4/10/2021

निजी वस्तुएं क्या है? विशेषताएं

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निजी वस्तुएं क्या है? 

निजी वस्तुओं से आशय उन सभी वस्तुओं व सेवाओं से है जो लोगो द्वारा उनकी व्यक्तिगत तथा निजी आवश्यकताओं की संतुष्टि हेतु उपभोग की जाती है। जैसे-- खाद्य पदार्थ, आवास, मनोरंजन, परिवहन, संचार आदि। जिन लोगों को उस वस्तु की आवश्यकता होती है तथा बाजार कीमत चुकाने की इच्छा होती है, वे उसे खरीद लेते है। यह आवश्यक नही होता है कि प्रत्येक व्यक्ति इन वस्तुओं को क्रय करे। इन वस्तुओं का वितरण प्रभावपूर्ण मांग एवं बाजार कीमतों पर निर्भर होता है। अतः जो निजी वस्तुओं की मांग करते है उन्हे उसकी उत्पादन लागत चुकानी पड़ती है।

निजी वस्तुओं की विशेषताएं 

1. निजी वस्तुओं के उपभोग के आधार पर कीमत यंत्र व्यक्तियों को दो भागों मे विभाजित कर देता है। 

(अ) वह जो उसका उपभोग करना चाहता है।

(ब) वह जो उसका उपभोग नही करना चाहता है।

2. निजी वस्तुओं मे पृथकता सिद्धांत इस अर्थ मे प्रयुक्त होता है कि कीमत यंत्र व्यक्तियों के एक वर्ग को जो वस्तु विशेष का उपभोग नही करना चाहते है, उससे बाहर कर देता है। अर्थात जो व्यक्ति इनका उपभोग नही करना चाहते है, उन्हें इनका लाभ नही मिलता है।

3. निजी वस्तुएं प्रयोग मे प्रतियोगी होती है इसका आश्य यह कि व्यक्ति या समूह द्वारा इनका प्रयोग करने पर अन्य व्यक्तियों के लिये उस वस्तु की उपलब्धता मे कमी हो जाती है। 

निजी वस्तुओं के संबंध मे बाजार तंत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। परन्तु इन वस्तुओं को जब बाह्रा प्रभाव से सम्बध्द किया जाता है तब बाजार तंत्र काम नही करता है। यदि एक पिछ़ड़े इलाके मे तेल शोधन कारखाना लगाया जाता है तो उसका आर्थिक लाभ या अनुकूल प्रभाव होगा कि उस क्षेत्र का विकास होगा, वहां के लोगो को रोजगार मिलेगा इत्यादि। परन्तु दूसरी ओर उस कारखाने मे वही प्रदूषण फैलेगा तथा पर्यावरण पर बूरा असर होगा। इन बाह्रा प्रभावों के द्वारा कितना आर्थिक लाभ हुआ और कितना आर्थिक नुकसान हुआ इसे कीमत यंत्र के द्वारा मापना बहुत कठिन होता है।

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