विज्ञापन का महत्व (vigyapan ka mahatva)
विज्ञापन का महत्व इस प्रकार है--
1. बाजार का विस्तार
विज्ञापन के माध्यम से वस्तुओं का बाजार विस्तृत होता जा रहा है और उनकी बिक्री में भी वृद्धि होती है ग्राहकों को उपयोगी जानकारी देकर विज्ञापन ग्राहकों को अपनी और आकर्षित करता है यह उत्पन्न मांग का पोषण करता है और नये ग्राहकों को व वस्तुओं को लोकप्रिय बनाते है। विज्ञापन के माध्यम से व्यवसायी न केवल प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकता है बल्कि साथ में नये नये ग्राहक बना सकता है।
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2. बडे पैमाने पर उत्पादन संभव बनाना
विज्ञापन बड़े पैमाने पर वितरण की मुख्य विधी है जल्दी तथा बड़ी मात्रा में विक्रय से बड़े पैमाने पर उत्पादन मुमकिन होता है और ज्यादा स्टांक भी नही रखना पड़ता है। बड़े पैमाने पर वितरण तथा उत्पादन से प्रति इकाई वितरण व उत्पादन लागत में कमी होती है।
3. कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि
विज्ञापन संस्था के कर्मचारियों में वस्तु के प्रति र्गव उत्पन्न करता है और उनका मनोबल बढ़ाता है। अपनी छवि को बनाये रखने के लिए कर्मचारि मन लगा कर व उत्तरदायित्व की भावना से कार्य करते है संस्था की आर्थिक स्थिति में सुधर आने से कर्मचारियों का भी कल्याण हो जाता है।
4. वस्तुओं की जानकारी शीघ्र
समय परिवर्तनशील है हर समय उपभोक्ता नई वस्तु चाहता है नई वस्तुओं की जानकारी विज्ञापन के द्वारा उपभोक्ता तक आसानी व जल्दी से पहुंचाई जा सकती है। विज्ञापन के द्वारा जल्दी जानकारी इतनी असरकारी होती है कि कभी-कभी नई वस्तु दुकान मे आ नही पाती और ग्राहक उनकी मांग शुरू कर देते है।
5. रहन-सहन के स्तर में वृद्धि
विज्ञापन के माध्यम से ग्राहकों को वस्तुओं की जानकरी अच्छे से होती है अच्छी वस्तुओं को उपयोग करने से उपभोक्ताओं के रहन-सहन स्तर में वृद्धि होती है।
6. मनोरंजन के साधन
आज के युग में विज्ञापन का एक नया ढंग प्रचलित है विज्ञापन के माध्यम से लोगो का मनोरंजन भी होता है विशेषकर दूरदर्शन के विज्ञापन मनोरंजन से ओत पोत होते है।
8. तुलनात्मक अध्ययन
ग्राहक घर पर बैठकर विभिन्न वस्तुओ के दामों का तुलनात्मक अध्ययन कर के अपने लिए कम दाम पर अच्छी वस्तुओं का चुनाव कर सकते है।
9. देश का तीव्र आर्थिक विकास
विज्ञापन मांग का सृजन होता है और नयी वस्तुओं के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है। जिसकी वजह से उद्योंगो का विकास होता है। और नये-नये उद्योगो की स्थापना होती है इन सब बातों का परिणाम यह होता है देश का आर्थिक विकास तेज होता है उत्पादों में वृद्धि होती है,शरोजगार बड़ते है, व्यापार को प्रोत्सयाहन मिलता है और वस्तुओं के विक्रय में वृद्धि होती है।
10. सभ्यत्ज्ञ का विकास
विज्ञापन जन सामान्य में वृद्धि कर उनको बहुत प्रकार से शिक्षा प्रदान करता है। जिससे समाज का जीवन स्तर उच्चय होता है और राष्ट्रीय सभ्यता विकसित होती है।
विज्ञापन के उद्देश्य (vigyapan ke uddeshya)
विज्ञापन के उद्धेश्य इस प्रकार है--
