प्रश्न; जालपा के चरित्र की विशेषताएं बताइए।
अथवा", 'गबन' उपन्यास की नायिका की चरित्रगत विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
अथवा", 'गबन की सम्पूर्ण कथा जालपा के चारों ओर घूमती हैं।' स्पष्ट कीजिए।
उत्तर--
जालपा के चरित्र-चित्रण की विशेषताएं
jalpa ke charitra ki visheshta;जालपा प्रेमचंद जी के उपन्यास की नायिका है। घटनाओं का विकास भी उसी के चरित्र के माध्यम से होता है। उसका बचपन और प्रयाग का जीवन कमजोरियों से भरा हुआ है, लेकिन उपन्यास के उत्तरार्द्ध मे उसमें प्रेम, त्याग, साहस, बुद्धि और कौशल आदि गुणों का प्रादुर्भाव हो जाता है। उसका जीवन दुर्गुणों से सद्गुणों की ओर अग्रसर होता है। जालपा के चरित्र में निम्नलिखित विशेषताएं देखी जा सकती हैं--
1. अद्वितीय सुन्दरी
जालपा अपने रूप-माधुरी, शील, विनय और मधुर कण्ठ के कारण मोहल्ले की नेत्री बनती है। उसमे कुलीन स्त्रियों का रूप है। उसका रूप स्वाभाविक था।
2. विलासप्रिय
जालपा एक रिश्वतखोर बाप की बेटी है। उसने अपने जीवन मे कोई कार्य नही सीखा। वह अपने पिता के सुख-समृद्धिमय परिवार से विलासिता विरासत मे लेकर आई है। वह ग्रामीण युवती शहर की चकाचौंध से अभिभूत न होकर उसके रंग में रंग जाती है। अपने पति पर जादू करके विलास की अधिकतर वस्तुएँ मंगाती है।
3. आभूषणप्रिय
जालपा आभूषणों से अत्यधिक प्रेम करती थी। इसका एक मनोवैज्ञानिक कारण यह है कि आरंभ से ही वह जिस वातावरण में पली उसमे गहनों की इतनी अधिक चर्चा हुआ करती थी कि वह गहनों के विषय में बहुत अधिक सोचने लगती है। यद्यपि गहनों से अधिक प्रेम होना बुरा है फिर भी इसका अच्छा परिणाम यह हुआ कि जालपा की इस दशा को देखकर रमानाथ नौकरी करने का निश्चय करता है।
4. गरीबों से सहानुभूति
जब रमानाथ ऊपर की आमदनी की बात करता है, जालपा उसे केवल यही कहती है," गरीबों का काम यों ही कर देना।' इससे प्रकट होता है कि उसके मन में गरीबों के लिये दया का भाव है।
5. स्वाभिमान की भावना
जालपा के चरित्र मे स्वाभिमान का गुण भी विद्यमान है। स्वाभिमान यहाँ तक है कि वह अपनी उपेक्षा सहन नही कर सकती। विवाह में चन्द्रहार न मिलने पर वह निश्चय करती है कि अब कोई आभूषण स्वीकार न करेगी।
6. दृढ़ निश्चयी और निर्भीक
रमानाथ जितना दब्बू एवं संकल्पहीन विचार का व्यक्ति है उसकी पत्नि इतनी ही निर्भीक एवं दृढ़ निश्चय की स्त्री है। वह सास के मना करने पर आभूषण उतार देती है तथा रतन के मना करने पर भी अपना पूरा प्रसाधन का सामान गंगा में डाल देती है। उसके दृढ़ निश्चय ने ही क्रान्तिकारियों की पुलिस के चंगुल की रक्षा की।
7. विवेकशील
जालपा विवेकशील स्त्री है। जब उसे ज्ञात होता है कि गबन के पैसे से उसके पति की दुर्दशा हो सकती है तो वह अपने प्राणों से भी प्यारा चन्द्रहार बेचकर चुकाती है और बाद में शतरंज के नक्शे से अपने पति का पता लगाती हैं।
8. पति के प्रति अटूट प्रेम
जालपा के मन में अपने पति के लिये अटूट प्रेम है। वह स्वप्न में भी वही पति चाहती है। उसे दुःखी देख उसके दुःख को बांटने का प्रयास करती है। वह दुःख और सुख में अपने पति का साथ देती है, पर उसका पति उससे हर बात छिपाता है। वह अपने पति के चरित्र पर कभी भी शक नहीं करती।
इस प्रकार जालपा में एक नारी के सभी स्वाभाविक गुणों का समावेश है। जालपा उन आदर्श भारतीय नारियों में से एक है जिनके प्रभाव से अनेक व्यक्तियों का उद्धार होता हैं।
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