9/08/2021

शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं

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shiksha manovigyan arth paribhasha visheshta;शिक्षा-मनोविज्ञान की शुरुआत प्लेटो के समय से मानी जाती है। रूसो के शिक्षा दर्शन ने आगे बढ़ाने पर बल दिया और मांटेसरी ने इसे आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया। इसकी उत्पत्ति सन् 1900 से मानी जाती हैं। थाॅर्नडाइक, टर्मन, स्टेनले हाॅल, जुड आदि के प्रयासों से शिक्षा-मनोविज्ञान को एक स्पष्ट स्वरूप मिला। पेस्टोलाजी को शिक्षा-मनोविज्ञान में 'वैज्ञानिकीकरण का जनक' माना जाता है। फ्राॅयड एवं हरबर्ट ने शिक्षा-मनोविज्ञान के क्षेत्र में उपरोक्त लोगों के प्रयास को और आगे बढ़ाने मे सहायता की।

शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ (shiksha manovigyan kya hai)

शिक्षा-मनोविज्ञान दो शब्दों के योग से बना हैं," शिक्षा+मनोविज्ञान। अतः शिक्षा मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ है," शिक्षा संबंधी मनोविज्ञान।"

दूसरे शब्दों में, शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान का व्यावहारिक रूप है तथा शिक्षा की प्रक्रिया में मानव व्यवहार का अध्ययन करने वाला विज्ञान है।

शिक्षा मनोविज्ञान के अध्ययन का केंद्र शैक्षणिक परिस्थतियों में मानव व्यवहार है। इस मनोविज्ञान को हम कला और विज्ञान दोनों ही श्रेणियों मे रख सकते है। इसमे कोई संदेह नही है कि इसकी प्रकृति वैज्ञानिक है क्योंकि अध्ययन के लिए वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता है। शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत बालक का शिक्षा से संबंधित संपूर्ण व्यवहार (Behavior) एवं व्यक्तित्व (Personality) आ जाता है। शिक्षा मनोविज्ञान के ज्ञान द्वारा शिक्षक बालच की व्यक्तिगत विभिन्नताओं का ज्ञान प्राप्त करके उचित शिक्षण विधियों का प्रयोग करता है तथा कक्षा-कक्ष का अनुशासन भी बनाए रखता है। अतः इस प्रकार से शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र में मूल प्रकृतियों, अनुशासन और अधिगम (सीखना) का अध्ययन किया जाता हैं। शिक्षा मनोविज्ञान एक शिक्षक के लिए मूल्यवान हैं क्योंकि शिक्षा मनोविज्ञान के द्वारा उसे विद्यार्थी के बारे में पूर्ण ज्ञान प्राप्त होता है। जिससे वह अपने शिक्षण को अधिक प्रभावी बना सकता हैं। 

स्किनर के शब्दों में हैं," शिक्षा मनोविज्ञान अपना अर्थ शिक्षा से, जो सामाजिक प्रक्रिया है तथा मनोविज्ञान से, जो व्यवहार संबंधी विज्ञान है, ग्रहण करता हैं।" 

शिक्षा मनोविज्ञान के अर्थ का विश्लेषण करने हेतु स्किनर ने निम्न तथ्यों की तरफ संकेत किया हैं-- 

1. शिक्षा मनोविज्ञान का केंद्र, मावन-व्यवहार हैं। 

2. शिक्षा मनोविज्ञान में संग्रहीत ज्ञान को सिद्धांतों का रूप प्रदान किया जा सकता है। 

3. शिक्षा मनोविज्ञान, खोज तथा निरीक्षण से प्राप्त किये तथ्यों का संग्रह हैं। 

4. शिक्षा मनोविज्ञान ने शिक्षा की समस्याओं का समाधान करने हेतु अपनी स्वयं की पद्धतियों का प्रतिपादन किया हैं। 

5. शिक्षा मनोविज्ञान के सिद्धांत तथा पद्धितयाँ शैक्षिक सिद्धांतों एवं प्रयोगों को आधार प्रदान करती हैं।  

शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा (shiksha manovigyan ki paribhasha)

स्किनर के अनुसार," शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत शिक्षा से संबंधित संपूर्ण व्यवहार तथा व्यक्तित्व आ जाता हैं।" 

सारे व टेलफोर्ड के अनुसार," शिक्षा मनोविज्ञान का मुख्य संबंध सीखने से हैं। यह मनोविज्ञान का वह अंग है जो शिक्षा के मनोवैज्ञानिक पहलुओं की वैज्ञानिक खोज से विशेष रूप से संबंधित है।" 

ऐलिस क्रो के अनुसार," शैक्षिक मनोविज्ञान मानव प्रतिक्रियाओं के शिक्षण और सीखने को प्रभावित करता है एवं वैज्ञानिक दृष्टि से व्युत्पन्न सिद्धांतों के अनुप्रयोग का प्रतिनिधित्व करता हैं।" 

कालसेनिक के अनुसार," मनोविज्ञान के अनुसंधानों व सिद्धांतों का शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग ही शिक्षा मनोविज्ञान हैं।" 

क्रो एवं क्रो के अनुसार," शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति के जन्म से वृद्धावस्था तक सीखने के अनुभवों का वर्णन तथा व्याख्या करता हैं।" 

स्टीफन के अनुसार," शिक्षा मनोविज्ञान बालक के शैक्षिक विकास का क्रमबद्ध अध्ययन हैं। 

थार्नडाइक के अनुसार," शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत शिक्षा से संबंधित व्यवहार और व्यक्तित्व आ जाता है।" 

सी.एच.गुड के अनुसार," शिक्षा मनोविज्ञान जन्म से लेकर परिपक्व अवस्था तक विभिन्न परिस्थितियों में गुजरते हुए व्यक्तियों में होने वाले परिवर्तनों की व्याख्या हैं।" 

स्टाउट के अनुसार," मनोविज्ञान द्वारा शिक्षा सिद्धांतों को दिया जाने वाला मुख्य सिद्धांत यह है कि नवीन ज्ञान का विकास पूर्व ज्ञान के आधार पर किया जाना चाहिए।" 

ट्रो के अनुसार," शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों के मनोवैज्ञानिक तत्वों का अध्ययन करता हैं।" 

जेम्स ड्रेवर के अनुसार," शिक्षा मनोविज्ञान व्यवहारिक मनोविज्ञान की वह शाखा है जो शिक्षा मे मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों तथा खोजों के प्रयोग के साथ ही शिक्षा की समस्याओं के मनोविज्ञानिक अध्ययन से संबंधित है। 

विभिन्न विद्वानों द्वारा शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषाओं का अध्ययन करने के बाद यह कहा जा सकता है कि शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की ही एक शाखा है जो शैक्षणिक परिस्थितियों का मनोवैज्ञानिक तरीके से अध्ययन करती है। शैक्षिक प्रक्रिया में शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति के सीखने संबंधी व्यवहार का विश्लेषण करती है तथा उनके विकास व निर्देशन मे योगदान देती हैं।

शिक्षा मनोविज्ञान की विशेषताएं (shiksha manovigyan ki visheshta)

शिक्षा मनोविज्ञान की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-- 

1. शिक्षा मनोविज्ञान की विषय सामग्रि का मुख्य उद्देश्य मानवीय व्यवहार को निर्देशित एवं संशोधित करना है। 

2. शिक्षा मनोविज्ञान एक व्यवहारिक विज्ञान है जिसका प्रयोग व्यक्ति के व्यवहार को समझकर उसके अनुसार शिक्षण प्रदान किया जाता है। 

3. शिक्षा मनोविज्ञान की प्रकृति वैज्ञानिक (Scientific) होती है। क्योंकि बालक के व्यवहार का अध्ययन वैज्ञानिक विधियों, नियमों एवं सिद्धांतों के आधार पर शैक्षणिक वातावरण में किया जाता हैं। 

