समष्टि अर्थशास्त्र के उद्देश्य (samasti arthashastra ke uddeshya)
समष्टि अर्थशास्त्र के उद्देश्य इस प्रकार है--
1. उत्पत्ति एवं आर्थिक विकास
सभी बाजार अर्थव्यवस्था में प्रसार एवं संकुचन की स्थिति देखी जा सकती है जिसे व्यापार या व्यवसाय चक्र की संज्ञा दी जाती है। इसके अतिरिक्त कभी अत्यधिक बेरोजगारी की स्थिति भी पायी जाती है । इस लिए समष्टि अर्थशास्त्र का यह उद्धेश्य है की वह इनके कारणों की जांच करे तथा उत्पत्ति को ऊँचे स्तर पर कायम रखने तथा तेज गति से आर्थिक विकास के उपाय बतलातें है ताकी रोजगार के उच्चे स्तरपर रोजगार प्राप्त हो सके।
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2. मुद्रास्फीति का नियंत्रण
बाजार अर्थव्यवस्था पर कीमत वृद्धि की ऊँची दर का बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही मुद्रास्फीति का नियंत्रण एवं कीमत स्थायित्व भी इसका दुसरा प्रमुख लक्ष्य है।
3. व्यापार चक्र पर नियंत्रण
व्यापार चक्र बाजार अर्थव्यवस्था की देन है ऐसी कमी की स्थिति में उत्पत्ति एवं रोजगार में तेज गति से वृद्धि होती है तो कभी इनमे तेजी से गिरावट आती है समष्टि आर्थिक नीति का यह भी लक्ष्य है की व्यापार चक्र को समाप्त कर के आर्थिक स्थिरता स्थापित की जाय।
4. मौद्रिक समस्याएं हल करना
मुद्रा से सम्बन्धित समस्याओं जैसे, मुद्रा प्रसार, मुद्रा का संकुचन का विश्लेषण एवं उसको समझना व्यापक आर्थिक विश्लेषण से ही मुमकीन है।
5. व्यापार चक्र को रोकना
एक गतिशील अर्थव्यवस्था की प्रमुख समस्याओं जैसे, आर्थिक उच्चावचन राष्ट्रीय आय आदि के विश्लेषण समाधान ढ़ूँढ़ने एवं उनके संबंध में व्यवहारिक नीति निर्देश में व्यापक आर्थिक विश्लेषण की विधि बड़ी मददगार है।
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