सम्प्रेषण के क्षेत्र मे वैज्ञानिक प्रगति ने वर्तमान समय को सूचना क्रांति के युग के रूप मे परिभाषित किया है। जैसे-जैसे व्यावसायिक जगत का विकास होता है, लोग की अपेक्षाओं के अनुरूप संप्रेषण या संचार मध्यमों के नवीन स्वरूपों की खोज एवं उनका विस्तार होता है।
अठारहवीं शताब्दी के अंत तक प्रत्यक्ष वार्ता संप्रेषण के पर्याय माने जाते थे। उन्नीसवीं शताब्दी के प्रारंभ मे, बहुप्रतिलिपिकरण, फोटोकाॅफी, रेडियो, टेलीविज़न इत्यादि संप्रेषण या संचार के साधनों का प्रयोग होने लगा, किन्तु उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध मे संप्रेषण के क्षेत्र मे इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल एवं अन्य तकनीकों ने एक नवीन युग का सूत्रपात किया।
संप्रेषण या संचार के आधुनिक साधन या स्वरूप (sampreshan ke adhunik sadhan)
संप्रेषण/संचार के आधुनिक सानध इस प्रकार है--
1. पेजर
भारत मे पेजर यन्त्र का प्रयोग पहली बार 1982 मे एशियन गेम्स मे किया गया था। यह आयताकार 3.5 इंज लम्बा तथा 2.2 इंच चौड़ा छोटा-सा यंत्र होता है जो आने वाले संदेशों को लिखित रूप मे यंत्र को स्क्रीन पर दिखाता है। इसका बेतार कनेक्शन पेपर बाॅक्स से जुड़ा होता है। संदेश पर यह यंत्र ' पीप-पीप की ध्वनि करता है और यंत्र धारक बटन दबाकर संदेश प्राप्त कर लेता है।
पेजर के लाभ
1. इस यंत्र को जेब मे डालकर व्यक्ति निर्धारित परिधि मे कहीं भी घूम सकता है।
2. पेजर धारक संगठन से निरन्तर संपर्क मे रहता है।
पेजर की सीमाएं या दोष
1. यह निर्धारित परिधि मे ही क्रियाशील होता है।
2. यह केवल निश्चित भाषा मे ही लिखित संदेश प्राप्त करता है।
3. एकलमार्गीय होता है। इसका धारक संदेश प्राप्त कर सकता है, दे नही सकता।
2. सैल्युलर फोन
सेल्युलर शब्द अंग्रेजी के "सेल' शब्द से बना है। इसे कोशिका कहा जाता है। इन्ही सेल कोशिकाओं के माध्यम से सैल्युलर फोन्स कार्य करते है। इसे मोबाइल भी कहा जाता है। क्योंकि यह एक छोटा-सा यंत्र है जिसे आसानी से जेब मे रखा जा सकता है और प्रयोगकर्ता आसानी से कहीं भी ले जा सकता है। सेल्युलर फोन हैंडसेट के अंदर एक एफ.एम. ट्रान्समीटर होता है जो शब्द की आवत्ति को घटा-बढ़ाकर संकेत मे बदलकर प्रसारित करता है।
यद्यपि सैल्युलर फोन पद्धति प्रमुख रूप से मौखिक संप्रेषण का एक माध्यम है। सेल्युलर फोन का प्रयोग बड़ी आसानी से वाहनों एवं देश के किसी भी हिस्से मे जहाँ इस संचार प्रणाली की सुविधा उपलब्ध है, किया जा सकता है। सेल्युलर फोन "समय प्रबंधन" का एक प्रमुख उपकरण है क्योंकि इसके माध्यम से एक व्यवसायी अपने कीमती समय को अधिक उत्पादक बना सकता है। जब संचार की सामान्य संप्रेषण प्रणालियों खराब हो जाती है, विशेष तौर पर प्राकृतिक आपदा बाढ़, भूकंप के समय की स्थिति मे सैल्युलर फोन पद्धति एक वरदान साबित होती है। सेल्युलर फोन पद्धति उन व्यवसायियों के लिये अत्यधिक उपयोगी है जो अपने व्यवसाय को निरन्तर गतिशील बनाने के लिये यात्रा करते है। सैल्युलर फोन उस स्थिति मे भी उपयोगी है जब किसी कारणवश हमारे टेलीफोन खराब हो जाते है और हम अपने को असहाय पाते है।
