12/26/2020

बाजार विभक्तिकरण क्या है? उद्देश्य एवं महत्व

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बाजार विभक्तिकरण क्या है? बाजार विभक्तिकरण का अर्थ

bazar vibhakti karan ka arth paribhasha uddeshya mahatva;कि‍सी वस्‍तु के सभी ग्राहकों में समानता नही होती है उसके स्‍वभाव, गुण प्र‍कृति, आयु, रहन सहन, का स्‍तर आदि में अन्‍तर होता है। इसी कारण एक निर्माता एक ग्राहकों समुदाय के लिए एक प्रकार की वस्‍तु बनाता है, और दूसरे प्रकार के ग्रहकों के समुदाय के लिए दूसरे प्रकार की। इसी प्रकार वह अपने बाजार को विभिन्‍न खण्‍डों में विभाजित कर लेता है इस प्रकार का खण्‍डीकरण बाजार ही बाजार विभक्तिकरण कहलाता है।

संक्षेप में," कि‍सी वस्‍तु के बाजार कों विभिन्‍न बाजारों व उप-बाजार अथवा खण्‍डों एवं उप-खण्‍डों में विभाजित किया जाना ही बाजार विभक्तिकरण कहलाता है।

बाजार विभक्तिकरण की परिभाषा (bazar vibhakti karan ki paribhasha)

आर.एस.डाबर के शब्‍दों में," ग्राहकों का समूहीकरण अथवा बाजार को टुकडों में बांटना ही बाजार विभक्तिकरण कहलाता है।''

राबर्ट के अनुसार,'' बाजार विभक्तिकरण बाजारों को टुकडों में बांटने की रीति-नीति है ताकी उस पर विजय प्राप्‍त की जा सकें।''

विलियम जे. स्‍टेण्‍टन के अनुसार,'' बाजार विभक्तिकरण से आशय कि‍सी उत्‍पाद के सम्‍पूर्ण विजातिय बाजार को अनेक उप-बाजार या उप-खण्‍डों में इस प्रकार विभाजित करने से है। कि‍ प्रत्‍येक उप-बाजार उप-खण्‍डों में सभी महत्‍वपूर्ण पहलूओं में समजातीयता हो।''

अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन के अनुसार ,'' बाजार विभक्तिकरण से आशय एक विजातीय बाजार के सापेक्षिक समजातीय लक्षणों वाले छोटे ग्राहक खण्‍डों में जिन्‍हें फर्म सन्‍तुष्‍ट कर सकती है विभक्‍त करने से है।''

बाजार विभक्तिकरण के उद्धेश्‍य (bazar vibhakti karan ke uddeshya)

बाजार विभक्तिकरण के उद्देश्य इस प्रकार से है--

1. ग्राहकों की रूचियां क्रय आदतों आवश्‍यकताओं  प्राथमिकताओं का पता लगाना।

2. विपणन रीति-नीतियां एवं लक्ष्‍य निर्धारित करना।

3. फर्म के कार्यो को ग्राहकोन्‍मुखी बनाना।

4.बाजार विभक्तिकरण का चौथा उद्धेश्‍य यह पता लगाना है कि‍ किन क्षेत्रों पर प्रयास करने पर नये ग्राहक  बनाये जा सकते है।

5. बाजार विभक्तिकरण में विभिन्‍न ग्राहक समूहो के क्रय सम्‍भाव का पता लगाना है जिसके अध्‍ययन से विपणन लक्ष्‍य  निर्धारित कि‍ये जा सकते है।

6. ग्राहकों को उनकी समान प्रकृति  स्‍वभाव व गुणों के आधार पर समजातीय वर्गों में बांटना जिससे कि‍  प्रत्‍येक वर्ग के लिए उपयुक्‍त विपणन कार्यक्रम बनाये जा सकते है।

