क्षतिपूर्ति अनुबंध क्या है? (kshatipurti ka arth)
हानिरक्षा अनुबंध अथवा क्षतिपूर्ति अनुबंध की धारा 124 के अनुसार," उस अनुबंध को जिसके द्वारा एक पक्षकार दूसरे पक्षकार को स्वयं वचनदाता के या किसी तीसरे पक्षकार के कारण होने वाली हानियों से बचाने का वचन देता है "हानिरक्षा का अनुबंध" कहलाता है।"
उदाहरणार्थ, मुकेश, राकेश के साथ अनुबंध करता है कि विपिन द्वारा राकेश के विरूद्ध 500 रूपये की एक राशि के विषय मे किसी भी कार्यवाही के फलस्वरूप होने वाली हानि की पूर्ति करेगा। यह एक हानिरक्षा का अनुबंध है। मुकेश "हानिरक्षक" और राकेश "हानि रक्षाधारी" कहलायेगा।
क्षतिपूर्ति अथवा हानिरक्षा अनुबंध के लक्षण
1. इसमे हानिरक्षा तथा हानिरक्षाधारी दो पक्षकार होते है।
2. प्रस्ताव तथा स्वीकृति।
3. इसमे एक पक्षकार दूसरे पक्षकार को ऐसी हानियों से जो स्वयं के द्वारा या किसी अन्य पक्षकार द्वारा होती है, बचाने का एवं क्षतिपूर्ति करने का वचन देता है।
4. जो व्यक्ति हानि रक्षा का वचन देता है, वह हानिरक्षक और जिसको वचन दिया जाता है हानिरक्षाधारी कहलाता है।
5. ऐसे अनुबंध मे हानिरक्षक का दायित्व तब उत्पन्न होता है जबकि हानिरक्षाधारी को वास्तव मे कोई हानि हुई हो।
6. वैध अनुबंध के सभी लक्षण होना चाहिए।
7. अनुबंध सद्भावना तथा सद्विश्वास पर आधारित होना चाहिए।
8. अनुबंध स्पष्ट अथवा गर्भित हो सकता है।
9. वास्तविक क्षतिपूर्ति का अधिकार।
10. क्षति स्वयं वचनदाता अथवा अन्य किसी व्यक्ति के आचरण से होना चाहिए।
11. हानि हानिरक्षाधारी के आचरण से नही होना चाहिए।
12. सद् विश्वास का अनुबंध।
13. विशिष्ट प्रकार का अनुबंध।
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शायद यह आपके लिए काफी उपयोगी जानकारी सिद्ध होगी
अनुबंधों कि समाप्ति के विभिन्न प्रकार बताइए
जवाब देंहटाएंKshatipurti aur guarantee ke samagri ka varnan bhi bataiye
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