2/22/2024

जातिवाद को रोकने के उपाय या सुझाव

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जातिवाद को रोकने के उपाय 

jaatiwad ko rokne ke upay;जातिवाद का आधार जाति है। जब तक जाति रहेगी लोगो मे जाति की पहचान रहेगी और कमोवेश जातिवाद भी रहेगा। जाति के निवारण के लिए ढाई हजार साल पूर्व बुद्ध के समय से प्रयास चला आ रहा है, किन्तु जाति का खात्मा नही हो सका। वैसे जाति कोई ईश्वरीय व्यवस्था नही है। मानव समाज के इतिहास मे यह किन्ही विशिष्ट राजनैतिक व सामाजिक प्रक्रियाओं की देन है जिसमे भौतिक व सामाजिक दशाओ मे परिवर्तन के साथ परिवर्तन होता रहा है। जातिवाद को रोकने के उपाय इस प्रकार है--

1. जाति से जातिवाद का जन्म हुआ है, अतएव जातिवाद को समाप्त करने के लिए जाति शब्द का प्रयोग नही करना चाहिए। जिस प्रकार संविधान के अनुच्छेद 18 के माध्यम से सेना विद्या सम्बन्धी सम्मान के अतिरिक्त अन्य उपाधियों को समाप्त कर दिया गया है उसी प्रकार कानून के माध्यम से जाति सूचक शब्द को नाम के साथ जोड़ना निषिद्ध किया जाना चाहिए।

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2. स्कूल, काॅलेज, धर्मशाला, छात्रावास आदि के नामकरण मे जाति सूचक शब्दों के प्रयोग को कानूनी तौर पर निषिद्ध किया जाना चाहिए।

3. जातीय संगठन, परिचय सम्मेलन पर कानूनी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

4. जातीय आधार पर विवाह सम्बन्धी विज्ञापनों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। 

5. अंतर्जातीय विवाहों को प्रोत्साहन देकर भी जातिवाद को रोका जा सकता है। जब एक जाति के लोग दूसरी जाति मे विवाह संबंधों की स्थापना करेंगे तो जातिवाद की समाप्ति स्वतः ही हो जायेगी।

6. जातिवाद को रोकाने के लिए शिक्षा का स्तर इतना ऊंचा उठ जाना चाहिए कि लोग जातीय संकीर्णता से दूर रहें।

7. संचार माध्यमों के द्वारा जाति विरोधी जनमत तैयार किया जाना चाहिए।

8. ग्रामीण समाज मे जात-पाँत का अधिक कठोरता से पालन होता है। विभिन्न जातियों मे खान-पान, मेल-मिलाप, आना-जाना एवं मैत्री सम्बन्ध शहरो मे बहुत पहले से चलन मे है लेकिन गाँवों मे जातिगत दूरी और भेदभाव अभी बदस्तूर कायम है। ऐसे मे जाति व्यवस्था को कमजोर करने तथा जातिवाद को प्रभावहीन बनाने की दृष्टि से नगरीयकरण का तीव्र गति से विकास किया जाना चाहिए।

9. जाति का एक महत्वपूर्ण आधार उसका परम्परागत व्यवसाय है। जजमानी व्यवस्था के माध्यम से व्यावसायिक समूहों के बीच सम्बन्धों को स्थायी व मजबूत बनाया गया है। ऐसे मे जाति एवं जातिवाद को कमजोर करने के लिये इन दोनो आधारो को कमजोर किये जाने की जरूरत है। इसके लिए समाज मे विशेष रूप से ग्रामीण समाज मे व्यावसायिक एवं आर्थिक गतिशीता को बढ़ाने के प्रयत्नों को तेज किया जाना चाहिए।

10. जातीय संगठन व जातीय चेतना को कमजोर करने के लिए समाज मे वर्गीय संगठन (अर्थात् वर्गाधारित संगठन) व वर्गीय चेतना के विकास के लिए प्रयास किया जाना चाहिए।

11. अंतर्जातीय सम्मेलनों के माध्यम से जातिवाद का बहिष्कार करना चाहिए।

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