चन्द्रगुप्त मौर्य की उपलब्धियां या दिग्विजय
1. पंजाब विजय
सबसे पहले चन्द्रगुप्त ने पंजाब पर विजय प्राप्त की। सिकंदर के चले जाने के बाद पंजाब मे स्थिति अनुकूल थी। इस स्थिति का लाभ उठता हुए चन्द्रगुप्त ने चाणक्य के साथ पंजाब से ही सेना की भर्ती की तथा वहाँ के यूनानी शासकों के विरूद्ध संघर्ष छेड़ दिया। 323 ई. पूर्व मे चन्द्रगुप्त ने पंजाब से यूनानियों को भगा दिया और जो भारत मे रहे उनको मौत के घाट उतार दिया।
चन्द्रगुप्त मौर्य की उपलब्धियों के बारे मे जानने से पहले यदि आप चन्द्रगुप्त के बारेंमे नही जानते तो आपको चन्द्रगुप्त का परिचय जरुर जानना चाहिए। इससे आपको समझने मे बहुत आसानी होगी। इसलिए नीचे दिया हुआ article जरूर पढ़ें।
यह भी पढ़ें; चन्द्रगुप्त मौर्य का परिचय, चन्द्रगुप्त मौर्य का इतिहास
2. सैल्यूकस से युद्ध
जिस समय चन्द्रगुप्त मगध का राज्य विस्तार करने मे व्यस्त था, उसी समय पश्चिम एशिया मे सिकंदर का सेनापता और मित्र सैल्यूकस भारत पर आक्रमण करने की योजना बना रहा था। सेल्यूकस भी सिकंदर का अनुकरण करना चाहता था। इसी कारण उसने सिन्ध के इस पार के प्रान्तों पर यूनानी सत्ता कायम करने का प्रयत्न किया, लेकिन अब भारत की राजनीतिक स्थिति पहले की तरह कमजोर ना थी, अब भारत की राजनैतिक स्थिति परिवर्तित हो चुकी थी। इस समय पंजाब तथा सिन्ध भारत सम्राज्य के शक्तिशाली अंग थे। 305 ई. पूर्व मे सेल्यूकस सिन्ध नदी के तट पर पहुंचा। सैल्यूकस तथा चन्द्रगुप्त के मध्य युद्ध का विवरण प्राप्त नही होता है। इसके बारे मे भी यूनानी लेखकों ने कुछ नही लिखा कि युद्ध मे कौन हारा था और कौन जीता था, लेकिन इन दोनों के मध्य जो संधि हुई थी, उससे यह स्पष्ट अनुमान लगाया जा सकता है कि इस युद्ध मे अवश्य ही चन्द्रगुप्त की विजयी हुई होगी। इस सन्धि के अनुसार सेल्यूकस की कन्या का विवाह चन्द्रगुप्त से होना तय हुआ और कन्या से जो पुत्र होगा उसे मौर्य साम्राज्य का सम्राट नही बनाया जाएगा तथा इसके साथ ही सैल्यूकस ने अपने साम्राज्य का बहुत बड़ा भाग चन्द्रगुप्त को दिया। इसमे ईरान राज्य के हेरात, कन्दहार, मकरान, तथा काबुल थे। चन्द्रगुप्त ने बदले मे सेल्यूकस को 500 हाथी भेंट किए। इस संधि के कारण चन्द्रगुप्त की शक्ति और उसके साम्राज्य का विस्तार हुआ।
3. पश्चिम विजय
रूद्र द्रामन के जूनागढ़ अभिलेख मे सौराष्ट्र प्रान्त मे चन्द्रगुप्त के गवर्नर के रूप मे पुण्य गुप्त की नियुक्ति का उल्लेख मिलता है। डाॅ. राय चौधरी का मत है कि चन्द्रगुप्त ने पश्चिमी भारत के सौराष्ट्र प्रदेश तक अपनी सीमा का विस्तार किया था। यह स्पष्ट रूप से नही कहा जा सकता कि भारत के पश्चिमी प्रदेशों पर चन्द्रगुप्त ने आक्रमण द्वारा अधिकार प्राप्त किया अथवा वे पहले से ही नंदवंश के अधीन थे।
4. दक्षिण भारत की विजय
