दहेज प्रथा की समस्या के निवारण या दहेज प्रथा को समाप्त करने या रोकने हेतु सुझाव
dahej pratha ko rokne ke upay;विवाह मे वधु को भेंट व उपहार देने की प्रथा का समाज मे लंबे समय से ही चलन रहा है और इसे मिली सामाजिक स्वीकृति व मान्यता का कुछ स्वार्थी तत्वों या कुछ लोगो ने अनावश्यक लाभ उठाना शुरू किया और समाज मे लड़को के विवाह का सौदा होने लगा। इस प्रकार दहेज प्रथा का चलन शुरू हुआ।
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दहेज प्रथा को रोकने के सुझाव या उपाय इस प्रकार है--
1. दहेज प्रथा के विरुद्ध समाज मे व्यापक जागरूकता लायी जानी चाहिये। यह कार्य पंचायतों के द्वारा समय-समय पर गाँव सभा बैठकें आयोजित करके किया जा सकता है। इसमे पंचायतों की महिला प्रतिनिधियों को विशेष पहल करना चाहिये।
2. दहेज निरोधक कानून और इसमे विहित दण्ड के प्रावधानों के बारे मे लोगों को विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाना चाहिये। यह कार्य समय-समय पर जनसभाओं के आयोजन के माध्यम से किया जा सकता है। साथ ही इस संबंध मे नि:शुल्क बुटेटिनों, पम्पलेटों का वितरण भी किया जा सकता है।
3. प्रेम विवाह या अन्तर्जातीय विवाहों के माध्यम से भी दहेज प्रथा को समाप्त किया जा सकता है। प्रेम विवाह और अन्तर्जातीय विवाह मे दहेज आड़े नही आता।
4. दहेज प्रथा को नियंत्रित करने व दहेज दोषियों को दण्डित करने के संबंध मे पर्याप्त कानूनों का निर्माण किया गया है। वह जरूरत इस बात की है कि दहेज दोषियों को इन क़ानूनों की गिरफ्त मे लाया जाया। कानून होने और कानून के नाखूनों व दाँतों को अपराधी के शरीर मे चुभाने मे बहुत फर्क होता है। ऐसा हो इसके लिये जरूरी है कि इन कानूनों को जो लोग अमल मे लाते है पुलिस, प्रशासन व न्यायलय के कर्मचारी व अधिकारी, उन्हे दहेज समस्या और दहेज पीड़ितों के प्रति संवेदनशील बनाया जाये। अगर वे दहेज पीड़ित महिला की फरियाद को आम प्रकरण के रूप मे लेते है और काम टालू तरीके से उस पर कार्यवाही करते है या कार्यवाही करते समय अपना हित सामने रखते है और पीड़ित महिला व समाज के हित की उपेक्षा करते है तो कानून निष्प्रभावी सिद्ध होगें ही। जिससे मुजरिम या तो बरी हो जायेगा या उसे कम से कम सजा मिलेगी। दूसरे शब्दों मे, कानून के नाखून और दाँत या तो अपराधी को नही चुभेंगे या अगर चुभेंगे तो बहुत कम, जिसे अपराधी किस्म के व्यक्ति को झेलने मे कोई खास कठिनाई नही होगी।
5. दहेज प्रथा को रोकने के लिए समाज मे जनमत संग्रह कराना चाहिए और दहेज लेने देने वालो का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए।
6. दहेज प्रथा को रोकने के लिए वर कन्या को स्वयं निर्णय लेकर अपने जीवन साथी का फैसला लेना चाहिये। परिवार का अनावश्यक हस्तक्षेप नही होना चाहिए।
7. दहेज प्रथा को रोकने के लिए अवश्य है कि नारी शिक्षा पर अधिक से अधिक बल दिया जाना चाहिए। अंतर्जातीय विवाहों को प्रोत्साहन तभी मिल सकेगा, जब पुरूषों के समान स्त्रियां भी शिक्षित हो तथा वे शिक्षा ग्रहण करने तथा नौकरी आदि करने घर से बाहर निकले। अतः यह आवश्यक है कि स्त्री शिक्षा का प्रसार किया जाए।
8. दहेज प्रथा को समाप्त करने या रोकने के लिए दहेज विरोधी अधिनियमो को और अधिक कठोर बनाना चाहिए जिससे लोगो मे एक सकारात्मक संदेश जाये।
सारांश रूप मे हम अंत मे यह कह सकते है कि सामूहिक व्यवहार की रीति के रूप मे लम्बे समय तक चलते रहने के कारण किसी प्रथा को शीघ्र समाप्त करना कठिन होता है, वह भी लोकतांत्रिक जरिये से, फिर भी शिक्षा के प्रसार, अंतर्जातीय विवाहों के चलन तथा महिलाओं मे जागरूकता के बढ़ने के साथ दहेज प्रथा का समाप्त होना अवश्यंभावी है, भले ही इसमे कुछ समय लग जाये।
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Chej partha
जवाब देंहटाएंBadiya
जवाब देंहटाएंDahej ka mukhya karn jatibad hi jatibad khatm dahej khtam
जवाब देंहटाएंDhej prtha ka rokne ka sbse acha tareeka h ki Jo ye cast se related problem hai agr inhe htaya gya to
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