थोक व्यापार (विक्रेता) का अर्थ
थोक व्यापार से अर्थ ऐसे व्यापारी से है जो निर्माता या उतपादकों से भारी मात्रा में माल क्रय करके उसे आवश्यकतानुसार थोडी-थोडी मात्रा में फुटकर व्यापारियों को बेचा जाता है थोक व्यापार कहलाता है।
थोक व्यापार की परिभाषा
विलियम जे. स्टाण्टन के अनुसार,'' थोक व्यवसाय के अन्तर्गत उन लोगों को उत्पाद या सेवाओं का विक्रय करना और उसमें प्रत्यक्ष रूप से सम्बन्धित सभी क्रियाओं को करना सम्मिलित है जो पुनविक्रय या व्यावसायिक प्रयोग के उद्धेश्य से खरीदते है।''
सेन्सस ब्यूरो आफ अमेरिका के शब्दों में,'' सभी व्यापारी, प्रतिनीधि संगहकर्ता,जो एक और उत्पादकों के माध्य और दूसरे और फुटकर व्यापारियों अथवा उपयोगकर्ता के बिच मध्यस्थता करते है थोक संस्थान कहलाते है।''
लिप्सन एवं डॉर्लिग के शब्दों में,'' थोक विक्रेता वह मध्यस्थ है जिसके ग्राहक व्यावसायिक उद्धेश्य से लाभर्जन से प्रेरित होकर माल क्रय करते है।''
मैसन एवं रथ के अनुसार,'' एक व्यक्ति या फर्म जो वस्तुएं क्रय करती है और फिर उन्हें या तो फुटकर विक्रेताओं या उपभोक्ताओं को पुन: बेचने के लिए अथवा व्यावसायिक फर्मो को औधोगीक अथवा व्यावसायिक उपयोग के लिए विक्रय करती है थोक विक्रेता कहलाती है।''
थोक व्यापारी या विक्रेता की विशेषताएं
थोक व्यापार की विशेषताएं इस प्रकार है--
1. थोक व्यापार की आर्थिक स्थिति बहुत सुद्रढ होती है।
2. थोक वितरण में थोक व्यापारियों के लाभ का प्रतिशत बहुत ही कम ही होता है।
3. थोक व्यापार वस्तुओं के विपणन में सहायता प्रदान कर मांग व पूर्ति में समानता बनाये रखता है।
4. थोक व्यापारि के लिए दुकान की स्थिति और सजावट को विशेष महत्व होता है यह थोक व्यापार की चौथी विशेषता है।
5. थोक व्यापारी निर्माताओं और उत्पादकों से बहुत अधिक मात्रा में माल खरीदते है।
6. थोक व्यापारियों के आर्थिक साधन होने की वजह से निर्माताओं से नकद माल खरीदते है इसके बाद फुटकर व्यापारियों को उधार माल बेचते है।
7. थोक व्यापारी न तो उतपादक है और न ही निर्माता और न ही वह फुटकर विक्रेता है उसकी स्थिति इन दोनों के बीच मध्यस्थ की है।
8. वर्तमान समय में थोक व्यापारी निजी ब्रांड के अधीन भी वस्तुओं का विपणन करने लगे है और साथ ही निर्माताओं को बहुत प्रकार की विपणन सेवाएं उपलब्ध कराने लगे है।
9. थोक व्यापारी वस्तुओं के संग्रह के साथ-साथ उनको विभिन्न श्रेणी में भी करते है।
थोक व्यापारी या विक्रेता के कार्य
थोक व्यापारी के कार्य इस प्रकार है--
1. वस्तुओं को एकत्रित करना
थोक व्यापारी अलग-अलग निर्माता या उत्पादकों से उच्चय कोटी की वस्तुओं को मांगकर उनको एक केन्द्रीयकरण करते है।
2. मूल्य निश्चित करना
थोक व्यापार में मांग एवं पूर्ति में समानता बनाकर मूल्य निश्चित किया जाता है।
3. संग्रहण
थोक व्यापारियों के द्वारा वस्तुओं को मांग से पहले ही एकत्रित कर उसे कुछ समय तक सुरक्षित रखने का कार्य करना पडता है जब तक की फुटकर विक्रेताओं द्वारा उनके क्रय नही कर लिया जाता है।
4. परिवहन
थोक व्यापार में फुटकर विक्रेताओं को माल ले जाने के लिए परिवहन की सुविधाओं को उपलब्ध कराने का कार्य भी थोक व्यापारी करते है।
5. सूचनाएं देना
ग्राहको व वस्तुओं के बारे में विभिन्न सुचनाओं को एकत्रित कर उनको उत्पादकों एवं फुटकर विक्रेताओं तक पहुंचाने का कार्य भी थोक व्यापार के अन्तर्गत किया जा सकता है।
6. जोखिम उठाना
थोक व्यापार में सीधे उत्पादक या निर्माता से भारी मात्रा में माल क्रय करने का जोखिम थोक व्यापारी ही उठाते है।
7. श्रेणीयन
अलग-अलग उत्पादकों की वस्तु कों एकत्रित कर उनको श्रेणी के अनुसार बांटना भी थोक व्यापारियों के अन्तर्गत आता है।
8. थोक व्यापार का आठवा कार्य उत्पादक एवं निर्माता को अग्रिम राशि भेजकर उनकी सहायता करना। इसी प्रकार थोक व्यापारी फुटकर व्यापरियों को उधार बेचकर उनकी आर्थिक सहायता करते है।
9. अन्य कार्य
थेाक व्यापारी यह सभी कार्यो के अलावा पैकेजिंग, प्रमापीकरण, बाजार, अनुसंधान, आदि थोक व्यापपरियों के ही कार्य है।
शायद यह आपके लिए काफी उपयोगी जानकारी सिद्ध होगी
Thok vyapar bhi karta ka arth hai
जवाब देंहटाएंThok vyapari ke karya kya hai
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