8/05/2022

विश्व स्वास्थ्य संगठन की संरचना

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) 

संयुक्त राष्ट्र संघ की सामाजिक एवं आर्थिक परिषद् द्वारा न्यूयार्क में आयोजित एक सम्मेलन में विश्व स्वास्थ्य संगठन की नींव 19 जून, 1945 को डाली गई। इस सम्मेलन में दिनांक 22 जुलाई तक स्वास्थ्य संबंधी समस्या पर विचार-विमर्श किया गया। 67 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा संविधान की स्‍वीकृति प्रदान की गई। इस प्रकार 7 अप्रैल, 1948 को इस संगठन की विधिवत् स्थापना की गई। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की संरचना (vishva swasthya sangathan ki rachna)

विश्व स्वास्थ्य संगठन की संरचना इस प्रकार से हैं--

1. संगठन की सदस्यता 

विश्व के समस्त राष्ट्र इस संगठन की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र के समस्त देशों को संगठन में शामिल होने के लिए इसका संविधान स्वीकार करना पड़ता हैं। इस संगठन के समस्त सदस्यों की संख्या 160 हैं। इस संगठन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि उसने स्वास्थ्य संबंधी कार्य क्या किये हैं। 

2. संगठन के अंग 

संयुक्त राष्ट्र विश्व-स्वास्थ्य संगठन को निम्न अंगों में विभक्त किया गया हैं--

(अ) सभा 

इस सभा की बैठक वर्ष में एक बार होती हैं। इसका प्रमुख कार्य नीति निर्धारित करना हैं। इसमें सभी सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं। 

(ब) कार्यकारी मंडल 

इस कार्यकारी मंडल में 24 सदस्य रहते हैं, जिनकी बैठक वर्ष में दो बार होती हैं। इस मंडल का चयन चिकित्सकों के बीच से होता हैं। 

(स) सचिवालय 

इस संगठन का प्रमुख अधिकारी निदेशक होता हैं। इसके अधीन कर्मचारी वर्ग होता हैं। इस निदेशक पर संगठन के प्रशासकीय तथा तकनीकी कार्यों की जिम्मेदारी होती हैं। 

3. संगठन का क्षेत्र 

इस संगठन का मुख्यालय जेनेवा में हैं तथा इसका क्षेत्र प्रादेशिक संगठन अफ्रीका, दक्षिण-पूर्वी एशिया, पूर्वी भूमध्य सागर, पश्चिमी महासागर तक फैला हुआ हैं। इस संगठन का प्रमुख कार्य विभिन्न देशीय सरकारों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देना हैं। 

इस संगठन के प्रमुख कार्य प्रादेशिक संगठनों के माध्‍यम से ही चलाये जाते हैं। स्थानीय कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए कुछ स्थानीय समितियाँ भी स्थापित की गई हैं। 

4. संगठन का उद्देश्य 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रस्तावना में यह स्पष्ट लिखा हैं कि," प्रत्‍येक मनुष्य का यह मौलिक अधिकार है कि उसे उच्चतम स्वास्थ्य की सुविधा प्राप्‍त हो। संसार की शान्ति एवं सुरक्षा के लिए जरूरी है कि सभी मनुष्यों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए।" 

5. संगठन के कार्य 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की सेवाओं को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है। प्रथम, परामर्श-दात्री सेवाएं, द्वितीय, तकनीकी सेवाएं। यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय कार्यों का संचालन करता हैं। यह संगठन अपने उद्देश्‍यों को पूरा करने के लिए निम्नलिखित कार्य करता हैं--

1. बाल पोषण व्यवस्था करना, जच्चा-बच्चा केन्द्र खोलना, दाइयों को प्रशिक्षण देना, बाल रोगों का उन्मूलन करना तथा अकाल, भूकंप, चल-वृद्धि तथा ज्वालामुखी विस्फोट के समय बच्चों की रक्षा करना। 

2. स्वास्थ्य संबंधी प्रशिक्षण तथा उसके प्रशिक्षण स्तर को ऊँचा उठाना।

3. माताओं एवं बालकों के कल्याण कार्यों को प्रोत्साहन देना। 

4. लोगों के आहार, निवास तथा सफाई के कार्यों को बढ़ावा देना तथा स्वास्थ्य वातावरण तैयार करना। 

5. बीमारियों के निदान संबंधी कार्यों का मानवीकरण करना।

6. क्षय रोग तथा एड्स नामक बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रयास करना। 

7. मानसिक स्वास्थ्य संबंधी उपायों को संपन्न करना। 

8. आकस्मिक चोटों को रोकने का प्रयास करना।

9. महामारियों के उन्मूलन हेतु शोध कार्य करना। 

10. विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में समन्वय स्थापित करना तथा विभिन्न संस्थाओं में सहयोग स्थापित करना। 

11. इच्छुक देशों को स्वास्थ्य विशेषज्ञों का परामर्श उपलब्ध कराना। 

12. औषधियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मापदंड निर्धारित करना। 

13. बीमारियों के अन्तर्राष्ट्रीय नामों को निर्धारित करना।

14. महामारियों से संबंधित सूचनाओं को प्रसारित करना, स्वास्थ्य संबंधी प्रकाशन छपवा कर संपूर्ण विश्व में वितरित करना आदि। 

15. संयुक्त राष्ट्र संघ तथा इसके विभिन्न अंगों एवं स्वास्थ्य संबंधी संस्थाओं से संपर्क स्थापित करना। 

6. पैनल 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विशेषज्ञों के एक पैनल की भी व्यवस्था की हैं। इसका कार्य निकटतम प्राविधिक बारीकियों से संगठन को अवगत रखने तथा आधुनिकतम अनुसंधान एवं खोजों के आधार पर कार्यवाही करने का परामर्श देना तथा स्वास्थ्य संबंधी प्रत्‍येक पहलू पर विचार-विमर्श करना हैं। विश्व-स्वास्थ्य संगठन ने पैनल के अतिरिक्त अन्य अधिकारियों की नियुक्ति भी की हैं। इससे अनेक स्वास्थ्य कर्मचारियों एवं चिकित्सकों को सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधी उच्च अध्ययन करने के लिए अनेक छात्रवृत्तियाँ प्रदान की गयी। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की उपलब्धियाँ 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख उपलब्धियों का वर्णन निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता हैं-- 

1. मलेरिया का प्रकोप महत्वपूर्ण राष्ट्रों में समाप्त हो गया हैं। 

2. यह संगठन चेचक आदि संक्रामक रोगों की सूचना प्रायः रेडियों एवं टी.वी. पर प्रसारित करवाता हैं। इसके साथ यह अपने नगर एवं सफल कार्यक्रम की सूचना भी प्रसारित करवाता हैं। 

3. संगठन मानसिक स्वास्थ्य के कार्यों में आहार, आवास, व्यवस्था, सफाई तथा मनोरंजन आदि स्वास्थ्य संबंधी परिस्थितियों को प्रगतिशील बनाने का प्रयत्न करता हैं। 

4. संगठन के परामर्शदाता क्षयरोग, मातृ एवं बाल सुरक्षा, पोषण एवं स्वच्छता आदि के क्षेत्रों में कार्य करते हैं। 

5. संगठन अनेक औषधियों एवं टीकों हेतु अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों को निर्धारित करता हैं। 

6. संगठन स्वास्थ्य की समस्या एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं गोष्ठियों का आयोजन करता हैं। 

7. यह संगठन आजकल इन्फ्लुएंजा, पोलियों तथा मैलिटिस एड्स आदि रोगों पर शोध कार्य कर रहा हैं।

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