आंतरिक निरीक्षण व आंतरिक अंकेक्षण में अन्तर
आन्तरिक निरीक्षण व आन्तरिक अंकेक्षण में अन्तर इस प्रकार है--
1. आन्तरिक निरीक्षण व्यापार के व्यवहारों को लिखने की प्रणाली है। वही दूसरी और आन्तरिक अंकेक्षण लेखों की जाचं करने वाली प्रणाली है।
2. आन्तरिेक निरीक्षण का कार्य लेखा विभाग के कर्मचारियों के द्वारा किया जाता है। वही आन्तरिक अंकेक्षण संस्था के अन्दर ही अलग-से चुने हुए कर्मचारियों द्वारा किया जाता है।
3. आन्तरिक अंकेक्षण का उद्धेश्य त्रुटियों और छल-कपट को रोकना है। इसमें आन्तरिक अंकेक्षण का उद्धेश्य किये गये छल-कपटों और उनकी गलतियों को ढ़ूढना है।
4. आन्तरिक निरीक्षण का समय तय होता है आन्तरिक निरीक्षण कार्य के शुरूवात से लेकर अखिरी तक चलता रहता है कार्य समाप्त होते ही आन्तरिक निरीक्षण भी समाप्त हो जाता है। जबकि आन्तरिक अंकेक्षण में लेखा कार्य समाप्त हो जाने के बाद भी विशेष कर वर्ष के पूरे होने पर होता है।
5. आन्तरिक निरीक्षण में लेखा प्रणाली की विश्वसनीयता और संप्रभाविकता की परख होती है। जबकि आन्तरिक अंकेक्षण लेखा प्रणाली और आन्तरिक निरीक्षण दोनों की विश्वसनीयता और सम्प्रभाविकता की परख होती है।
6. आन्तकि निरीक्षण यह एक प्रयोजक प्रक्रिया है। वही दूसरी और आन्तरिक अंकेक्षण उपदेशक प्रक्रिया
है।
7. आन्तरिक निरीक्षण में व्यवहारों व लेखा के साथ-साथ निरीक्षण कार्य चलता रहता है। इसके विपरीत आन्तरिक अंकेक्षण में पूनरीक्षण वर्ष के अन्त में किया जाता है।
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Point 3 me ankeshan hi likha h nirikshak ka point hi nhi hai
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