अंकेक्षण रिपोर्ट का अर्थ (ankekshan report kya hai)
अंकेक्षक को कंपनी के अंशधारियों के द्वारा कंपनी के हिसरब-किताब की जांच के लिए रखा जाता है। अपना कार्य समाप्त करने के बाद अंकेक्षण अपनी जांच संबंधी कार्यों तथा निष्कर्ष का सारांश रूप में एक वितरण अंशधारियों को देता है यह रिपोर्ट अंकेक्षण रिपोर्ट कहलाती है।
अंकेक्षण रिपोर्ट के प्रकार (ankekshan report ke prakar)
अंकेक्षण रिपोर्ट के प्रकार इस इस तरह से है--
1. अंतिम रिपोर्ट
जब अंकेक्षण अपना कार्य समाप्त करने के बाद जो अंकेक्षण रिपोर्ट देता है उसें अंतिम रिपोर्ट कहते है। यह समस्त रिपोर्ट व्यापारिक अवधि के लिए बनाई जाती है। प्राय: अंकेक्षण की अंतिम रिपोर्ट ही दी जाती है। एक कंपनी के लिए इस रिपोर्ट का बहुत महत्व होता है इस लिए अंकेक्षण को यह रिपार्ट बहुत ही सावधानी से रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए।
2. अन्तरिम रिपोर्ट
कभी-कभी अंकेक्षण को अपने कार्य के दौरान अर्थात वर्ष के बीच में ही रिपोर्ट देनी होती है। यह रिपोर्ट 'अन्तरिम रिपोर्ट' कहलाती है। कंपनी में अन्तरिम लाभ को बांटने या कोई अचानक कार्य के संबंध में अन्तरिक रिपोर्ट की आवश्यकता होती है,कंपनी का अनुसंधान करते समय, यदि सरकार का आदेश हो अनुसंधान कर्ता को अन्तरिम रिपोर्ट देनी पड़ती है।
3. अंशत: रिपोर्ट
जब अंकेक्षण को सभी खातों की जानकारी के लिए नही बल्कि खातें के एक भाग के लिए नियुक्त किया जाता है, तो अंकेक्षण जो रिपोर्ट तैयार करनी होती है वह रिपोर्ट अंशत: रिपोर्ट कहलती है।
4. स्वच्छ रिपोर्ट
खातों का अंकेक्षण करते समय अंकेक्षण को सारी सूचनाएं एंव स्पष्टिकरण प्राप्त हो जाते है। खातों की जांच करते समय कोई गलतियां व अशुद्धि नही पाई जाती है। लाभ-हानि खाता वर्ष का शुद्ध लाभ सही दर्शाता है चिटठा फार्म की सही व उचित स्थिति प्रकट करता है वह जो रिपोर्ट प्रस्तुत करता है वह रिपोर्ट स्वच्छ रिपोर्ट कहलाती है।
5. मर्यादित रिपोर्ट
जब अंकेक्षण व्यापार के खातों से संतुष्ट नही होता, जब खातों में अशुद्धियां व अनियतिताएं पायी जाती है तब उस परिस्थिति में अंकेक्षण अपनी रिपोर्ट में उपरोक्त सभी त्रुटियां, अनियमिततांओं का उल्लेख कर देता है तो इस रिपोर्ट को मर्यादित रिपार्ट कहते है।
स्वच्छ रिपोर्ट और मर्यादित रिपोर्ट में अन्तर
दोनो में अन्तर इस प्रकार है--
1. स्वच्छ रिपोर्ट वह रिपोर्ट जहां अंकेक्षण को पुस्तकों की जांच करने के बाद कोई अशुद्धि नही रहती है। जबकि मर्यादित रिपोर्ट में यदि अंकेक्षण के हिसाब- किताब में कोई कमी पाता है तथा उसकी संतुष्टि नही हो पाती है।
2. स्वच्छ रिपोर्ट में कंपनी का चिट्ठा एवं लाभ-हानि खाता व्यापार की सही व उचित स्थिति दर्शाती है। मर्यादित रिपोर्ट में कमी को अपनी रिपोर्ट में शामिल करके इसका उल्लेख करता है।
शायद यह जानकारी आपके लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी
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