सैल्युलर फोन के लाभ
सैल्युलर फोन के लाभ इस प्रकार है--
1. सैल्युलर फोन का उपयोग वाहन अथवा यात्रा करते समय अथवा सुदूर क्षेत्रों मे सैल्युलर फोन धारक द्वारा आसानी से उपयोग किया जा सकता है।
2. सैल्युलर फोन प्राकृतिक आपदा की स्थिति मे जब भूकंप अथवा बाढ़ के कारण हमारी तारों पर आधारित संचार प्रणाली काम नही करती, तब यह अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।
3. सैल्युलर फोन द्वारा दूसरे सैल्युलर फोन अथवा परम्परागत तारों पर आधारित टेलीफोन पर वार्ता करना संभव होता है।
4. सैल्युलर फोन समय प्रबन्धन के लिये महत्वपूर्ण है। इसके द्वारा समय प्रबंधन कर व्यापारी अपनी उत्पादकता मे वृद्धि कर सकता है।
सैल्युलर फोन की हानियां या सीमाएं
सैल्युलर फोन की सीमाएं इस प्रकार है--
1. सैल्युलर फोन के नंबर अधिक लम्बे होते है विशेष रूप से भारतीय परिप्रेक्ष्य मे सैल्युलर फोन का नंबर कम से कम 10 अंको का होता है। इसलिए इसे याद रखने एवं लिखने मे थोड़ी सी असुविधा महसूस होती है।
2. सैल्युलर फोन अत्यधिक छोटा होता है और इसे कही भी आसानी से जेब मे रखकर ले जाया जा सकता है। इसलिए सैल्युलर फोन के खो जाने का भय सदैव बना रहता है।
3. सैल्युलर फोन का प्रयोग विशेष रूप से वाहन चलाते समय असुविधा एवं बड़ी दुर्घटना को जन्म देने जैसा है।
3. फैक्स
फैक्स दूर संचार द्वारा लिखित दस्तावेजों अथवा चित्रों को प्रेषित करने की एक विधि है। अधिकृत फैक्स प्रेषण सामान्य टेलीफोन के नेटवर्क द्वारा होता है। सामान्यतया जो प्रलेख या सूचना भेजनी हो उसे फैक्स मे डाल दिया जाता है, जहां भेजना होता है वहाँ के कोड-नंबर के बटन दबाते ही उसकी हू-ब-हू नकल प्राप्तकर्ता को मिल जाती है।
फैक्स मशीन के लाभ
फैक्स के लाभ इस प्रकार है--
इस यंत्र से संदेश भेजना सरल कार्य है।
2. इस क्षेत्र मे संदेश लिखित मे छप जाता है।
3. व्यापारी की अनुपस्थिति मे मशीन मे संदेश छप जाता है।
4. कुछ ही सेकंड या मिनट मे संदेश कही भी भेजा जा सकता है।
5. सावधानी से प्रयोग हो तो डाक खर्च के बराबर ही संदेश भेजने का खर्च होता है।
फैक्स का महत्व
फैक्स संप्रेषण प्रणाली बहुत ही शीघ्रता से कम लागत मे कार्य करती है। इस प्रणाली द्वारा महत्वपूर्ण दस्तावेजों को व सूचनाओं को बिना विलम्ब किये आसानी से इच्छित व्यक्ति तक पहुँचा सकते है। फैक्स प्रणाली की इसी विशेषता के कारण संचार प्रौद्योगिकी मे बहुत परिवर्तन आ गया है तथा फैक्स दैनिक कार्यप्रणाली से लेकर चिकित्सा, स्वास्थ्य, बीमा, शिक्षा, व्यापार, कृषि बैकिंग एवं अन्य क्षेत्रों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
