विजयनगर साम्राज्य के पतन के कारण
vijaynagar samrajya ke patan ke karan;विजयनगर वीर राजाओं के कारण उन्नति, प्रतिष्ठा और विजयों में सर्वश्रेष्ठ रहा, परन्तु राजा कृष्ण देवराय के बाद इस साम्राज्य में अनेक दोष आने लगे, जिनसे इसका पतन हुआ। विजयनगर साम्राज्य के पतन के कारण इस प्रकार है--
1. अयोग्य शासक
कृष्ण देवराय के बाद के राजा उतने योग्य नहीं थे अतः वे आक्रमणों का सामना नहीं कर सके।
2. युद्ध नीति और संचालन में गिरावट
कृष्ण देवराय के बाद सैनिक शक्ति, संगठन और कुशलता नहीं रही अतः विजयनगर पराजित हो गया।
4. विजयनगर का वैभव
विजयनगर के वैभव से धर्मान्ध बहमनी राज्य जलता था तथा उसे लुटने के लियें हमेशा आक्रमण करता रहा।
5. वंश परिवर्तन
साम्राज्य में जल्दी-जल्दी वंश परिवर्तन हुये। जिससे प्रशासन की नीतियों और कार्यो में भी परिवर्तन हुये, जो स्थायित्व के लिये हानिकारक थे।
6. निरंकुश शासक
विजयनगर साम्राज्य के अधिकांश शासक निरंकुश होने के कारण जनता मे लोकप्रिय नही बन पाऐ।
7. गोलकुंडा तथा बीजापुुर के विरूद्ध सैनिक अभियान
इस अभियान से दक्षिण की मुस्लिम रियासतों ने एक संघ बना लिया। इस कारण से विजयनगर साम्राज्य की सैनिक शक्ति कमजोर हो गयी थी।
8. पड़ोसी राज्यों से शत्रुता
पड़ोसी राज्यों से शत्रुता होने के कारण विजयनगर साम्राज्य का हमेशा अपने पड़ोसी राज्यों से संघर्ष होता रहता था। इससे विजयनगर साम्राज्य की स्थिति शक्ति हीन होने लगी थी।
9. मुस्लिम संघ से युद्ध
बहमनी राज्य जब विजयनगर को पराजित नहीं कर सका तो अन्य मुस्लिम राजाओं के साथ संघ बनाकर आक्रमण किया और सन् 1546 में तालीकोट के युद्ध में विजयनगर साम्राज्य को नष्ट कर दिया।
निष्कर्ष
विजयनगर राज्य की स्थापना और साम्राज्य के निर्माण में हरिहर और बुक्का एंव राजा कृष्ण देवराय की वीरता, कुशलता आदि की भूमिका थी। हिन्दूओं के लियें यह गर्व प्रतिशोध, पुननिर्माण, आत्मविश्वास और आत्मशक्ति के विकास के लियें अत्यन्त महत्वपूर्ण था। यद्यपि इसका पतन हो गया परन्तु इसकी मूल भावना जीवित रही, जिसके कारण शिवाजी ने मुगल साम्राज्य को चुनोती दी और हिन्दू समाज कभी निराश नहीं हुआ। उसने संघर्ष जारी रखा।
यह भी पढ़े; विजयनगर साम्राज्य की स्थापत्य तथा मूर्तिकला
Sufe sant kon the
जवाब देंहटाएंVijaynagar ka udyan
जवाब देंहटाएं