संस्कृति और सभ्यता मे अंतर
sanskriti or sabhyata me antar;ज्यादातर लोग संस्कृति और सभ्यता को एक ही समझते है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नही है। संस्कृति से आशय चिन्तन तथा कलात्मक सर्जन की उन क्रियाओं से है जो मानव जीवन के लिए प्रत्यक्षतः उपयोगी न होते हुए भी उसे समृध्द बनाती है। यह मानव प्राणी को मनुष्य बनाती है। इसी कारण संस्कृति को मानव समाज का सर्वश्रेष्ठ गुण माना जाता है। यह मानव की सर्वोत्तम उपलब्धि है। सभ्यता से तात्पर्य उन आविष्कारों, उत्पादन साधनों तथा सामाजिक एवं राजनीतिक संस्थाओं मे समझा जाता है जिनके द्वारा मानव जीवन का मार्ग सरल, सुलभ तथा स्वतंत्र बनता है।
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सभ्यता मानव की बाहरी अभिरूचि का विकास एवं अभिव्यक्ति है। इसके विपरीत संस्कृति मानव की आन्तरिक अभिरूचियों का विकास एवं अभिव्यक्ति मानी जाती है।
सभ्यता एवं संस्कृति मे निम्नलिखित अंतर है--
1. सभ्यता वह वस्तु है जो हमारे पास है, जबकि संस्कृति वह गुण है जो हममें व्याप्त है।
2. भोजन, परिधान, मोटर, महल तथा अन्य पर्थिव या भौतिक पदार्थ सभ्यता के उपकरण है। परन्तु भोजन करने, वस्त्र पहनने की कला, मोटर चलाने और महल बनाने का कौशल संस्कृति है।
3. हमारी सभ्यता वह है जिसका हम उपयोग करते है। हमारी संस्कृति वह है जो हम हैं।
4. सभ्यता मनुष्य की कतिपय क्रियाओं से उत्पन्न होने वाली उपयोगी वस्तुओं का नाम है जो साधन के रूप मे प्रयुक्त होती है। संस्कृति मे मनुष्य की वे क्रियाएँ, व्यापार और अभिव्यक्तियाँ निहित है जिन्हें वह साध्य के रूप मे देखता है।
5. सभ्यता बाहरी व्यवस्था तथा साधनों को निरूपित करती है। जबकि संस्कृति हमारी आन्तरिक प्रकृति को व्यक्त करती है।
6. सभ्यता का संबंध भौतिक पदार्थों से है। संस्कृति का संबंध कला तथा बुद्धि से है।
7. सभ्यता उपयोगिता पर बल देती है। संस्कृति मूल्यों पर बल देती है।
8. सभ्यता नाशवान है। इसकी सामग्री नष्ट-भ्रष्ट हो सकती है। संस्कृति की सामग्री प्रवाहमान है।
9. सभ्यता का संबंध शरीर से है। संस्कृति का संबंध आत्मा से है।
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Sanskriti or sbhyata me antar details in hindi
जवाब देंहटाएंSanskriti AVN sabhyata per tippani likhiye
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