धारक क्या होता है?
dharak ka arth;धारक वह व्यक्ति होता है जो विनिमय पत्र का अधिकारी होता है। वह या तो लेखक स्वयं हो सकता है अथवा ऐसा कोई अन्य व्यक्ति हो सकता है जिसे लेखक ने विनिमय विपत्र पृष्ठांकित कर दिया हो। वाहक-बिल मे पृष्ठांकन की आवश्यकता नही होती, अतः इसका वाहक ही धारक माना जा सकता है।
विनिमय साध्य लेख-पत्र अधिनियम की धारा 8 के अनुसार," किसी प्रतिज्ञा पत्र, विनिमय पत्र तथा चैक का धारक वह व्यक्ति है जो अपने नाम मे उसे रखने तथा संबंधित पक्षकारों से उसकी राशि प्राप्त करने का अधिकारी हो। जब कभी ऐसा लेख-पत्र नष्ट हो जाता है या खो जाता है तो उसका धारी वही व्यक्ति होता है जो इस प्रकार नष्ट होने अथवा खोने के समय अधिकारी था। अतः धारक होने के लिए यह दो गुण होना जरूरी है--
1. उसे लेख-पत्र को अपने नाम मे रखने का अधिकार होना चाहिए, रोकने का अधिकार होना या न होना महत्वपूर्ण नही है।
2. उसे अपने नाम मे लेख-पत्र की राशि को इसके पक्षों से वसूलने का भी अधिकार होना चाहिए।
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