्था भी है और एक समिति भी। संस्था के रूप मे परिवार की प्रकृति स्थायी होती है। परिवार के नियम, रीति रिवाज, परम्परायें आदि के रूप मे परिवार एक संस्था है जो स्थायी है। परिवार के सदस्य, सामान्य निवास तथा उनका संगठन आदि के रूप मे परिवार एक समिति है। समिति के रूप मे परिवार का स्वरूप परिवर्तित हो सकता है। पति-पत्नी के विवाह विच्छेद या माता पिता की मृत्यु के कारण परिवार विघटित हो सकता है, परन्तु संस्था के रूप मे परिवार हमेशा बना रहता है।
पढ़ना न भूलें; परिवार के प्रकार, कार्य या महत्व
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हटाएंparivar ka Arth AVN paribhasha
parivar wha hai jo ek sath har wakt ho
हटाएंभारतीय परिवार की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए
हटाएंJdgzgdodg
जवाब देंहटाएंNice sir ji
जवाब देंहटाएंachi jankari h sir
जवाब देंहटाएं♥️💪
जवाब देंहटाएंPriwar Parivar ka Arth AVN paribhasha visheshta
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