3. ई-मेल
यह इंटरनेट की डाकसेवा है तथा इसका पूरा नाम इलेक्ट्रानिक मेल है। इस सेवा का प्रयोग करके आप किसी भी तरह की सूचना तथा संदेश को कंप्यूटर के द्वारा दुनिया के किसी भी कोन मे भेज सकते है अथवा फिर कहीं से भी भेजी गई इलेक्ट्रानिक मेल को प्राप्त कर सकते है। सूचनाओं के आदान-प्रदान का यह सबसे सस्ता तरीका है। इसके लिए जरूरी है कि जिस व्यक्ति को आप ई. मेल करना चाहते है उसके पास ई-मेल ID का होना जरूरी है। ई-मेल सुविधा संप्रेषण के अन्य साधनों की बजाय संदेश को तीव्रता के साथ एक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह को संप्रेषित करती है। इस प्रणाली मे उपग्रह के द्वारा संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजे जाते है।
ई-मेल पूर्ण आवश्यकताएं एवं प्रक्रिया
ई-मेल के द्वारा संदेश भेजने अथवा पाने के लिए दोनों का ई-मेल पता होना जरूरी है। इसके लिए android मोबाइल या कंप्यूटर के साथ-साथ इंटरनेट कनेक्शन का होना जरूरी है।
ई-मेल की प्रक्रिया हेतु दोनो सिरों पर कंप्यूटर टर्मिनल की जरूरत होती है। इसमे कंप्यूटर की स्क्रीन पर संदेश टाइप किया जाता है तथा फिर भेजा जाता है। ई-मेल सुविधा को प्राप्त करने के लिए जब संदेश को ई-मेल पते के साथ इंटरनेट आधारित कंप्यूटर पर डाला जाता है तो पहले कंप्यूटर के साथ जुड़ा मोडेम कंप्यूटर मे संग्रहित संदेश को डिजिटल रूप से एनलाॅग रूप मे परिवर्तित करके दिये गये पते पर भेज देता है। वह कंप्यूटर जिस पर संदेश भेजा गया हो उससे जुड़ा मोडेम उसे दोबार एनलाॅक रूप से डिजिटल रूप मे बदलकर सूचना संग्रहित कर लेता है।
4. वीडियो कान्फ्रेंसिग
आजकल संप्रेषण के इस माध्यम का तेजी से चलन हो रहा है। भू-मंडीलीय व्यापार के क्षेत्र मे संप्रेषण के इस माध्यम का महत्व निरंतर बढ़ रहा है। संप्रेषण के इस माध्यम मे एक समय मे विभिन्न स्थानों पर बैठे हुए लोग टेलीविजन से जुड़े रहते है। इस तरह के संप्रेषण मे आवाज तथा चित्र ही कार्य करते है। इस संप्रेषण मे भाग लेने वाले व्यक्तियों को आवाज़ सुनाई देने के अतिरिक्त चित्र भी दिखाई देता है। यह सचित्र संप्रेषण का महत्वपूर्ण साधन है। इसमे संदेशों को भेजने के अतिरिक्त एक-दूसरे से सजीव वार्ता भी की जा सकती है। इस माध्यम के द्वारा हावभाव, मुखमुद्रा एवं भावभंगिमा का भी संप्रेषण हो जाता है। हमारे देश के लगभग हर जिले मे विडियों काॅन्फ्रेंसिंज की सुविधा है।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की कार्यप्रणाली
