चैक क्या है? (check kya hai)
check arth paribhasha visheshta;चैक एक शर्तरहित आदेश पत्र है, जो विशेष बैंक पर लिखा जाता है, जिस पर लेखक के हस्ताक्षर होते है जिसमे बैंक को यह आदेश दिया जाता है कि वह माँग पर एक निश्चित धनराशि निश्चित व्यक्ति को अथवा उसके आदेशानुसार किसी अन्य व्यक्ति को अथवा चैक के वाहक को दे दे।
प्रो. हार्ट के अनुसार," चैक लेखक का हस्ताक्षरयुक्त एक लिखित आदेश है, जिसमे चैक का लेखक किसी निर्देशित व्यक्ति को या आदेशित व्यक्ति को या चैक के वाहक को मांगने पर एक निश्चित राशि के भुगतान का आदेश देता है तथा उसमे (चैंक मे) धनराशि के भुगतान के अतिरिक्त अन्य किसी कार्य को करने का आदेश नही होता है।"
चैक विनिमय साध्य विलेख अधिनियम की धारा 6 के अनुसार," चैक एक ऐसा विनियम पत्र है जो किसी निर्दिष्ट बैंक पर लिखा जाता है तथा मांग पर ही देय होता है।
चैक की उपरोक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि चैक एक विनिमय पत्र ही होता है अतः इसमे वे सभी लक्षण या विशेषताएं होना आवश्यक है जो की किसी विनिमय पत्र मे होती है।
चैक की विशेषताएं या लक्षण (check ki visheshta)
चैक की विशेषताएं या आवश्यक लक्षण इस प्रकार है--
1. चैक शर्तरहित आज्ञापत्र है
चैक शर्तरहित आदेश-पत्र होता है, शर्त-पत्र नही! इसका अर्थ यह है कि चैंक मे धनराशि के भुगतान के संबंध मे कोई शर्त नही जाती है। चैक मे यह नही लिखा जा सकता की बिल्टी मिलने पर ही चैक का भुगतान करे।
2. चैक एक लिखित विलेख है
चैक एक विलेख प्रपत्र होता है। चैक हस्तलिखित, टंकण द्वारा लिखित अथवा छपा हुआ हो सकता है।
3. चैक किसी विशेष बैंक पर ही लिखा जाता है
चैक किसी विशेष बैंक पर ही लिखा जाता है, जिस बैक मे ग्राहक का जमा खाता है, चैक उसी बैंक का होना चाहिए क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपनी धनराशि जिस बैक मे जमा करता है उसी बैंक से चैक के माध्यम से निकाल भी सकता है।
4. चैक मे एक निश्चित धनराशि लिखी होती है
चैक मे धनराशि निश्चित व स्पष्ट रूप से लिखी जानी चाहिए। जो धनराशि चैक मे लिखी जाए, वह अंको मे तथा शब्दों मे समान है। चैक मे कोई यह नही लिख सकता है कि वाहक को उसकी आवशयकतानुसार रूपया अदा करें।
5. आदेशित व्यक्ति को देय
चैक का भुगतान लेखक को या वाहक को या आदेशित व्यक्ति को मांगने पर दिया जाता है। भुगतान प्राप्तकर्ता कोई व्यक्ति, फर्म या कंपनी भी हो सकती है। अतः चैक की राशि, चैक मे लिखे व्यक्ति, वाहक या आदेशानुसार किसी अन्य व्यक्ति को मांग पर ही देय होती है।
6. आदाता एक निश्चित व्यक्ति
चैक किसी व्यक्ति अथवा उसके आदेशित व्यक्ति अथवा वाहक को देय होता है। अतः आदाता एक निश्चित व्यक्ति होना चाहिए।
7. चैक पर खातेदार के हस्ताक्षर होना आवश्यक है
चैक पर खातेदार के हस्ताक्षर होना आवश्यक है, बिना हस्ताक्षर के चैक मान्य नही होता। ये हस्ताक्षर ठीक वैसे ही होना चाहिए जैसे कि उसने अपना खाता प्रारंभ करते समय बैंक को नमूने के हस्ताक्षर के रूप मे दिए थे। चैक कोई भी व्यक्ति लिख सकता है परन्तु उस पर हस्ताक्षर सिर्फ खातेदार के ही होना अनिवार्य है।
8. चैक का भुगतान मांगने पर देय है
चैक मांग पर देय होता है। अगर कोई व्यक्ति चैक आहरित करके उसे अपने पास ही रख लेता है और बैंक को प्रस्तुत नही करता तो बैंकर उसके भुगतान के लिए बाध्य नही होता।
9. चैक पर दिनांक अवश्य लिखी जाना चाहिए
चैक लिखते समय उस पर दिनांक अवश्य लिखना चाहिए। बिना दिनांक के चैक का भुगतान बैंक नही करती है। अगली तिथि के चैक का भुगतान भी बैक तत्काल नही करता है। चैक पर लिखी दिनांक आने पर ही उसका भुगतान हो सकता है। चैक को उस पर लिखे दिनांक से 6 महिने के अंदर बैंक मे भुगतान हेतु प्रस्तुत कर देना चाहिए।
10. चैक को स्वीकार करना ऐच्छिक है
कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति चैक को स्वीकार करने के लिए बाध्य नही है। क्योंकि साख-पत्र स्वीकार करना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर है, कि वह उसे स्वीकार करे या न करें।
कोई व्यक्ति अन्य व्यक्तियों को इस बात के लिए बाध्य नही कर सकता है कि वह भुगतान मे चैक को ही स्वीकार करे, चैक को स्वीकार करना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर है चाहे तो वह करले और ना चाहे तो न करे। मुद्रा विधि ग्राह्रा है उसे स्वीकार करना कानून के अनुसार अनिर्वाय है परन्तु चैक विधि ग्राह्रा नही है।
शायद यह आपके लिए काफी उपयोगी जानकारी सिद्ध होगी
चैक
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