12/16/2020

विपणन का अर्थ, परिभाषा, क्षेत्र, महत्व

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 विपणन का अर्थ (vipnan ka arth)

vipnan ka arth paribhasha kshara mahatva;विपणन के वास्‍तविक अर्थ से  अधिकांश व्‍यक्ति परिच‍ित है  तो वही  दुसरी और  विपणन  से बहुत से लोग अपरिचित है विपणन के अन्‍तर्गत वस्‍तु के क्रय एवं विक्रय के पहले एवं बाद की सभी  क्रयिाओं को शामिल कि‍या जाता है।  साधारण शब्दों में कि‍सी वस्‍तु के क्रय व विक्रय को विपणन कहा जाता है। 

 विपणन की परिभाषा (vipnan ki paribhasha)

विपणन की परीभाषाएं इस प्रकार से है--

 क्‍लार्क एवं  क्‍लार्क के अनुसार,"  विपणन में वे सभी प्रयत्‍न सम्मिलित है जो वस्‍तु एवं सेवाओं के स्‍वामित्‍व  हस्‍तांतरण एवं उनके भौतिक  वितरण कार्य में सहायक होते है।"

 प्रों पाइल के शब्दों में," विपणन में क्रय एवं विक्रय दोंनों  क्रियाए शामिल है।"

 फि‍लिप्‍स कोटलर के शब्दों में," विपणन  मानवीय क्रि‍याओं के उस समूह को कहते है जो विनिमय को सरल उपयोगी और लाभप्रद बनाती है।"

 पॅाल मजूर के अनुसार," विपणन का अर्थ समाज को जिवन स्‍तर प्रदान करना है। विपणन की यह परीभाषा सरल एवं सामाजिक संदर्भो में विपणन को पारिभाषित करती है  साथ ही उपभोक्‍ता प्रधान भी है एवं सामाजिक संतुष्टि  को विपणन का प्रमूख कार्य मानती है  इस प्रकार इस परीभाषा में विपणन के विस्‍तृत  अर्थ को व्‍यक्‍त करने की क्षमता है हालाकि यह परीभाषा  विपणन के क्रार्यकलापों  की प्रकृति को स्‍पष्‍ट नही करती।"

व्‍हीलर के अनुसार," विपणन उन समस्‍त संसाधनों एवं  क्रियाओं  से संबंधि‍त है जिनसे वस्‍तु एवं सेवाए उत्‍पादन से उपभोक्‍ता तक पहूचती है। व्‍हीलर ने काफी समय तक अपने द्वारा दी गई परीभाषा में समेटने का   प्रयास  कि‍या है  कि‍न्‍तु इसके के बाद भी यह परीभाषा विपणन की उपयुक्‍त परीभाषा नही कही जा सकती है।"

अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन समिति के शब्दों में," विपणन उन व्‍यावसायिक क्रियाओं का निष्‍पादन  है जो की वस्‍तुओं  एवं सेवाओं  के प्रवाह को उत्‍पादन से उपभोक्‍ताओं तक अथवा उपयोगकर्ताओं  की और निर्देशित करता है।" 

विपणन की यह परीभाषा एक लंबी अवधी तक  प्रचलित रही एवं इसे मान्‍यता भी  मिली किं‍तु इस परीभाषा को भी संकीर्ण एवं प्राचीन वर्ग के अंतर्गत ही रखा गया क्‍योंकि  यह परीभाषा  ग्राहकोन्‍मूखी न होकर उत्‍पादोंन्‍मूखी है। यह परीभाषा बाजार अनुसंधान को विपणन का हिस्‍सा नही मानती।

विपणन का  क्षेत्र

विपणन के क्षेत्र को संकुचति व विस्‍तृत दोंनो अर्थों में प्रयुक्‍त  कि‍या जाता है। वास्‍तव में संकुचति अर्थ विपणन संबंधी पुरानी विचार धारा  का प्रतीक है संकुचित अर्थ में विपणन क्रि‍या में वस्‍तु या सेवा को उत्‍पादक से उपभोक्‍ता तक पहुचाने में की जाती है इन विपणन क्रि‍याओं को वितरण संबंधी क्रि‍या कहते  है।  जबकि‍ वही दुसरी और विस्‍तृत अर्थ आधुनिक विचारधारा का  प्रतीक है  विपणन के विस्‍तृत क्षेत्र के अनुसार  वस्‍तु का उत्‍पादन पूर्ण करने के साथ प्रारंभ नही होती है न ही वस्‍तु के  अंतिम बि‍क्री के साथ समाप्‍त हो जाती है अपितु विक्रय के बाद भी विपणन क्रियाए  सेवा के रूप में पूर्ण की जाती है ।

विपणन के क्षेत्र की निम्‍न क्रि‍याएं इस प्रकार से है--

1. ग्राहक सम्‍बन्‍धी निर्णय एवं अनुसंधान

आज के युग में  ग्राहक  को बाजार का राजा माना जाता है आज के युग में हर उत्‍पादक  और व्‍यापारि यह जानना चाहता है कि ग्राहकों  कि रूचि  का स्‍तर क्‍या  है ग्राहकों  कि  मूल्‍य चुकाने कि क्षमता क्‍या  है  इन सभी बातों का ध्‍यान रखकर  उत्‍पादक वस्‍तु का  निमार्ण कर ग्राहकों  तक पहुंचाकर उनकी संतुष्टि  के लिए लाभ पाना चाहता है। 