विडियों काॅन्फ्रेंसिंग की प्रक्रिया विभिन्न स्थानों के टेलीविज़न टर्मीनल, जो नेटवर्क से जुड़े हो, कार्य करते है। संप्रेषण के इस तरीके मे भाग लेने वाले एक-दूसरे को देख सकते है तथा सुन सकते है। एक सभागृह की तरह वह एक-दूसरे से सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते है। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग कंप्यूटर के द्वारा तथा बिना कंप्यूटर के द्वारा भी हो सकती है।
विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के लाभ
1. शीघ्र संदेश या संप्रेषण का साधन-- यह संप्रेषण का त्वारित तरीका है।
2. इस तरह के संप्रेषण मे कई लोगों को एक साथ भागीदार बनाया जा सकता है।
3. संप्रेषण के इस माध्यम मे सुनने तथा देखने की सुविधा प्राप्त होती है।
4. इसमे बिना यात्रा के ही सभा-सम्मेलन की सुविधा प्राप्त हो जाती है।
5. विभिन्न स्थानों पर बैठे लोग आमने-सामने की तरह संप्रेषण कर सकते है।
5. उपग्रह संप्रेषण या संचार
उपग्रह दो प्रकार के होते है एक प्राकृतिक उपग्रह, जैसे-- चन्द्रमा, दूसरा मनुष्य द्वारा निर्मित उपग्रह जैसे-- आर्यभट्ट, इनसेट I, II । जब मानव निर्मित उपग्रह उपकरण को पृथ्वी (ग्रह) की कक्षा मे स्थापित किया जाता है, जहाँ पर वह अध्ययन द्वारा विभिन्न प्रकार की सूचनाएं एकत्रित करके प्रेषित करते है। इन उपग्रहों द्वारा प्रेषित सूचनाएं जैसे-- विभिन्न चैनल एवं समाचार पत्र को सूचनाएं, विभिन्न फैक्स सेवाएं, मौसम की जानकारी एवं चित्र तथा इंटरनेट की सूचनाएं आदि प्राप्त होती है।
उपग्रह संप्रेषण प्रणाली के माध्यम से विभिन्न देशो की सूचनाओं को हमारे देश की सूचनाओं से आदान-प्रदान किया जा सकता है। इसे ही उपग्रह संप्रेषण कहा जाता है।
6. सिटीजन बैण्ड रिडियो
सिटिजन बैण्ड रेडियो तकनीक लगभग 20 किलोमीटर के व्यास के लिए मौखिक संप्रेषण की तकनीक है। इसमे लगभग 27 MHZ संप्रेषण के लिए संदेश भेजने के लिए रखा जाता है। सिटीजन बैण्ड रिडियो के सेट साधारण एवं सस्ते है। अतः इस बेतार प्रणाली के द्वारा ग्रामीण तथा विछड़े दूरदराज के क्षेत्रों मे संदेश प्रसारित करने की सस्ती तथा उपयोगी पद्धति है। भारत सरकार ने ग्रामीण अंचलों मे इसका जाल बिछाने का प्रयत्न किया है। लगभग 40 चैनल सिटीजन बैण्ड रेडियो के अब तक आबण्टित किये जा चुके है।
8. इंटरनेट
इंटरनेट आधुनिक विश्व के विभिन्न स्थानों पर स्थापित कम्प्यूटर के नेटवर्क को टेलीफोन लाइन की सहायता से जोड़कर एक अति आधुनिक अन्तर्राष्ट्रीय संप्रेषण मार्ग है। इंटरनेट पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक सूचनायें अथवा संदेश क्षण भर मे ही अविलम्ब पहुंच जाते है। इंटरनेट प्रत्येक छोटी से छोटी एवं बड़ी से बड़ी आवश्यकताओं का विकल्प है।
यदि हम हम संप्रेषण के विभिन्न माध्यमों की गति एवं वृद्धि का अवलोकन करे तो हम पायेंगे कि रेडियो लगभग 40 वर्षों मे 50 मिलियन व्यक्तियों तक पहुंचा, जबकि इतने ही व्यक्तियों तक के लिए टी.वी एवं कंप्यूटर को 13 से 16 लगे, जबकि इंटरनेट मात्र 4 वर्षों मे 50 मिलियन व्यक्तियों तक पहंच गया।
