अंकेक्षण के उद्देश्य (ankekshan ke uddeshya)
अंकेक्षण के तीन उद्धेश्य है जो इस प्रकार है--
1. मुख्य उद्धेश्य
(अ) लेखा पुस्तकों की जांच
अंकेक्षण के कार्य का मुख्य रूप संस्था के द्वारा तैयार कर लेखा पुस्तको की शुद्धता सम्बन्धित जांच विधिव करना है। ताकी हिसाब-किताब में कोई गलतियां न रह पाए और साथ में अंकेक्षण प्रमाणकों के औचित्य, वैधता सत्यता एवं विश्वसनीयता की जांच करे।
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(ब) वार्षिक विवरणों का सत्यापन
वार्षिक विवरणों से आशय उपक्रम के लाभ-हानि खाते एवं चिट्टठें से है वार्षिक विवरणों के सम्बन्ध में अंकेक्ष्ण यह पता लगाता है लाभ-हानि खाते के द्वारा कि वास्तविक है या नही? इसके साथ ही साथ आर्थिक चिट्ठा व्यवहार की आर्थिक स्थिति का सही चित्र प्रस्तुत कर रहा है। या नही? इस तरह अंकेक्षण को यह स्पष्ट करना होता है कि उपकरणों के वित्तीय विवरण उपक्रम की सही स्थिति को प्रदर्शित कर रहे है या नही कर रहे है?
2. सहायक उद्धेश्य
(अ) त्रुटियों को खोजना
लेखा और पुस्तको की सच्चाई जानने के लिए लेखा पुस्तकों में हुई त्रुटियों का पता लगाना जरूरी है। लेखा पुस्तको में त्रुटियों का पता लगाना अंकेक्षण का मुख्य उद्धेश्य नही है। लेकिन उचित सतर्कता रखना अंकेक्षण का मुख्य कार्य है। अंकेक्षण को बहुत प्रकार की त्रुटियों की जांच कुशलतापूर्वक करनी चाहिये।
(ब) सैद्धांतिक त्रुटियाँ
यादि किसी प्रविष्टि को करते समय पुस्तपालन तथा लेखाकर्म के सामान्य सिद्धांतों की ठीक तरह न अपनाया गया हो तब इस प्रकार की त्रुटियां हो जाती है। इस तरह की त्रुटियां कभी-कभी जान-बुझकर भी की जाती है। ऐसी त्रुटियों के कुछ उदाहरण इस प्रकार है--
1. आय और पूँजी में ठीक अन्तर न करना।
2. एक आय व्यय को भुल से किसी अन्य आय-व्यय में डाल देना।
3. व्यय तथा आय की राशि नीजि खातों में लिखना।
4. सम्मपत्तियों का मूल्याकंन सिद्धातों के अनुसार न करना।
(स) छलकपटों का पता लगाना
छलकपट से अर्थ बहीखातों में जानबुझकर योजनाद के साथ व्यवसाय को हानि पंहुचाने के उद्धेश्य से झूठे आंकडे लिखना गलत प्रविष्टि करना तथा त्रुटियां करना। जिससें व्यवसाय के लाभ-हानि खाते और स्थिति वितरण से व्यापार की स्थिति का सही तथा उचित चित्र प्रस्तुत न हो सके। ज्यादा तर मामलों में छलकपट अधिक चतुराई से किया जाता है इस लिए इसका पता लगा पाना सरल नही होता है छलकपट का पता लगाने हेतु निम्न कार्य सावधानीपूर्वक करने होंगे--
1. कभी-कभी रोकड का शेष तलपट में लिखने से रह जाता है साथ ही देख लेना चाहिए कि रोकड शेष लिख दिया गया है।
2. समस्त सहायक बहियों विधियों की जांच करके यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सहायक बहियों के जोड़ सही लगायें गए है और सामान्य खाताबही के खातों में उनकी खतौनी कर दी गई है।
3. यह संभव है कि तलपट के न मिलने का कारण तलपट के जोड की कोई त्रुटियां हो अत: सावधानीपूर्वक तलपटकी मदों की रकमों को जांचना चाहिए और पुन: जोड लगाना चाहिए।
3. सामाजिक व अन्य उद्धेश्य
(अ) प्रबन्धकों को परामर्श देना
अंकेक्षण खातों की जांच के बारें में विशेषज्ञ होने से वित्तीय मामलों में संस्था के प्रबन्धकों को जरूरी तथा सही सलह देता है।
(ब) खातों एवं लेखों का विश्वसनीय बनाना
अंकेक्षण का प्रयोग किये जाने से किसी भी कम्पनी या व्यवसाय की साख बनती है इस प्रकार इसमें खातों की विश्वसनीयता बड़ती है।
(स) श्रम सम्बन्धों को मधुर बनाना
अंकेक्षण के द्वारा लेखा पुस्तकों की त्रुटियां स्पष्ट होती है साथ ही सारे तत्थ उजागर हो जाने से श्रमिकों एवं मालिकों के बीच विश्वास की भावना उत्पन्न होती है।
(द) कर्मचारियों पर नैतिक प्रभाव
जब कर्मचारियों को यह पता होता है कि बर्ष के आखरी में हिसाब का अंकेक्षण होगा जब यह ईमानदारी, कर्तव्यपरायणता तथा उचित कार्य करते है इस तरह अंकेक्षण का नैतिक प्रभाव पड़ता है।
अंकेक्षण के लाभ (ankekshan ke labha)
अंकेक्षण के लाभ इस प्रकार है--
1. एकाकी व्यापार को अंकेक्षण से लाभ
एकाकी व्यापार को अंकेक्षण से निम्न लाभ है--
