7/30/2023

समाचार लेखन के मुख्य आयाम

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समाचार लेखन के मुख्य आयाम 

वर्तमान में सार्वजनिक कार्यकलाप इतने बढ़ गये है तथा उनमें इतनी विविधता आ गयी हैं कि एक संवाददाता या सामान्य संवाददाताओं के एक दल के लिए सभी ओर ध्यान देना संभव नहीं हैं। इन्हीं कारणों से धीरे-धीरे विशेषीकृत संवाद-लेखन का विकास हुआ हैं। खेलकूद, सिनेमा, वाणिज्य तथा न्यायालय संबंधी समाचारों हेतु विशेष संवाददाताओं की आवश्यकता है। 

समाचार लेखन के मुख्य आयाम इस प्रकार हैं--

1. क्रीड़ा जगत 

खेलकूद का क्षेत्र विभिन्न भागों में विभक्त है और अलग-अलग खेलकूदों के लिये अलग-अलग संवाददाताओं की आवश्यक होती हैं। क्रिकेट, हाकी, फुटबाल, टेनिस, बेडमिंटन, खो-खो, शतरंज, ब्रिज जैसे खेलों तथा दूसरी क्रीड़ाओं के लिए ऐसे विशेष संवाददाताओं की आवश्यकता होती है जो अपने कार्य में दक्ष हों। भारत में कई समाचार-पत्रों में खेलकूद के स्तंभ-लेखक होते है जो खेलकूद की प्रतियोगिताओं तथा मैचों का विश्लेषण करते हैं और उन पर टिप्पणियां लिखते हैं। राष्ट्रीय समाचार पत्र अपने बाहर या चौदह पृष्ठों में से एक पूरा पृष्ठ या उससे भी ज्यादा भाग खेलकूद के समाचारों के लिये रखते हैं। 

2. व्यवसाय जगत 

राष्ट्रीय समाचार पत्रों में वाणिज्य के लिये भी एक पूरा पृष्ठ या उससे भी ज्यादा भाग होता हैं। संवाददाताओं द्वारा वित्त तथा वाणिज्य से संबंधित प्रत्येक प्रकार की जानकारी दी जाती हैं। विशेषज्ञों द्वारा आर्थिक एवं वित्तीय प्रवृत्तियों का मनोरंजक विश्लेषण दिया जाता हैं। विशेष संवाददाता, उद्योग, व्यापार, बैंकिंग, मुद्राबाजार तथा अन्य संबद्ध विषयों पर लिखते हैं। वाणिज्य का पृष्ठ शायद उतना लोकप्रिय नहीं होता जितना खेलकूद का पृष्ठ। किन्तु वह कम महत्वपूर्ण कदापि नहीं होता। इन विषयों के महत्व की पुष्टि इस तथ्य से हो जाती है कि भारत में कम से कम दो दैनिक समाचार पत्र ऐसे हैं जो पूर्णतः वाणिज्यिक समाचारों से संबंध रखते हैं। इनके नाम हैं, फायनेंसियल टाइम्स तथा इकाॅनोमिक टाइम्स। ये समाचार पत्र इसलिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं कि हमारा देश समाजवाद को साकार करने के प्रयत्न में आर्थिक मामलों की ओर अधिकाधिक ध्यान दे रहा हैं। 

3. सिने जगत 

इसके बाद सिनेमा समालोचक तथा संवाददाता आते हैं। इन संवाददाताओं को भाष्यकार भी कहा जा सकता हैं। संवाददाता को इस प्रयोजन के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित होना चाहिए। संगीत, नृत्य, नाटक, फोटोग्राफी तथा अन्य अनेक विषयों के लिये विशेषीकृत संवाद-लेखन की जरूरत होती हैं। 

4. विधि जगत 

कानून संबंधी संवाद लेखन एक विशेष संवाद लेखन होता हैं। आधुनिक कानूनों की जटिलता तथा बहुविविधता से प्रत्येक व्यक्ति का वास्ता पड़ता हैं। कानून का अज्ञान अक्षम्य होता हैं। आप भले ही न जानते हों कि कानून क्या हैं किन्तु मान लिया जाता कि आप कानून से परिचित हैं तथा यदि आप कानून को भंग करें तो दंड भुगतना ही पड़ता हैं। न्यायालय संबंधी संवाद लेखन के लिए संवाददाता को कानून तथा न्यायालयीन प्रक्रियाओं का ज्ञान होना आवश्यक हैं। मूल अधिकारों संबंधी संवैधानिक मामलों, प्रिवीयर्स तथा बैंक राष्ट्रीयकरण संबंधी मामलों जैसे समाचारों को सामान्यतः लोग बड़े चाव से पढ़ते हैं। 

5. सामान्य 

नये संवाददाता को पुलिस थानों, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों से समाचार लाने या शाहर में आने वाले या शहर से जाने वाले महत्वपूर्ण व्यक्तियों संबंधी समाचार लाने या छोटे-मोटे अग्निकांडों के समाचार, जिनकी जानकारी चिकित्सालय से प्राप्त हो सकती हैं, लाने के रोजमर्रा के काम पर भेजा जाता है। वे सामान्य समाचार एकत्र करते हैं। 

प्रशिक्षण की इस अवधि में नया संवाददाता छोटे समारोहों में, छोटी-मोटी घटनाओं के स्थलों पर जाता हैं तथा संवाद लिखता हैं। इनके संबंध में अच्छा संवाद लिखकर वह अपनी योग्यता का परिचय दे सकता है और नियमित संवाददाता बनने की उसकी संभावना बढ़ जाती हैं।

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