इंटरनेट की कार्यविधि
1. इंटरनेट ब्राउजर
इंटरनेट ब्राउजर एक ऐसा साॅफ्टवेयर होता है जिसकी मदद से हम इंटरनेट का प्रयोग करते है। यह साॅफ्टवेयर ही हमारे कंप्यूटर मे इंटरनेट को जोड़ने मे मदद करता है तथा इसके द्वारा ही लिखित सामग्री से लेकर फिल्में या विडियों देखी जाती है।
2. जरूरी सामग्री
1. एक्सटर्नल मोडेम या इंटरनल मोडेम
2. टेलीफोन हैंडसेट
3. कनेक्टर केबल
4. टेलीफोन वायर।
3. कनेक्शन बनाना
यदि आपने इंटरनेट कनेक्शन लिया हुआ है तो इसका प्रयोग करने के लिए आपको अपने कंप्यूटर मे इसकी स्थापना करनी होगी।
इंटरनेट के प्रयोग
1. ई-बैंकिंग
इसे ऑन लाइन बैंकिंग भी कहा जाता है। इस सुविधा से लोगों को बैंक मे कतारें नही लगानी पड़ती है। उनका समय तथा पैसा बचता है। हम घर बैठे ही अपने खाते की पूर्ण स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते है। इस तरह की ऑन-लाइन बैंकिंग मे ग्राहक अपनी सेवा स्वयं करता है। इस क्षेत्र मे टेली बैकिंग तथा मोबाइल बैंकिंग का प्रयोग तेजी से बढ़ा रहा है।
2. ई-मार्केटिंग
यह इंटरनेट के द्वारा क्रय-विक्रय करने की एक सुविधा है। आज हम अमेरिका मे बैठकर एक मिनट मे भारत के किसी विभागीय भंडार अथवा घड़ी के शो रूप से कोई भी घड़ी खरीद सकते है। इसमे कंपनियां इंटरनेट के माध्यम से अपनी वस्तु के संबंध मे ग्राहक की प्रतिक्रिया जान सकते है। आज हमारे देश मे बहुत-सी कंपनियां, विभागीय भंडार, क्रेडिट कार्ड द्वारा इंटरनेट के माध्यम से माल की बिक्री करती है।
8. वाॅयस मैसेज सिस्टम
यह तकनीक अनुपलब्ध व्यक्ति हेतु संदेश छोड़ने हेतु प्रयोग की जाती है। इस तकनीक मे संदेशवाहक अपने संदेश को टेलीफोन माध्यम से रिकाॅर्ड कराकर, संबंधित व्यक्ति के टेलीफोन कनेक्शन के वाॅयस-मेल-बाॅक्स मे डाल देता है और साथ मे अपना नाम, पता एवं टेलीफोन नंबर डाल देता है। यह संदेश उसके फोन पर पहुंच जाता है जिसे वह व्यक्ति बाद मे सुन लेता है। इस तकनीक मे संदेश सर्वदा संक्षिप्त तथा पूर्ण होना चाहिए।
वाॅयस मैसेज सिस्टम के लाभ
1. इसका सबसे बड़ा लाभ यह है की अगर वह व्यक्ति, जिसे हम संदेश देना चाहते है, वह उपलब्ध नही है तो वह बाद मे उसे वह संदेश मिल जाता है।
2. संदेश भेजने वाले को दोबारा संदेश भेजने की जरूरत नही होती।
3. इसमे संदेश अपने मूल रूप मे श्रोता तक पहुँच जाता है।
4. इस तकनीक मे धन व समय की काफी बचत होती है।
5. अगर वह व्यक्ति जिसको यह संदेश भेजा गया है, चाहे तो इस संदेश को अन्य किसी व्यक्ति को भी भेज सकता है।
शायद यह आपके लिए काफी उपयोगी जानकारी सिद्ध होगी
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