7. बाजार विभक्तिकरण का अंतिम उद्धेश्‍य संस्‍था को अभिमुखी बनाना है। जिससे ग्राहकों को सन्‍तुष्‍ट करना व लाभ प्राप्‍त करना है।

बाजार विभक्तिकरण का महत्व (bazar vibhakti karan ka mahatva)

1. प्रतिस्‍पर्धा में सहायक 

संस्‍था बाजार विभक्तिकरण के द्वारा अलग-अलग खण्‍डों में प्रतिस्‍पर्धियों की नीतियों का अध्‍ययन करके उसके प्रत्‍युतर में अपनी प्रभावी विपणन रीति-नीतियां निर्धारित कर सकती है। यह बाजार विभक्तिकरण प्रतिस्‍पर्धा की स्थिति में सहायक होती है।

2. विपणन क्रि‍याओं का मूल्‍यांकन

बा‍जार विभक्तिकरण के द्वारा प्रत्‍येक उप-खण्‍डों के लिए पृथक विपणन कार्यक्रम बनाया जा सकता है, और उसके बाद विपणन क्रि‍याओं की प्रभावशीलता का आसानी से मूल्‍यांकन कि‍या जा सकता है। अन्‍य विपणन क्रि‍यायें कैसे असफल रही है। किन बाजारों उप-खण्‍डों में विपणन क्रि‍यायें असफल रही है।

3. उत्‍पाद निष्‍ठा 

विपणन जो कि‍सी बाजार विभक्तिकरण के लिए आवश्‍यकतानुसार विपणन मिश्रण तैयार करता है। वह ग्राहकों में उत्‍पाद-निष्‍ठा उत्‍पन्‍न करने में सफल होते है। इस प्रकार वे प्रतिस्‍पर्धा उत्‍पादों के सामने ठहर पाते है।

4. वस्‍तु बाजार में नये परिवर्तन का पता चलना

बाजार विभक्तिकरण के कारण वस्‍तु की मांग में होने वाले परिवर्तनों का पता सही समय पर चल जाता है। इसके परिणामस्‍वरूप स्थिति का लाभ प्राप्‍त करने के लिए सही समय पर कदम उठाया जा सकता है।

5. प्रतियोगीता का अधिक प्रभावशाली ढंग से सामना करना 

संभव बाजार विभक्तिकरण में विभिन्‍न बाजारों खण्‍डों के लिए प्रतिस्‍पर्धा के अनुरूप अलग-अलग रीति-नीति का प्रयोग करके प्रतिस्‍पर्धा का प्रभावशाली ढंग से सामना  कि‍या जा सकता है।

6. विक्रय सम्‍वर्द्धन

बाजार विभक्तिकरण उपयुक्‍तविक्रय यम्‍वर्द्धन विधि‍ के चयन में सहायता प्रदान करता है क्‍योंकि‍ इसमें सही विक्रय सम्‍वर्द्धन के कार्य-कलापों की प्रभावशीलता बढ जाती है।

7.  विपणन अवसरों की खोज करना

बाजार विभक्तिकरण का अध्‍ययन करके विपणन अवसरों का पता लगाया जा सकता है क्‍योंकि‍ हम इसके द्वारा हर उप-खण्‍ड के ग्राहकों  विशेषताओं रूचिओं एवं आवश्‍यकताओं का अध्‍ययन कर सकते है। इसके अन्‍तर्गत हमें बाजारों खण्‍डों का ज्ञान असानी से हो जाता है। बाजारों खण्‍डों के अध्‍ययन से विक्रय की कमी के कारणों का पता लगाया जा सकता है और उन्‍हें रोकने के लिए प्रयास भी कि‍ये जा सकते है।

8. उपयुक्‍त विज्ञापन अपील

भिन्‍न-भिन्‍न बाजार विभक्तिकरण के अलग-अलग विज्ञापनों के माध्‍यमों  का प्रयोग करें विज्ञापन अपील को प्रभावशाली बनाया जा सकता है। 

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