12/22/2020

व्यष्टि और समष्टि अर्थशास्त्र मे अंतर

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व्यष्टि और समष्टि अर्थशास्त्र में अंतर

अर्थशास्त्र की विषय सामग्री को दो भागों मे विभाजित किया गया है-

1. व्यष्टि अर्थशास्त्र एवं 2. समष्टि अर्थशास्त्र।

इन शब्दों का सर्वप्रथम निर्माण तथा प्रयोग रगनार फ्रिश ने किया था एवं अब विश्व भर के अर्थशास्त्री इनका प्रयोग कर रहे है।

व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र आर्थिक विश्लेषण की दो मुख्य शाखाएं है। सूक्ष्म अर्थशास्त्र आर्थिक विश्लेषण की वह शाखा है जो वैयक्तिक इकाइयों से संबंध रखती है। यह वैयक्तिक इकाई फर्मों, उद्योग, बाजार, आय, विशिष्ट वस्तु की कीमत आदि कुछ भी हो सकती है। इसके विपरीत, व्यापाक अर्थशास्त्र आर्थिक विश्लेषण की वह शाखा है जिसमे संपूर्ण अर्थव्यवस्था से संबंध रखने वाली इकाइयों का अध्ययन किया जाता है। समष्टि अर्थशास्त्र मे कुल आय, कुल रोजगार, कुल विनियोग, कुल उपभोग, कीमत स्तर, नियोजन आदि का अध्ययन किया जाता है।

समष्टि अर्थशास्त्र एवं व्यष्टि अर्थशास्त्र मे अंतर इस प्रकार हैं--

1. व्यष्टि अर्थशास्त्र मे वैयक्तिक इकाइयों, जैसे, वैयक्तिक परिवार, फर्म, उद्योग आदि का अध्ययन किया जाता है। जबकि समष्टि अर्थशास्त्र मे संपूर्ण अर्थव्यवस्था का अध्ययन किया जाता है।

2. व्यष्टि अर्थशास्त्र को व्यष्टि विश्लेषण या मूल्य सिद्धांत के नाम से जाना जाता है। जबकि समष्टि अर्थशास्त्र को विश्लेषण को समष्टि विश्लेषण को आय व रोजगार सिद्धांत के नाम से जाना है।

3. व्यष्टि अर्थशास्त्र वैयक्तिक उपभोक्ता, फर्म, उधोग आदि को अनुकूलन स्थिति प्राप्त कराने मे सहायक होती है। समष्टि अर्थशास्त्र सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को अनुकूलन स्थिति प्रदान करने मे सहायक होती है।

4. व्यष्टि अर्थशास्त्र वैयक्तिक फर्मो, उद्योगों व उत्पादन इकाईयों मे उच्चावचन की व्याख्या करती है। समष्टि अर्थशास्त्र सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था मे उच्चावचन की व्याख्या करती है।

5. व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र के स्वभाव मे भी अंतर है। व्यष्टि अर्थशास्त्र का व्यष्टि विश्लेषण, समष्टि विश्लेषण की तुलना मे सरल होता है। जबकि समष्टि अर्थशास्त्र का समष्टि विश्लेषण, व्यष्टि विश्लेषण की तुलना मे कठिन होता है।

6. व्यष्टि अर्थशास्त्र वैयक्तिक समस्याओं का समाधान व नीति प्रस्तुत करती है। राष्ट्रीय अथवा अंतराष्ट्रीय स्तर पर नीति निर्धारण मे इसका महत्व नही होता है। जबकि समष्टि अर्थशास्त्र का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीति निर्धारण मे महत्व होता है।

7. वर्तमान मे व्यष्टि अर्थशास्त्र अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विश्वव्यापी आर्थिक समस्याओं का समाधान नही करता। जबकि वर्तमान युग मे समष्टि अर्थशास्त्र अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विश्वव्यापी समस्याओं का विश्लेषण एवं उनका समाधान करने मे मददगार होता है। 

8. सूक्ष्म अर्थशास्त्र कीमत विश्लेषण से संबंधित है। जबकि व्यापाक अर्थशास्त्र आय विश्लेषण से संबंधित है।

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