(अ) मृत्यु-कर के मुल्याकंन में सहायक
एकाकी व्यवसायी के मृत्यु के बाद विशेष परिस्थितियों में मृत्यु कर लगता है इसके निर्धारण में अंकेक्षण बहुत सहायक सिद्ध होंगे। अंकेक्षण खातों के आधार पर आसानी से नये साझेदार को लिया जा सकता है।
(ब) न्यायालय में प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करना
व्यापारिक लेन-देन संबधित किसी न्यायालय जाना पड़े तो इस स्थिति में अंकेक्षण खातें प्रमाण के रूप में प्रस्तुत कर सकते है।
(स) साख में वृद्धि
यद्यपि एकाकी व्यापार के लिए अंकेक्षण का होना आवश्यक नही है पर अंकेक्षण कराने से संस्था के साख में वृद्धि होती है।
(द) वार्षिक खातों का तुलनात्मक अध्ययन करने में सुविधा
अंकेक्षित खातों के द्वारा एक वर्ष की तुलना दूसरे वर्ष से करने पर एकाकी व्यापार को लाभ प्राप्त होता है। कि किस पद पर खर्च पिछले वर्ष की तुलना चालू वर्ष में अधिक है।
2. साझेदारी संस्था को अंकेक्षण से लाभ
साझेदारी संस्था को अंकेक्षण से निम्न लाभ है--
(अ) विघटन पर बाटवारें में सुविधा
साझेदार की मृत्यु के बाद उसके प्रतिनिधि को मिलने वाले हिस्से का निर्धारण करने के लिए अंकेक्षित खातों में सहायक सिद्ध होते है। क्योकि अंकेक्षित खातों में ही उत्तराधिकारियों के माध्यम से ही विश्वास किया जाता है।
(ब) लाभ विभाजन में सहायक
साझेदारी में लाभ के बांटवारें में साधारण मतभेद उत्पन्न हो जाते है यदि लेखों का नियमित अंकेक्षण होता है तो लाभ प्राप्ति वाले सवाल पर होने वाले झगडे कम होते है।
(स) नए साझेदरों के आगमन पर
साझेदारी संस्था में नयें साझेदारों को अन्दर आने के लिए पूँजी और ख्याति की राशि देनी पड़ती है। अंकेक्षण खातों के द्वारा पूँजी और ख्याति की रकम का निर्धारण सरलता से किया जा सकता है।
(द) साझेदारों के अवकाश ग्रहाण पर सुविधा
अवकाश ग्रहण करने वाले साझेदारों को कम्पनी की ख्याति पूँजी लाभों में हिस्सा मिलता है। यदि खातें अंकेक्षित है तो इसमें साझेदार को मिलने वाला हिस्सा होगा।
3. कम्पनी को अंकेक्षण से लाभ
कंपनी को अंकेक्षण से निम्न लाभ है--
(अ) कंपनी के लिए अंकेक्षण की अनिवार्यता होना
कम्पनी के लिए अंकेक्षण महत्वपूर्ण है इसी की मदद से सरकार द्वारा कम्पनी के खातों का अंकेक्षण करना अनिवार्य कर दिया है।
(ब) लाभांस की उचित दर
अंकेक्षण को अपनी रिपोर्ट में यह सब व्यक्त करना होता है कि कम्पनी ने लाभांस को ठीक दर से वितरित किया है।
(स) पूँजी एकत्रित करने में सुविधा
कम्पनीयां पूँजी की जरूरत के समय अंकेक्षित खातों के साथ प्रविवरण का निर्गमन करती है जिसको देख विनियोजक कम्पनी में विनियोग करते है।
4. अन्य व्यक्तियो को लाभ
(अ) मुकदमा
किसी भी मुकदमें के सम्बन्ध में न्यायालय इन अंकेक्षित खातों पर विश्वास करके अपना निर्णय दे सकता है।
(ब) बैंक
ऋण देने के लिए प्रमाणित खातों से की सहायता से बैंक ऋण देने के निर्णय ले सकता है।
(स) क्रय मूल्य
संस्था के क्रय किये जाने वाली स्थिति में अंकेक्षित खातें बहुत सहायता करते है साथ ही क्रय मूल्य निकालने में कोई कठिनाई नही आती है।
(द) बीमा कम्पनी
अंकेक्षित खातों के द्वारा बीमा कम्पनीयो को यह विश्वास हो जाता है कि संस्था के द्वारा किया गया दावा सही है।
(ई) सरकारी अधिकारी
सम्पत्ति कर, आयकर तथा बिक्रीकर लगाते समय अधिकारीगण प्रमाणित खातों को प्रयोग में लाते है।
(फ) राष्ट्र को लाभ
अंकेक्षण के द्वारा राष्ट्र को भी लाभ प्राप्त होता है अंकेक्षण रिपोर्ट में ऐसी संस्थाओं की क्रियायें भी ज्ञात की जाती है जो राष्ट्रीय साधनों का दुरूउपयोग कर रहे है एवं राष्ट्र के जन कल्याण की नीतियों के विपरीत कार्य कर रहे है अंकेक्षण रिपोर्ट से सफल, असफल अुरे तथा बेईमानी से कार्य करने वाले व्यापारियों का पता चलता है देश के हित के लिए उन कम्पनीयों को बन्द किया जा सकता है। जिनकी स्थिति ठीक नही है।
शायद यह जानकारी आपके लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी
Ankechan se aap kya smjte hai eske mahatav batao?
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