पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपाय/सुझाव
paryavaran pradushan ko rokne ke upay;पर्यावरण को निर्मल और शुद्ध रखना आज समय की मांग है, जिसे इसपर देश को ध्यान देना चाहिए। आज का मशीनी इंसान अपनी नासमझ या स्वार्थ के कारण पर्यावरण संसाधनों को नष्ट करता जा रहा है। पिछले लगभग 30 वर्षों में वैज्ञानिकों ने यह समझने और समझाने की बहुत कोशिश की है कि समय और स्थान विशेष की सीमाओं में हमारे संसाधन सीमित नहीं है। अति उपयोगी सभ्यता, औद्योगिक उत्पादन, प्राकृतिक संसाधनों और ऊर्जा स्रोतों भंडारों पर आधारित है जो दोनों निश्चय ही तेजी से खत्म होते जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में संस्थानों द्वारा ही निर्मित जीवपोशी तंत्र संकीर्ण, दूषित अथवा विषाक्त होता जा रहा है। आज विज्ञान ने हमें विकल्पों के चौराहे पर खड़ा कर दिया है। एक तो विवेक मितव्ययी और नैतिकता का लंबा रास्ता है। दूसरा भोग-विलास का जिस पर पर्यावरण तथा मानव जाति का शीघ्र ही सर्वनाश निश्चित है। इससे बचने का एक ही तरीका है कि मानव अपने नैतिक कर्तव्य को समझकर प्रकृति को समुचित सुरक्षा प्रदान करें और साथ ही उसके सीमित संसाधनों को नष्ट होने से बचाएं। इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि प्रगति को भली-भांति समझे और अपने भौतिक विकास के लिए प्रकृति से तालमेल बिठाए।
पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपाय अथवा सुझाव निम्न प्रकार है--
1. भूमि, जल, वन, वायु इत्यादि के अनियंत्रित दोहन पर रोक लगनी चाहिए ताकि पर्यावरण बच सके।
2. सरकार की आय का बहुत बड़ा भाग जंगल है। सरकार वनों को काटने हेतु ठेके देती है। ठेकेदार जंगलों को बेरहमी से काटते है। वनों के कटने से भूमि का क्षरण, अवर्षा की स्थिति उत्पन्न होती है। अतः जंगलों की कटाई पर रोक लगाना चाहिए।
3. तकनीक विकास के साथ-साथ उद्योगों की भी संख्या मे तीव्र वृद्धि हुई है ये उद्योग उत्पादन पर तो पर्याप्त ध्यान देते है, पर उद्योगों द्वारा फैलाए जाने वाले प्रदूषण की उपेक्षा करते है अतः योजनाओं के माध्यम से प्रदूषण को रोकना चाहिए।
4. वातावरण को प्रदूषित करने वाले प्रदूषकों पर तभी नियंत्रण हो सकता है जब सरकार जनसंख्या नीति के माध्यम से जनसंख्या पर रोक लगाए।
5. गंदी बस्तियों पर रोक लगाना चाहिए तथा उचित आवास की व्यवस्था होनी चाहिए।
6. परिवहनों द्वारा फैलाए जाने वाले धुंए से उत्पन्न वायु-प्रदूषण पर रोक लगाना।
7. वृक्षारोपण के लिए लोंगो मे जागरूकता उत्पन्न करना।
8. पर्यावरण प्रदूषण रोकने हेतु कई योजनाएं सरकार द्वारा चलाई जानी चाहिए।
9. प्रदूषण को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर नये वन लगाने, भू-संरक्षण के उपाय करने और चक्रवात आदि से कम क्षति हेतु समुद्र के तटवर्ती क्षेत्रों मे 'रक्षा कवच' लगाये जाने चाहिए। वनों के विकास, संरक्षण एवं संवर्धन को प्रमुखता देकर पर्यावरण प्रदूषण को सकारात्मक नियंत्रण मे रखा जा सकता है।
10. फैक्ट्रियों से निकरने वाले धुएँ को रोकने के लिए चिमनियों में ऐसे यंत्र लगाए जाने चाहिए जिससे घातक गैंसे तथा धुएँ को वही कार्बन के रूप मे रोक लिया जाए।
11. बेकार कहे जाने वाले खतरनाक रसायनों को नदियों मे डालने के बजाय अन्यत्र ऐसे तरीके से नष्ट किया जाए जिससे नदियों का पानी प्रदूषित न होने पाये।
12. वाहनों से निकरने वाली गैसों पर नियंत्रण रखने के लिए उनमें फिल्टर का उपयोग अनिवार्य कर दिया जाये।
13. आण्विक विस्फोटों पर भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अंकुश लगा दिया जाना चाहिए।
14. सौर ऊर्जा जनसाधारण के लिए सुलभ करायी जाये जिससे प्रदूषण कम किया जा सके।
15. मानव व पशु संख्या पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जाना चाहिए।
16. पर्यावरण शिक्षा स्कूल स्तर पर शुरू की जाये।
17. पर्यावरण संबंधी कानूनो मे सुधार कर उसका कड़ाई से पालन किया जाये।
18. मूलभूत आर्थिक क्रियाकलापों की विविधता के लिए प्राकृतिक सजीव संसाधनों के प्रबंध को उच्च प्राथमिकता देनी होगी, लेकिन भूमि और जल प्रबंधन पर ध्यान दिए बगैर इसकी व्यवस्था करना नुकसानदेह ही होगा।
Muja pradushan ka kush sujav chaita
जवाब देंहटाएंPradushan ka pradushan ka kuchh upay bataiye
जवाब देंहटाएंPradushan se bachne ke upaye.
जवाब देंहटाएंThank you
जवाब देंहटाएंThank you
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