संगठन की विशेषताएं
भिन्न-भिन्न लेखक 'संगठन' शब्द का अर्थ अपने-अपने दृष्टिकोण से लेते हैं; परन्तु एक बात जो सभी में सांझी है, वह यह है कि संगठन भिन्न-भिन्न व्यक्तियों के मध्य अधिकृत संबंध स्थापित करना है, ताकि यह संगठनात्मक उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायता कर सके। संगठन की निम्नलिखित विशेषताएं हैं--
1. कार्य का विभाजन
संगठन का संबंध करोबार के साथ होता है। यह सारा काम गतिविधियों और कार्यों में विभाजित होता है। भिन्न-भिन्न गतिविधियाँ कार्य को प्रभावशाली ढंग से करने के लिए भिन्न-भिन्न शक्तियों को सौंपी जाती है। इसका परिणाम कार्य का विभाजन होता है। यह बात नही है कि एक व्यक्ति कई काम नही कर सकता; परन्तु काम की कार्य-कुशलता के सुधार के लिए अलग-अलग कार्यों में यह विशेषीकरण की आवश्यकता हैं। संगठन काम को संबंधित गतिविधियों में बाँटने में सहायता करता है जिसके साथ यह काम भिन्न-भिन्न व्यक्तियों को सौंपे जाएं।
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2. तालमेल
अलग-अलग गतिविधियों में तालमेल उतना ही आवश्यक हैं, जितना कि कार्य का विभाजन। यह भिन्न-भिन्न गतिविधियों के एकीकरण व सुनियोजित करने में सहायता करता हैं। तालमेल द्वारा काम के दोहरेपन और देरी से बचा जा सकता है। वास्तव में संगठन के कई कार्य एक-दूसरे पर निर्भर करते है और एक का प्रभाव दूसरे पर होता है। यदि सभी गतिविधियों में तालमेल हो, तो सभी भागों की कारगुजारी पर बुरा असर पड़ता हैं।
3. सांझे उद्देश्य
एक संगठनात्मक ढाँचा उद्यम के उद्देश्यों की प्राप्ति का माध्यम हैं। भिन्न-भिन्न भागों के लक्ष्य समूचे उद्यम के मुख्य उद्देश्यों की प्राप्ति करते हैं। संगठन के ढाँचे की सांझे व स्पष्ट लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बनाया जाना चाहिए। यह उन्हें ठीक ढंग से पूरा होने में सहायता करेगा।
4. सहयोगपूर्ण संबंध
संगठन समूह के सदस्यों के बीच सहयोग के संबंध स्थापित करता है। संगठन एक व्यक्ति के साथ अस्तित्व में नही आता। इसलिए कम-से-कम दो या अधिक व्यक्तियों की आवश्यकता होती हैं। संगठन एक प्रणाली है जो भिन्न-भिन्न व्यक्तियों के बीच अर्थपूर्ण संबंध स्थापित करने में सहायता करता हैं। संबंध समानान्तर स्तर तथा निम्न से उच्च स्तर दोनों के साथ होने चाहिए। संबंधों का यह ढाँचा इस प्रकार का होना चाहिए कि यह कर्मचारियों की सामूहिक रूप में प्रभावशाली और सहयोगपूर्ण विधियों में काम करने के लिए प्रोत्साहित करें।
5. सुस्पष्ट परिभाषित अधिकार और कर्तव्य
संगठन में सर्वोच्च पद से लेकर निम्नतम की आसामियों की श्रृंखला होती है। सदैव एक केन्द्रीय पूर्ण संगठन का अधिकार होता है जिस से अधिकारों की श्रृंखला फैली होती है। यह श्रृंखला संचार प्रणालियों तथा अधिकारों और पारस्परिक संबंधों को उचित परिभाषित किया गया हैं।
Sangathan ke Aadhar aur sangathan ke karya upload kar do please
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