1. विक्रयकर्ता की सहायता करना
विज्ञापन के माध्यम से ग्राहकों को वस्तुओं के लक्षणों, गुणों, प्राप्ति, स्त्रोतों आदि के संबन्ध में आवश्यक जानकारी दी जाती है इससें विक्रेताओं का काम सरल हो जाता है उन्हे कम प्रयत्न करना पड़ता है।
2. व्यापारिक संबन्धों को सुधारना
विज्ञापन पुराने व्यापारियों को आश्वस्त करता है तथा नये व्यापारियों को उत्पादक की वस्तु बेचने के लिए प्ररित करता है।
3. नयी वस्तुओं का बाजार में प्रवेश कराना
किसी भी नई वस्तु को बाजार में लाने से पहले ग्राहकों को उसके बारे में पर्याप्त जानकारी देनी पड़ती है। और उन वस्तुओं की मांग उत्पन्न करनी पड़ती है विज्ञापन वस्तु की पुरी जानकारी देकर इसकी मांग को उत्पन्न करता है विज्ञापन वस्तु के नाम, पैकिंग, कीमत आदि में परिवर्तन की ग्राहकों को जानकारी दी जाती है।
4. मध्यस्थों को वस्तु बेचने के लिए विवश करना
विज्ञापन का चौथा उद्धेशय मध्यस्थ विक्रेताओं को इस बात के लिए विवश करना है कि वे उस निर्माता की वस्तुओं कों अपनें यहां विक्रय के लिए रखें जिनका विज्ञापन किया जा रहा है। यह तभी मुमकिन है जब ग्राहक विज्ञापनों से प्रभावित हो कर वस्तु को खरीदने के लिए मध्यस्थ विक्रेताओं से पूछताछ करें।
5. ब्राण्ड वरीयता बनाना
विज्ञापन इस उद्धेश्य से भी करवाया जा सकता है कि ब्राड के प्रति वरीयाता बन जाय जिससे की उपभोक्ता उसी ब्राड को खरीदे और प्रतियोगियों के लिए कठिन कर दें कि वह अपनी वस्तुओं को बेच सकें।
6. उपभोक्ताओं को याद दिलाना
विज्ञापन के द्वारा ग्राहकों को वस्तुओं को खरीदनें के लिए याद दिलाया जा सकता है यह याद दिलाने के लिए बार-बार विज्ञापन किया जा सकता है।
7. प्रतियोगी विज्ञापनों को प्रभावहीन करना
विज्ञापनों का उद्धेश्य प्रतियोगी कम्पनी के द्वारा किये जा रहे विज्ञापनों के प्रभावों को शुन्य करना भी हो सकता है।
8. उपभोक्ता को शिक्षित करना
विज्ञापन का उद्धेश्य ग्राहकों को शिक्षित करना भी है। उपभोक्ता को विज्ञापन के द्वारा विज्ञापित वस्तु की उपलब्धता पहचान तथा उसके प्रयोग के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की जाती है।
9. विक्रयकर्ता की पहुंच से बाहर के लोगों से सर्म्पक करना
विज्ञापन एक सार्वजनिक प्रसारण है इसकी सुचनाए दूर-दूर तक अधिक व्यापक क्षेत्र में प्रसारित होती है इस लिए विज्ञापन के द्वारा उन लोगो तक पहुंचा जा सकता है जिनके पास विक्रेता नही पहुंच पाते है।
10. संशय एवं भ्रमक विचारों को दूर करना
विज्ञापन का एक उद्धेश्य विज्ञापक वस्तुओ के बिक्री के मार्ग में उत्पन्न होने वाले गलत एवं भ्रमक विचारों को दूर करना है। यह विज्ञापित वस्तु को लोकप्रयिता बनाने में अति आवश्यक है। उदाहरण के लिए, सरकार के द्वारा केई वनस्पति तेलों के मिलें में छापा मारकर यह पता लगाया गया था कि वनस्पति में चर्बी का उपयोग होता है।
शायद यह आपके लिए काफी उपयोगी जानकारी सिद्ध होगी
Thank you so much
जवाब देंहटाएंGhh
जवाब देंहटाएंBigyapan ki mahtwa
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