आदेश की एकता किसे कहते है? aadesh ki ekta ka kya arth hai)
आदेश की एकता का अर्थ है कि संगठन के अंतर्गत कार्य करने वाला कोई भी कर्मचारी अपने से ऊँचे केवल एक से आदेश ग्रहण करेगा। यदि संगठन मे दो परस्पर विरोधी आदेशों को मानने को किसी कर्मचारी को कहा जाता है तो उससे प्रशासन मे अकुशलता उत्पन्न होगी।
फेयाॅल का कथन है," संगठन के किसी भी कर्मचारी को केवल एक ही अधिकारी द्वारा आदेशित किया जाना चाहिए।"
पिफनर का मत है," नियंत्रण की एकता या आदेश की एकता का अर्थ है कि संगठन का सदस्य एक और केवल एक अधिकारी के प्रति जवाबदेह होगा।"
सेना मे तो इसका अत्यधिक महत्व है। कहावत भी है कि," दो अच्छे जनरलों की बजाय एक खराब जनरल ज्यादा ठीक होता है।" बगैर इस सिद्धांत के सेना तो अपने अभीष्ट की प्राप्ति नही कर सकती। प्रशासन मे इस सिद्धांत की आवश्यकता निम्म कारणों से प्रतीत होती है--
1. कोई भी संगठन अपनी संरचना मे दोहरे नियंत्रण का अभ्यस्त नही होता।
2. जब विभाग मे दो प्रमुख बन जाते है या अधीनस्थों को दोहरे आदेश मिलते है तब प्रशासन लड़खड़ा जाता है।
3. किसी भी कर्मचारी को केवल एक अधिकारी के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।
4. दोहरा नियंत्रण होने या दो अधिकारी होने पर हो सकता है, कर्मचारी किसी भी आज्ञा का पालन न करे तथा उनमें परस्पर उलझाव पैदा कर दे।
5. दोहरे आदेश होने पर, हो सकता है, उनमें परस्पर विरोध हो।
6. आदेश की एकता के अभाव मे उत्तदायित्व निश्चित करना कठिन होगा।
इस तरह प्रशासन मे एक ही व्यक्ति के आदेशों का पालन उसके अधीनस्थ करें, यही आदेश की एकता है।
संदर्भ; मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी, लेखक श्री डाॅ. एल. डी. गुप्ता।
Aadesh ki Ekta per tippani
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