4. शिक्षा-मनोविज्ञान की विभिन्न मनोवैज्ञानिक अवधारणाओं का शिक्षा के क्षेत्र में अनुप्रयोग किया जाता हैं। 

5. शिक्षा-मनोविज्ञान एक वस्तुपरक विज्ञान हैं। 

6. शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत मनोवैज्ञानिक बालक के पूर्ण व्यवहार का अध्ययन करता है, आँकड़े इकट्ठा करता है, खोज करता है तभी किसी निर्णय पर पहुँचता है। अतः शिक्षा-मनोविज्ञान एक प्रकार से प्रकृति विज्ञान हैं। 

7. शिक्षा मनोविज्ञान छात्रों के व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन लाने मे सक्षम है। 

8. शिक्षा-मनोविज्ञान में सकारात्मक रूप से यह अध्ययन किया जाता हैं कि बालक का व्यवहार कैसा है और कैसा होना चाहिए। इसलिए यह एक सकारात्मक विज्ञान है। 

9. शिक्षा-मनोविज्ञान के अंतर्गत शिक्षक छात्र के व्यवहार और प्रकृति के आधार पर मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों के द्वार अधिक बेहतर परिणाम देने का प्रयास करता है जिससे उसका अधिकतम विकास हो सके। इसलिए इसे विकास का विज्ञान भी कहा जाता है। 

10. शिक्षा-मनोविज्ञान में शिक्षक पहले से विद्यमान वैज्ञानिक ज्ञान का प्रयोग और अधिक व्यवहारिक शिक्षण के संपादन के लिए करता है। इसलिए यह एक व्यवहारिक या अनुप्रयुक्त विज्ञान (Applied Science) भी हैं। 

11. शिक्षा मनोविज्ञान में छात्र और शिक्षक का संबंध अधिक घनिष्ठ हो जाता है। 

12. शिक्षा-मनोविज्ञान एक सामाजिक विज्ञान है। क्योंकि यह मानव समाज का अध्ययन भी करता है। 

13. शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा और मनोविज्ञान को जोड़ने की कड़ी हैं। 

14. शिक्षा मनोविज्ञान का सीधा संबंध शिक्षण में सीखने से हैं। 

15. शिक्षा-मनोविज्ञान बालक के जन्म से पूर्व ही उसके अध्ययन की शुरुआत कर देता है। 

16. शिक्षा-मनोविज्ञान का प्रयोग व्यक्तियों के व्यवहार का अध्ययन एवं विश्लेषण करने में किया जाता हैं। 

17. शिक्षा-मनोविज्ञान का प्रत्यक्ष संबंध शैक्षिक प्रक्रिया के समस्त क्रिया-कलापों से हैं। 

18. शिक्षा-मनोविज्ञान व्यक्ति के व्यवहार का व्यक्तिगत एवं सामूहिक दोनों प्रकार से अध्ययन करता है।

19. शिक्षा-मनोविज्ञान तथ्यों तथा मूल्यांकन दोनों पर आधारित होता है इसलिए इसे विधायक (Constitative) एवं नियामक (Regulative) दोनों प्रकार का विज्ञान माना जाता है।

20. शिक्षा-मनोविज्ञान की प्रकृति विश्लेषणात्मक होती है। क्योंकि शिक्षा-मनोविज्ञानिक छात्रों की जटिल जानकारियों को क्रमबद्ध या तालिकाबद्ध या तार्कित दृष्टिकोण से निरूपित करता है तत्पश्चात् जानकारियों पर आधारित प्रश्नों का उत्तर प्राप्त करता हैं, तथा छात्र की समस्याओं का निराकरण करता हैं। 

21. शिक्षा मनोविज्ञान मानवीय व्यवहारों का शैक्षिक परिस्तिथियों मे अध्ययन करता है। इस प्रकार यह व्यवहार का विज्ञान है। 

22. शिक्षा-मनोविज्ञान का सीधा संबंध शिक्षण मे अधिगम क्रियाकलापों से होता हैं।

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