7/03/2021

वेश्यावृत्ति का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं

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वेश्यावृत्ति का अर्थ 

veshyavritti arth paribhasha visheshta;वेश्यावृत्ति, वेश्या स्त्री और वैश्यागामक (पुरूष) के मध्य एक अनैतिक संबंध है। इस संबंध का मुख्य आधार धन या अन्य वस्तुएं है। इस प्रकार किसी भी महिला द्वारा धनोपार्जन के उद्देश्य से वेश्यागामी पुरूष जो उसका पति नही होता है, किया गया स्वतंत्र व्यापार वेश्यावृत्ति है। 

आधुनिक युग मे स्त्री पुरुष के यौन संबंधों मे तेजी से स्वतंत्रता आ रही है। वर्तमान यौन संबंधों को पहले जितना बुरा बुरा नही माना जाता है। नवयुवक नवयुवतियाँ स्वतंत्र रूप से यौन संबंध रखना चाहते है। यह वेश्यावृत्ति का आधुनिक स्वरूप है, जो भौतिकवादी सभ्यता और संस्कृति से जन्मा है। इस सभ्यता मे धन कि का अधिक महत्व है। जो धनवान है, समाज उसी का सम्मान करता है। इसका परिणाम यह हुआ कि आज वे स्त्रियाँ जो काफी शिक्षित है, इस व्यवसाय को शिक्षित एवं सभ्य  ढंग से करती है, क्योंकि ये व्यवसायिक रूप मे अब कोठे पर नही बैठती है, बल्कि कुछ समय के लिए विशेष स्थान पर जैसे-- बड़े-बड़े होटल, रेस्ट्राँ अथवा गुप्त स्थान पर मिलती है। वर्तमान मे इन्हें काॅल गर्ल के नाम से जाना जाता है।

वेश्यावृत्ति की परिभाषा (veshyavritti ki paribhasha)

क्लीनर्ड के अनुसार," वेश्यावृत्ति एक भेद रहित धन की प्राप्ति के लिए यौन संबंध की स्थापना होती है, जिसमें उद्वेगात्मक उदासीनता होती है।" 

इलियट और मेरिल के अनुसार," वेश्यावृत्ति एक प्रकार का अवैध यौन संबंध है जो अनेक व्यक्तियों के साथ धन प्राप्ति हेतु स्थापित किया जाता है, जिसमें प्रेम जैसे उद्वेगों का अभाव होता है। वेश्यावृत्ति और दो प्रेमियों के मध्य अवैध यौन संबंधों मे अंतर होता है। वेश्यावृत्ति में प्रेम और स्नेह नही सर्वथा अभाव होता है।" 

फ्लैक्सनर के अनुसार," वेश्यावृत्ति में तीन मुख्य बातें होती है--

1. विनिमय अर्थात् धन की प्राप्ति, 

2. यौन आवश्यकता की सन्तुष्टि, और

3. भावात्मक तटस्थता।

वेश्यावृत्ति की सबसे बड़ी विशेषता अवैध यौन संबंध है। इस संबंध के द्वारा उसे धन प्राप्त होता है। अगर अवैध यौन-संबंध स्थापित हो जाय किन्तु इसके बदले में रूपये प्राप्त नही होते है तो भी हम हमें वेश्यावृत्ति कह सकते है।

वेश्यावृत्ति की विशेषताएं (veshyavritti ki visheshta)

वेश्यावृत्ति की निम्न विशेषताएं है--

1. वेश्यावृत्ति एक व्यवसाय है 

वेश्यावृत्ति किसी एक विशेष सुख, आनन्द, शौक अथवा सेक्स संबंधी अनुभवों के लिए नही की जाती है, वरन् स्त्रियां इसे जीविका के साधन के रूप में अपनाती है। अपने शरीर का कुछ समय के लिए व्यापार करती है। कुछ सामान्य वेश्यायें ऐसी है जिनकी आय अत्यधिक है। इस प्रकार की वेश्याओं की फीस बहुत ज्यादा होती है जिनकी फीस केवल अमीर व्यक्ति ही दे सकते है। इसलिए वे अमीरों की तरह सी बड़े ठाट-बाट से रहती है।

2. उद्वगेहीनता 

यह ऐसा अवैध यौन संबंध है जिसमें प्रेम संबंधी भावनाओं, विचारों, उद्वेगों आदि का अभाव पाया जाता है। पुरुष और स्त्री दोनों ही जो इस समझौते में सम्मानित होते है, वे इस तथ्य से भली-भाँति परिचित होते है कि जो उनके मध्य यौन-संबंधी समझौता है, वह कुछ समय के लिए गया है जिसके लिए पर्याप्त धन दिया गया है। अस्तु इस प्रकार के यौन संबंधी समझौते मे प्रेम संबंधी विचारों का कोई अस्तित्व नही होता है। पुरुष वेश्याओं के पास केवल अपनी हवस को मिटाने के लिए जाता है। 

3. अवैध यौन संबंध

इस व्यवसाय मे दो पक्षों के मध्य यौन-संबंधी जो समझौता होता है, उसकी कोई वैधानिक मान्यता नही होती है। अतः वेश्याओं के साथ जो यौन संबंध स्थापित किये जाते है, वे अवैध होते है।

4. वेश्यावृत्ति का उद्देश्य आर्थिक लाभ

वेश्यावृत्ति की एक विशेषता यह है कि वेश्या का उद्देश्य आर्थिक लाभ होता है। सामान्त युग से लेकर आज तक का इतिहास इस बात का साक्षी है कि स्त्रियों ने धन के लिए ही अपने शरीर को बेचा है। कुछ ने अपने जीवन की गाड़ी को ढकेलने के लिए इस व्यवसाय को विवशता में अपनाया और कुछ ने इसलिए कि वह कुछ ही दिनों में धनी बन जाएँ। आधुनिक युग मे वेश्यावृत्ति के परिवर्तित स्वरूप इसके प्रमाण है कि भले अच्छे परिवार की लड़कियाँ इस व्यवसाय को इस ढंग से करती है कि उसका अनुमान लगाना कठिन है। इसका भी उद्देश्य अधिक से अधिक धन कमाना होता है।

5. वेश्यावृत्ति मे भेदभाव का अभाव होता है

वेश्यावृत्ति के व्यवसाय में किसी प्रकार भेद-भाव नही होता है। वेश्या का उद्देश्य अपने यौवन को कुछ समय के लिए बेचना है। वे स्वेच्छा से बेचती है अर्थात् इसे किसी भी जाति का व्यक्ति खरीद सकता है।

7. यौन का केन्द्रीयकरण 

इस व्यवसाय मे संपूर्ण ध्यान यौन संबंधी आकर्षण के प्रति होता है। वेश्या जब तक युवती, सुन्दरी और आकर्षक है तक तक उसका बाजार और व्यापार चलता रहता है। वे व्यक्ति जो वेश्या के पास जाते है उनका उद्देश्य वेश्या से न तो प्रेमालाप करना है और न प्रेम संबंधी उद्देश्यों को प्रकट करना ही। वे तो वेश्या के यौन आकर्षण के गुलाम होते है जिसे वे खरीदते है।

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