 2. वस्‍तु के संबंध में  वि‍भि‍न्‍न बातों का निर्णय  लेना

उत्‍पादक को वस्‍तु के निमार्ण से पहले विभिन्न बातों के निर्णय लेने होते है  जैसे वस्‍तु का आकार रंग पैकिंग डिजाइन क्‍या होगा? यह भी विपणन क्षेत्र का प्रमुख अंग है।

 3. परिवहन

उत्‍पादन एवं  उपभोग केन्‍द्रों के मध्‍य भैागोंलिक दूरी होती है जिसे कम करने में परिवहन ने एक महत्‍वपूर्ण  भूमिका निभाई है परिवहन का  काम  वस्‍तु को उत्‍पादन स्‍थान उपभोक्‍ता तक पहुचाना है परिवहन ने वृहत उत्‍पादन विशाल वितरण एवं विश्ष्टिीकरण को संभव बनाया है   आज के युग में परिवहन के बिना  विपणन  कि‍  कल्‍पना भी नही कि  जा सकती है। जैसे  रेल  ट्रक वायुयान   डाक सेवा के द्वारा वस्‍तुओं को  एक स्‍थान से दुसरे स्‍थान तक  पहुंचाया जा सकता है।

 4. मूल्‍य नीति सम्‍बन्‍धी निर्णय

 विपणन क्रिया में हर उत्‍पादक  और  व्‍यापारि‍क संस्‍थान को  वस्‍तु  का विपणन करने  से पहले  एक निणर्य यह भी लेना  होता है कि‍ उनकी वस्‍तु  कि‍ कीमत क्‍या होगी वस्‍तु  कि‍   कीमत  तय करते समय ग्राहक कि‍  देय क्षमता तथा वस्‍तु कि  लागत को ध्‍यान में रखना पडता है। 

 5. भण्‍डारण

विपणन क्रि‍याओं में एक क्रि‍या यह भी है उत्‍पादकों  को उनके उत्‍पादन का उचित मूल्‍य मिल सके इस के लिए भण्‍डारण कि  सुविधा का होना आवश्‍यक है। भण्‍डारण कि‍ सुविधा न होने के करण फल दूध शीघ्र खराब होने वाली वस्‍तुएं मांग व पूर्ति के अनुसार अधिक कम दाम मे बिकती है विपणन कार्य में भण्‍डारण क्रि‍या समय उपयोगीता का सृजन करती है।

 विपणन का महत्‍व

vipnan ka mahatva;पहले के समय में मानव की आवश्‍यकता कम थी  मानव अपनी आवश्‍यकता की वस्‍तु  को स्‍वयं तैयार करते थे। धीरे-धीरे मानव सुविधाभोंगी होता गया आज के युग में  मानव कि‍   आवश्‍यकता अनेक एवं विविधा पूर्ण  है आज के युग में मानव आवश्‍यकताओं कि‍ पूर्ति  के लिए विशाल  पैमानें पर उत्‍पादन कि‍ गतिविधियों में संलगन है। इसी का परिणाम है कि‍ विपणन गतिविधि‍यों का महत्‍व बढ़ता ही जा हा है। विपणन  के  महत्‍व को निम्म शीर्षकों  द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है--

 1. अनेक वस्‍तुयें उपयोग के लिए उपलब्‍ध है

आज के युग में  विपणन का क्षेत्र अन्‍तर्राष्‍ट्रीय हो गया है जिसके कारण  हमें विदेशों में निर्मित वस्‍तुयें उपयोग के लिए उपलब्‍ध हो जाती है ।

 2. मांग के आधार पर सुचनाएं प्राप्‍त  करना 

विपणन के अध्‍ययन से हमे पता चलता है कि‍ उत्‍पादक के बदलती हुए मांग एवं परिस्थितियों के बारे में सुचनाएं  प्राप्‍त होती है।

 3. अर्थव्‍यवस्‍था को सुदृढ़ करना

विपणन के अंतर्गत  उत्‍पाद कि‍  जानकारी उपभोक्‍ता के पास पहुंचाकर उसके विक्रय को निश्चित कि‍या जाता है यदि विपणन गतिविधियों कें माध्‍यम से वस्‍तु विक्रय  हेतु कार्यवाही न कि‍ जाए इस कारण  यदि उत्‍पादन विक्रय न हो सके  तो  इस  से अर्थव्‍यवस्‍था के विकास में दुविधा उत्‍पन्‍न हो सकती है  इस प्रकार से विपणन अर्थव्‍यवस्‍था को सुदृढ़ बनाएं रखने में  अपना योगदान देती है।

 4. अनेक व्‍यक्तियों को रोजगार

 विपणन के कारण  वस्‍तुओं  का निर्माण होता है  जिसके लिए अधिक मात्रा में मजदरों कि‍ आवश्‍यकता  होती है इसी तहत लोगों को  रोजगार प्राप्‍त होता है। इस तरह  यह कहा जा  सकता है कि‍ विपणन के अंतर्गत  रोजगार  का सृजन होता है ।

 5. अ‍‍धिक लाभ अर्जित करने में सहायक

विपणन में कोई भी उत्‍पादक  जब किसी वस्तु का उत्‍पादन करता है तो उसे वस्‍तु  को उपभोक्‍ता तक पहुचाने में लोगों की मदद लेनी पडती  है जैसे  मध्‍यस्‍थों माल गोंदामों के मालिकों परिवहन व्‍यापारियों  इत्‍यादि।  विपणन के माध्‍यम से  इन सेवाओं  कि‍ जानकारी प्राप्‍त कर ज्‍यादा लाभ प्राप्‍त किया जा सकता है।

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