दक्षिण भारत मे जहाँ तक अशोक के अभिलेख मिले है वहाँ तक के राज्य चन्द्रगुप्त ने जीते होगे ऐसा इतिहासकारों का मनाना है क्योंकि अशोक ने कलिंग के युद्ध के अलावा कोई युद्ध नही किया और बिन्दुसार के किसी युद्ध का वर्णन नही मिलता। कुछ विद्वान मानते है की चन्द्रगुप्त ने दक्षिण भारत को जीतकर अपने अधिकार मे कर लिया था।
5. चन्द्रगुप्त का राज्य विस्तार
चन्द्रगुप्त ने कुछ प्रान्तों को छोड़कर समस्त भारत पर अधिकार कर लिया। उसका राज्य विस्तार हिन्दुकुश पर्वत से बंगाल की खाड़ी तक और दक्षिण मे कृष्णा नदी के दक्षिण का भाग शामिल था। इस राज्य मे अफगानिस्तान, बिलोचिस्तान, पंजाब, सिंध, कश्मीर, नेपाल, दोआब का प्रदेश, मगध, बंगाल, अवंती प्रदेश, सौराष्ट्र व दक्षिण भारत मे मैसूर तक के प्रदेश थे। ये उसकी सैनिक प्रतिभा, अपार शक्ति व निरंतर विजयों का फल था।
चन्द्रगुप्त मौर्य की मृत्यु या अन्तिम दिन
चन्द्रगुप्त मौर्य ने लगभग 25 वर्षों तक सफलतापूर्वक राज्य किया। राज्य वैभव का उपभोग करने पर चन्द्रगुप्त को वैराग्य उत्पन्न हो गया। उसने 298 ई. पूर्व मे अपना राज्य " बिन्दुसार " को सौंप कर अपने अंतिम दिनों मे वह जैन मुनि भद्रबाहु के साथ दक्षिण चला गया। यहीं पर उसने अनशन (तपस्या) करते हुए 298 ई. पूर्व मे अपना शरीर त्याग दिया। चन्द्रगुप्त मौर्य की गणना भारत के महान् सम्राटों मे की जाती है। वह भारत का पहला ऐतिहासिक सम्राट था। उसका स्थान विश्व इतिहास के सम्राटों की प्रथम पंक्ति मे है।
सम्बंधित लेख
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; इतिहास का अर्थ, परिभाषा, महत्व
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; इतिहास का क्षेत्र व स्वरूप
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;प्रागैतिहासिक काल का क्या अर्थ है
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;हड़प्पा या सिंधु सभ्यता क्या है? खोज, विस्तार क्षेत्र
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; सिंधु या हड़प्पा सभ्यता के पतन के कारण
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; जैन धर्म के सिद्धांत/आदर्श, शिक्षाएं या विशेषताएं
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;बौद्ध धर्म के सिद्धांत/आदर्श, शिक्षाएं या विशेषताएं
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;सिकंदर का भारत पर आक्रमण, प्रभाव/परिणाम
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; चन्द्रगुप्त मौर्य का परिचय, चन्द्रगुप्त मौर्य का इतिहास
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;चन्द्रगुप्त मौर्य की उपलब्धियां या विजय
One-day exam Ki Laine Hailight krne Ki Kripa keep
जवाब देंहटाएंचंद्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश का प्रतापी शासक था इस कथन के बारे में चंद्रगुप्त मौर्य के शासन के संबंध में स्पष्ट बताएं
जवाब देंहटाएंChandragupt Maurya ki Safal Vijay kaun kaun si hai
जवाब देंहटाएं